भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे अपने एक विवादित बयान को लेकर बुरी तरफ फंस चुके है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद से उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही।
दरअसल नारायण राणे ने मंगलवार को अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए आपत्तिजनक भाषण दिया था। उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को आजादी का साल नहीं पता। वह अपने भाषण के दौरान पीछे मुड़कर पूछ रहे थे कि आज़ाद होकर हमें कितना साल हो चुका है। अरे, ऐसे कैसे नहीं पता। मैं होता तो उन्हें वहीं थप्पड़ मारता। देश को आज़ाद होकर कितना समय हुआ वो इन्हें नहीं पता।
केंद्रीय मंत्री के विवादित बयान के सामने आने के बाद से मुंबई में शिवसेना आक्रामक हो चुकी है। महाराष्ट्र में राणे के खिलाफ कई FIR दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद नासिक पुलिस क्राइम ब्रांच ने नारायण राणे के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए थे।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जबसे नारायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विवादित बयान दिया था, तबसे ही वह राज्य सरकार के निशाने पर आ गए थे, नारायण राणे को चिपलून से हिरासत में लिया गया है, पुलिस का कहना है कि उन्हें गिरफ्तार करने के प्रक्रिया जारी है।
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बता दें कि नारायण राणे को पुलिस द्वारा रत्नागिरी जिले के संगमेश्वर थाने ले जाया गया है। उन्हें उनकी ही गाड़ी में बैठकर ले जाया गया। इस दौरान उनके कुछ समर्थकों द्वारा रोकने के प्रयास किए गए लेकिन पुलिस टीम अब चिपलून से निकल गई है।
बता दें कि नारायण राणे के खिलाफ अभी तक करीब 4 FIR दर्ज कराई जा चुकी है और रत्नागिरी कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है, इसके अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी नारायण राणे की अपील सुनने से साफ इंकार कर दिया है।
नारायण राणे का बयान आने के बाद से मंगलवार सुबह से ही नारायण राणे के खिलाफ शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया था। नासिक के साथ-साथ अब मुंबई, अमरावती, रत्नागिरी समेत कई शहरों में नारायण राणे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इतना ही नहीं नासिक स्थित भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पर पत्थरबाजी भी गई थी।
बताते चलें कि, इस घटना पर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी के दफ्तरों पर हमला करने को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कड़ी आपत्ति जताई है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सभी पुलिस कमिश्नरों को अपने-अपने इलाकों में उन लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए, जिन्होंने बीजेपी के दफ्तरों पर हमला किया है, राज्य में कानून का राज होना चाहिए, ये कोई तालिबान नहीं है।