जब आप बीमार होते है और आप को डॉक्टर फल खाने की सलाह अवश्य देते है। या फिर स्वास्थ्य को ठीक रखने की बात हो तब भी सभी विशेषज्ञ फल खाने की ही सलाह देते हैं। आज इस लेख में हम कीवी फल की बात करेंगे। कीवी फ्रूट स्वाद के साथ-साथ गुणों से भी भरपूर है।
कीवी एक ऐसा पौधा है जो फल देता है। फल का उपयोग भोजन और औषधि के रूप में किया जाता है। कीवी का उपयोग अस्थमा, कब्ज, उच्च रक्तचाप और अन्य स्थितियों के लिए किया जाता है, खाद्य पदार्थों में, कीवी का उपयोग मीट टेंडरिज़र और कुछ स्पोर्ट्स ड्रिंक्स में इंग्रिडेन्ट के रूप में किया जाता है। इसे अक्सर फल के रूप में खाया जाता है।
कीवी के बारे में कुछ फेक्टस-
कीवी का वैज्ञानिक नाम: एक्टीनीडिया डेलीसिओसा
सामान्य नाम: कीवी, कीवीफ्रूट
सामान्य हिंदी नाम: कीवी फल
कीवी फ्रूट का भौगोलिक विवरण:
कीवी फ्रूट मध्य और पूर्वी चीन का नेटिव है। कीवीफ्रूट का पहला विवरण सांग राजवंश के दौरान 12वीं शताब्दी में दर्ज किया गयाा था। 20वीं सदी की शुरुआत में, कीवी फ्रूट की खेती चीन से न्यूजीलैंड तक फैल गई, जहां पहली बार व्यावसायिक रोपण हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान न्यूजीलैंड में तैनात ब्रिटिश और अमेरिकी सैनिकों के बीच यह फल लोकप्रिय हो गया, और बाद में 1960 के दशक में पहले ग्रेट ब्रिटेन और फिर कैलिफोर्निया में सामान्य रूप से निर्यात किया जाने लगा। अब विश्व के कई हिस्सों में कीवी की खेती की जाती है।
कीवी फ्रूट को आप कैसे खाए-
आप कीवी,अनानास, आम, और स्ट्रॉबेरीइस को मिलाकर ताजा फल कॉकटेल बनाकर, इसमें थोडी मात्रा शहद मिलाकर भी आप इसको खा सकते हैं।
कीवी को सेब, पालक और नाशपाती आदि फलो के साथ मिलाकर इनका जूस बना सकते है।
कीवी को सलाद के रूप में भी अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। इसके साथ अनेक तरीको से आप कीवी के स्वाद और गुणों का भरपूर लाभ उठा सकते हैं।
यह कैसे काम करता है ?
ऐसी जानकारी है जो बताती है कि कीवी में उच्च मात्रा में पाए जाने वाले विटामिन सी या अन्य यौगिकों के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव अस्थमा से पीड़ित लोगों को लाभ पहुंचा सकते हैं।
कीवी फल के उपयोग –
अस्थमा में-
कीवी सहित विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल सप्ताह में एक या दो बार खाने से अस्थमा से पीड़ित लोगों में फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है।
कब्ज में –
प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि 4 सप्ताह तक प्रतिदिन दो कीवी फल खाने से कब्ज वाले लोगों में मल त्याग की संख्या बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर में-
प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि 8 सप्ताह तक प्रतिदिन तीन कीवी फल खाने से उच्च रक्तचाप वाले लोगों में प्रति दिन एक सेब खाने से अधिक ब्लड प्रेशरकम हो जाता है।
बड़ी आंतों का एक दीर्घकालिक विकार जिसके कारण पेट में दर्द होता है (चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम या IBS)। प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि 4 सप्ताह तक प्रतिदिन दो से तीन कीवी फल खाने से मल त्याग की संख्या बढ़ जाती है और कब्ज से पीड़ित IBS वाले लोगों में दर्द और कब्ज के अन्य लक्षणों को कम करता है।
डेंगू के इलाज में-
