पंजाब के पुलिस प्रमुख सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने लुधियाना में एक जिला अदालत परिसर के अंदर बम विस्फोट के दो दिन बाद, शनिवार को मामले की प्रारंभिक जांच से निष्कर्ष निकाला है। डीजीपी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रारंभिक जांच से पुष्टि हुई है कि बर्खास्त पूर्व पुलिस अधिकारी गगनदीप सिंह, जिन्हें पहले हमलावर समझा जा रहा था, वास्तव में वो अदालत परिसर के अंदर विस्फोटक ले गए थे।
ऐसा मानना है कि शायद “गगनदीप जेल में रहने के दौरान खालिस्तानी और ड्रग तस्करों सहित कुछ लोगों से मिले थे। जिनके पास बहुत अच्छा तकनीकी स्किल्स थी और शुरुआती पूछताछ से पता चलता है कि वह बम को असेंबल करने के लिए वॉशरूम के अंदर गया था। उन्होंने यह भी कहा, “हमारे पास मजबूत सुराग हैं कि विस्फोट के पीछे पाकिस्तान स्थित, खालिस्तान समर्थक नार्को-आतंकवादी हैं।”
गुरुवार को विस्फोट करने वाले गगनदीप मारे गए थे, जिससे छह अन्य भी घायल हो गए थे, आपको बता दें कि गगनदीप को 2019 में ड्रग्स के मामले में सेवा से बर्खास्त किया गया था और जिन्होनें दो साल जेल में बिताए थे। उन्हें इसी साल सितंबर में रिहा किया गया था। आपको बता दें कि धमाका कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल पर वॉशरूम के पास हुआ था।
पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि सिंह का संभावित मकसद डर पैदा करना था क्योंकि उनके ड्रग्स मामले की सुनवाई अगले दिन होनी थी। ये विस्फोट 23 दिसंबर को ऐसे समय हुआ था। जब पंजाब विधानसभा फरवरी-मार्च में होने वाले चुनाव की तैयारी कर रहा था।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को कहा कि कपूरथला कांड में किसी की बेअदबी का कोई सबूत नहीं है। जिस गुरुद्वारे में हत्या हुई, उस गुरुद्वारे के कार्यवाहक एक व्यक्ति को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है