नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में महत्व होता है, यदि घर का वास्तु ठीक ना हो तो बनते काम भी करने लगते हैं परंतु यदि घर में सभी वस्तुएं अपनी निर्धारित दिशा एवं स्थान पर होती है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचालन होता है। अक्सर हम दिन रात मेहनत करने के बाद भी मनचाहा परिणाम हासिल करने में नाकाम रहते हैं। खासतौर ऐसा होने की वजह हमारे ग्रहो का पक्ष में ना होना होता है। वास्तु शास्त्र में कई ऐसे मंत्रों की जानकारी दी गई है जिन का जाप करने से आप अपने किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर कर सकते हैं। इन मंत्रों में सबसे महत्वपूर्ण मंत्र भगवान शिव का सर्वोच्च मंत्र “ओम नमः शिवाय” है।
वास्तु के अनुसार यदि हम इस मंत्र का जाप करते हैं तो इससे या तो हम इस प्रकार की स्थिति से बाहर आ जाते हैं या फिर इस स्थिति का सामना करने की प्राप्ति शक्ति हमारे भीतर आ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भगवान शिव को ही सभी कारणों का कारण माना जाता है और शिव तत्व शाश्वत चेतना है जो हम शिव जी से प्रार्थना करते हैं तो हम शिवजी की चेतना से जुड़ने लगते हैं।
कालसर्प दोष होता है दूर
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, देवों के देव महादेव के “नमः शिवाय” पनाक्षरी मंत्र है, इस मंत्र में जब ओम को सम्मिलित किया जाता है तो यह मंत्र वह शक्तिशाली मंत्र बन जाता है। हर एक ग्रह पर महादेव का शासन है और यदि हम इस मंत्र का जाप करते हैं तो इससे किसी भी ग्रह के दुष्प्रभाव से बाहर निकला जा सकता है, फिर चाहे वह कालसर्प दोष ही क्यों ना हो। आपको बता दें हमारे जीवन में 9 ग्रहों और 9 नक्षत्र मौजूद है, जब ये नौ ग्रह इन 12 नक्षत्रों से गुजरते हैं तो यह 108 संयोजन का रूप लेते हैं। यदि हमारे जीवन में इन योगों का बुरा प्रभाव पड़ता है तो इससे निकलने के लिए हम ‘ओम नमः शिवाय’ का 108 बार जाप कर सकते हैं। वहीं इसके अलावा यह मंत्र हमें सोच की स्पष्टता भी प्रदान करता है।
जीवन में आती है सकारात्मकता
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, भगवान शिव का ‘ओम नमः शिवाय’ वे शक्तिशाली मंत्र है और यह एक बेहद सकारात्मक ऊर्जा छोड़ने वाला मंत्र भी है। जब हम प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करते हैं तो इससे हमारे शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यदि आप चाहे तो इस मंत्र के जाप के लिए शफाटिक या रुद्राक्ष की माला का भी उपयोग कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप करने से हमारे ग्रहों की स्थिति में सुधार होता है और उनकी रक्षा होती है। इसके अलावा यदि हम 41 दिनों तक इस मंत्र का रोजाना सुबह 108 बार जाप करते हैं तो इससे हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं।
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