कीवी फल का सेवन डेंगू के इलाज में प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में लाभदायक है। लेकिन अभी तक यह पूरी तरह से चिकित्सकीय तौर पर साबित नहीं हो पाया है। कीवी का फल पूर्ण रूप से डेंगू को ठीक कर सकता है या नहीं। इसलिए पपीते के पत्तों का रस ही डेंगू में एक बेहतर विकल्प है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने में –
आज के समय में हाइपरलिपीडेमिया या उच्च कोलेस्ट्रॉल एक आम समस्या है जो दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है। बदला हुआ लिपिड प्रोफाइल हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए एलडीएल और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखना जरूरी है। एक अध्ययन में कीवी फल के लिपिड प्रोफाइल और लिपिड पेरोक्सीडेशन के अंकों पर प्रभावों की जांच की गयी जिसमें पाया गया कि बदलते लिपिड प्रोफाइल वाले लोगों ने हर सप्ताह दो कीवी फलों का सेवन 8 सप्ताह तक किया था। जससे उनके एलडीएल (ख़राब) कोलेस्ट्रॉल के साथ कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो गया और एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी बढ़ गया। इस प्रकार लिपिड प्रोफ़ाइल वाले लोग निश्चित रूप से रोज कीवी का सेवन कर सकते हैं।
अल्सर में-
कुछ वर्षों में टाइप 2 डायबिटीज मेलेटस की घटनाएं बहुत बढ़ी हैं। मधुमेह की समस्या न हो, इसके लिए प्लाज्मा ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रण में रखना जरुरी है। मधुमेह के कारण मधुमेह मेलेटस वाले व्यक्तियों के घाव भरने में ज्यादा समय लगता है। मधुमेह के कारण पैर में अल्सर और संक्रमण एक आम समस्या है। मधुमेह के कारण पैर के अल्सर के उपचार में कीवी बहुत लाभदायक है। कीवी में मौजूद प्राकृतिक यौगिकों ने घाव भरने की प्रक्रिया में सुधार लाया है। क्योकि कीवी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है। कीवी डायबिटीज मैलिटस वाले व्यक्तियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।
पेट की समस्या में –
ऐसा कहा जाता है कि पेट की समस्या के कारण ही सभी रोगों की शुरूआत होती है इसलिए इसे स्वच्छ और स्वस्थ रखना जरूरी है।
कब्ज आज के समय में एक आम समस्या है जिसके कारण मल त्यागने में कठिनाई होती है। कीवी फल में फाइबर के साथ-साथ पेट साफ करने का भी गुण है। कीवी फल के रोजाना सेवन से पुरानी कब्ज से पीड़ित व्यक्तियों में बिना किसी नुकसान के मल त्यागने की प्रक्रिया बढ़ जाती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में-
कीवी फल विटामिन सी और विभिन्न पॉलीफेनोल की उपस्थिति के कारण प्रतिरक्षा को बढ़ाने में अहम योगदान निभाता है। प्रतिदिन तीन बार कीवी फल का सेवन करने वाले लोगों में ऑक्सीडेटिव तनाव बहुत कम था। कीवी फल में विटामिन सी, विटामिन ई और पॉलीफेनोल जैसे कैफीइक एसिड, क्वेरसेटिन, एपिकैटचिन और नारिनजेनिन पाए जाते हैं।जिनके कारण हृदय रोगों से सुरक्षा होती है।
तनाव से लडने में (शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रुप में)-
कीवी फल में विटामिन सी पाया जाता है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। कीवी का रोज़ सेवन शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करता है। कीवी एंटीऑक्सीडेंट का प्राकृतिक स्रोत है जो फ्री रेडिकल्स, ऑक्सीडेटिव तनाव और रोगों से लड़ने में मदद करता है।
प्रेगनेंसी में-
