शिवसेना SC फैसला: महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनी रहेगी, यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय ने सुनाया है। उन्होंने बताया कि अगर उद्धव ने इस्तीफा नहीं दिया होता, तो सरकार को पुनः स्थापित किया जा सकता था। राज्यपाल के पास फ्लोर टेस्ट करवाने का अधिकार है।
एकनाथ शिंदे प्रेस कॉन्फ्रेंस (Eknath Shinde Press Conference): महाराष्ट्र विवाद पर आज सर्वोच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय आया है, जिसमें एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने फ्लोर टेस्ट कराने को अवैध घोषित किया, लेकिन उद्धव सरकार को पुनः स्थापित करने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया था, इसलिए उद्धव सरकार को पुनः स्थापित नहीं कर सकते। यदि उद्धव ने इस्तीफा नहीं दिया होता, तो निर्णय ले सकते थे। अब, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फैसले पर कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। एमवीए की आशाओं पर पानी फेर दिया गया है।
उद्धव की नैतिकता कहां खो गई?
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। उद्धव को यह जानकारी थी कि उनके पास बहुमत नहीं है। उद्धव को नैतिकता का उल्लेख नहीं करना चाहिए। सत्य की विजय हुई है। हमने कानून के अनुसार सरकार गठित की। हमने भाजपा के साथ साझा चुनाव लड़ा था। हमने लोगों के विचारों का सम्मान किया। हमने बाला साहेब के विचारों का सम्मान किया। उद्धव का इस्तीफा डर का प्रतिच्छेद था, नैतिकता का नहीं। उद्धव पर नैतिकता का उल्लेख शोभा नहीं देता। हमने शिवसेना को बचाने का कार्य किया है। चुनाव आयोग ने हमें प्रतीक दिया।
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फडणवीस की ताने देने वाली बात
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उद्धव के दल ने जो प्रश्न चुनाव आयोग के निर्णय पर खड़े किए थे, उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्टीकरण दिया है कि यह उनका अधिकार है प्रतीक देने का। संविधान के दसवें अनुसूची के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि राजनीतिक दल का निर्णय लेने का अधिकार स्पीकर के पास है। राज्यपाल द्वारा सरकार गठन के निमंत्रण को भी न्यायालय ने मान्य ठहराया है, यानी यह सरकार नियमानुसार गठित की गई है। यह पहले भी स्पष्ट था, लेकिन अब उन लोगों के लिए भी स्पष्ट हो गया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दिया। मेरा प्रश्न है कि जब सरकार बना रहे थे, तब आपकी नैतिकता कहां गई थी?
एमवीए पर पानी फेरने का काम
देवेंद्र फडणवीस ने आगे बताया कि महाविकास आघाड़ी के मंसूबों पर पानी फिर गया है। उद्धव ठाकरे को पुनः मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बनाया जा सकता, इस बात को सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्टता से जताया है। अयोग्यता निर्धारित करने का अधिकार केवल स्पीकर के पास है, न्यायालय ने यह बात साफ की है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह कोई असामान्य परिस्थिति नहीं है जिसके कारण सर्वोच्च न्यायालय अयोग्यता निर्धारित करे। फडणवीस ने उनके फैसले पर पूर्ण संतोष व्यक्त किया। वे लोग, जो अनुमान लगा रहे थे कि यह सरकार आज गिर जाएगी, अब खामोश हो गए हैं।