बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत उनका पूरा परिवार मुसीबतों में घिरा हुआ नजर आ रहा है क्योंकि अब दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की और से दाखिल चार्जशीट पर अब संज्ञान ले लिया है।
इसके तहत ही अब दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, उनकी धर्मपत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती समेत कई लोगों को बीते सोमवार को समन भेजते हुए परेशानी में डाल दिया है।
भेजे गए समन में कोर्ट ने ये आदेश दिया है कि सभी आरोपियों को 15 मार्च तक कोर्ट में पेश होना होगा। इस केस में लालू यादव और उनकी पत्नी समेत 14 अन्य आरोपियों को घेरे में लिया गया है। दरअसल, बताया जा रहा है कि जब यूपीए की सरकार में लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे तब उन्होंने कई लोगों से नौकरी लगवाने के बदले उनकी जमीन और प्लॉट अपने नाम करवा लिए थे।
जानिए लालू के परिवार पर क्या लगा आरोप ?
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अगर बात करें आरोपों की तो इस मामले में जो भी जमीन ली गई वो या तो राबड़ी देवी के नाम थी या फिर उनकी बेटी मीसा भारती के नाम पर इसके अलावा और भी जो लोग आरोपी पाए गए हैं उन्होंने भी अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीने नियुक्त कर ली थी और अब जब मामला खुला है तो सभी बातें सामने आई हैं।
नौकरी के बदले ली गई थी जमीन ?
इस मामले में जो भी जमीन हड़पी गई वह सर्किल रेट और बाजार की दर से काफी कम कीमत पर पाई गई हैं। बता दें कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने नौकरी का लालच देते हुए लोगों से 2004 से 2009 के बीच ग्रुप डी के पदों के बदले अपने परिवार के नाम उनकी जमीन हड़प ली थी और इससे उन्हें काफी आर्थिक लाभ भी मिला था। बताया जाता है कि इसमें से अधिकतर लोग पटना से थे और उन्होंने नौकरी के लालच में आकर अपनी काफी जमीन लालू यादव के नाम कर दी थी।
इस मामले पर CBI का क्या कहना है ?
अगर इस मामले में CBI की माने तो रेलवे की भर्ती के लिए लालू यादव के मंत्रालय के द्वारा कोई भी सार्वजनिक नोटिस नहीं जारी किया गया था इसके बावजूद भी पटना के रहने वाले कई लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर समेत कई स्थानों पर नियुक्त कर दिया गया था। इस मामले में लालू यादव ने पटना में 1,05,292 फुट जमीन अपने परिवार के नाम करा ली थी।