भारतीय रेल में रोजाना ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी के बराबर यानी लगभग 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। भारतीय रेलवे दुनिया का एक ऐसा नेटवर्क है, जिसमें करीब 15 लाख लोग काम करते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा रोजगार देता है। भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। माल ढुलाई से लेकर एक जगह से दूसरे जगह यात्रा करने तक भारतीय रेल 66,687 किमी की दूरी पर फैला हुआ है और इसकी लंबाई 23,555 किमी है। आपको बता दें कि देश में कोयले की ढुलाई सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत रेलवे के जरिए ही की जाती है, इतने बड़े रूट पर 21 हजार से ज्यादा पैसेंजर और गुड्स ट्रेनें रोज दौड़ती हैं। वहीं अगर पेसेंजर की बात करें तो कोरोना से पहले रेलवे प्रतिदिन करीब 2.50 करोड़ लोग सफर करते थे। अब भारतीय रेल देश के कोने-कोने तक पहुंच गई है।
आपने भी कभी न कभी ट्रेन में सफर जरूर किया होगा। ट्रेन में सफर करना काफी दिलचस्प होता है। फ्लाईट के मुकाबले ट्रेन में वक्त तो ज्यादा लगता है, लेकिन किराया उससे कहीं ज्यादा कम लगता है। ट्रेन में यात्रा का अपना ही एक खूबसूरत अनुभव होता है।
यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ट्रेन में तरह-तरह के डिब्बे तैयार किए जाते हैं। आजकल कोच और क्लास दोनों का पता अपने फोन के जरिए लग जाता है, जिनकी मदद से यात्रियों को अपनी सीट खोजने में आसानी होती है। आज हम आपको विभिन्न प्रकार के डिब्बों के बारे में बताएंगे। तो आइए जानते हैं भारतीय रेलवे में मौजूद ट्रेन के डिब्बों से जुड़ी खास बातों के बारे में।
General Coach
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जनरल कोच में यात्रा करने के लिए तुरंत जाकर स्टेशन से भी टिकट खरीद सकते हैं। इस कोच के जरिए लोग छोटी यात्रा कर सकते हैं। इस कोच में यात्रा करने के लिए पहले से रिजर्वेशन करवाने की जरूरत नहीं होती और कोच में आपकी सीट भी तय नहीं होती। इसके अलावा अगर आपकी ट्रेन में ज्यादा भीड़-भाड़ है तो आप वो ट्रेन छोड़कर 24 घंटे के भीतर उस रूट की किसी भी ट्रेन के जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं।
2 AC Seater or CC Coach
इस कोच को चेयर कार (Chair Car) भी कहा जाता है। इस कोच में बैठने के लिए पहले से ही रिजर्वेशन कराना पड़ता है। यह कोच जनरल के मुकाबले आरामदायक होता है।
Sleeper Class
यह कोच लंबी यात्राओं के लिए होता है। इनमें आप सोते हुए भी यात्रा कर सकते हैं। इस कोच में यात्रा करने के लिए आपको पहले से रिजर्वेशन कराना होता है। ज्यादातर लोग इसी कोच में यात्रा करते हैं, जिस वजह से इस कोच की टिकट जल्दी से भर जाती हैं।
EC Chair Car
छोटी और आरामदायक यात्रा करने के लिए आपको एग्जीक्यूटिव कोच में सबसे सही होता है। इसमें चेयर कार के साथ आपको एसी के कोच मिलते हैं। दिन में सफर करने के लिए इस कोच में यात्रा करना एक अच्छा ऑप्शन है।
Third AC or Three Tier AC
लंबी रेल यात्राओं के लिए थ्री टायर एसी बेस्ट होता है। ये बर्थ में फुली एयर कंडीशनर होता है और इसमें सोने की सुविधा भी मिलती है। इसमें दोनों साइड मिलाकर 8 सीटें देखने को मिलती हैं। पहले के मुकाबले थर्ड एसी ज्यादा हो गया है।
Second AC
रेलवे में मौजूद सेकंड एसी थर्ड एसी के मुकाबले और ज्यादा बेहतर होता है। इसमें पर्दे लगे होते हैं और अलग से रीडिंग लैंप भी दिए जाते हैं। हालांकि कोरोना के कारण बेडिंग और पर्दे की सुविधाओं को हटा दिया गया है।
First AC Sleeper
फर्स्ट एसी स्लीपर रेलवे का सबसे महंगा क्लास होता है। इस क्लास की टिकट बाकी कोच के मुकाबले महंगी होती है। राजधानी की फर्स्ट एसी में कई लग्जरी सुविधाएं मिलती हैं। इस कोच में यात्रा करने का अपना एक अलग ही अनुभव होता है।