कीवी फल प्रेगनेंसी में अच्छा होता है। कीवी गर्भवती महिला से महत्वपूर्ण विटामिन उसके बच्चे तक पहुचाता है। यह स्पाइना बिफिडा (ऐसी स्थिति जहां रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से विकसित नहीं होती है) जैसे जन्म दोषों को रोकता है। इसके अतिरिक्त कीवी में फोलेट पाया जाता है। ये पोषक तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
हृदय के लिए
कुल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, नियंत्रित प्लाज्मा ग्लूकोज का स्तर, ट्रायग्लिसराइड्स का उच्च स्तर, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और प्लेटलेट एकत्रीकरण आदि आम तौर से हृदय रोग की समस्या का कारण बनते हैं। कीवी में मौजूद विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल हृदय रोगों के खतरे को कम करते हैं। प्रतिदिन 2 से 3 कीवी का सेवन करने से प्लेटलेट एकत्रीकरण और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम होता है। इस प्रकार रोजाना कीवी का उपयोग हृदय को सुरक्षित रख सकता है।
वजन कम करने में–
कीवी आपके शरीर में से विषाक्त पदार्थो को बहार निकलने में मदद करता है। 100 ग्राम कीवी में केवल 55 कैलोरी होती है। कीवी में कार्बोहाइड्रेट ज्यादातर फाइबर के रूप में होते हैं। इसके साथ-साथ इसमें घुलनशील फाइबर होता है जो आपकी भूख लगने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इस कारण आप कम खाते हैं जिससे आपका वजन कम होना लाजमी है।
कम रक्त चाप में-
एक अध्ययन में कीवी और सेब के ब्लड प्रेशर पर प्रभाव की तुलना की गई जिसमें पाया गया कि जिन लोगों ने प्रतिदिन कीवी का सेवन किया उनके रक्तचाप में कमी आई। कीवी एंटीऑक्सीडेंट और पोटेशियम में समृद्ध है जो रक्तचाप से पीड़ित लोगों में वाहिकाप्रसरण की तरह काम करते हैं और इस कारण रक्तचाप में कमी आती है।
कीवी फल के फायदे-
- डेंगू के इलाज में
- कोलेस्ट्रॉल कम करने में
- अल्सर में
- पेट की समस्या में
- प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में
- तनाव से लडने में (शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रुप में)
- प्रेगनेंसी में
- हृदय के लिए
- वजन कम करने में
- बेनिफिट्स फॉर स्लीप
- बालों के लिए
- कम रक्त चाप में
कीवी फल के नुकसान व विशेष सावधानियां और चेतावनी-
कीवी फल से स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ इसके नुकसान भी है-
गर्भावस्था और स्तनपान–
कीवी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है। यह जानने के लिए पर्याप्त विश्वसनीय जानकारी नहीं है कि गर्भवती या स्तनपान के दौरान दवा में पाई जाने वाली मात्रा में कीवी लेना सुरक्षित है या नहीं। सुरक्षित रहें और कीवी को दवा के रूप में लेने से बचें।
रक्तस्राव विकार–
कीवी रक्त के थक्के को धीमा कर सकता है। सिद्धांत रूप में, कीवी रक्तस्राव विकारों को बदतर बना सकता है।
एलर्जी–
कीवी उन लोगों में एलर्जी का कारण हो सकता है जिन्हें अन्य फलों, पौधों या मसालों जैसे एवोकैडो, बर्च पराग, अंजीर, हेज़लनट, लेटेक्स, खसखस, राई, तिल या गेहूं से एलर्जी है। अगर आपको इनमें से किसी भी उत्पाद से एलर्जी है तो कीवी फल खाने या कीवी उत्पाद लेने से बचें।
शल्य चिकित्सा–
कीवी कुछ लोगों में रक्त के थक्के को धीमा कर सकता है। सिद्धांत रूप में, कीवी सर्जिकल प्रक्रियाओं के दौरान रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकता है। निर्धारित सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले कीवी खाना या कीवी उत्पादों का उपयोग करना बंद कर दें।