आज के इस युग में सिगरेट पीना मानो आम सी बात हो गई है। हालांकि इंटरनेट से लेकर इसके डिब्बे तक हर जगह यह बात बड़े सरल शब्दों में लिखी होती है कि सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है। इससे हमें कई सारी बीमारियां होती है। इससे फेफड़े समेत शरीर के कई हिस्सों पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन यह भी सच है कि एक बार जिसकी आदत लग जाए वो आसानी से नहीं जाती। वहीं, अगर इंसान ठान ले तो फिर वह क्या कुछ नहीं कर सकता। पैदा होते ही कोई इंसान सिगरेट पीना शुरू नहीं करता, इसकी लत धीरे-धीरे लगती है।
शुरू-शुरू में सिगरेट का चस्का नहीं होता, न ही लत होती है। कभी-कभार दोस्तों के साथ थोड़ा कूल दिखने, थोड़ा स्टाइल मारने के लिए एक कश ले लिया करते हैं। पहले पीना नहीं आता फिर धीरे-धीरे पीना भी सीख जाते हैं। शुरूआत में सभी को लगता है, हफ्ते-महीने में एकाध बार सिगरेट पीने कोई नुकसान नहीं होता। उन्हें लगता है हमें इसकी लत नहीं है और कभी लगेगी भी नहीं। इस गलतफहमी का शिकार हर कोई होता है। एक स्टडी के अनुसार अगर आप खुद को कैजुअल स्मोकर समझते हैं और कभी-कभार ही सिगरेट को हाथ लगाते हैं, तब भी आपको निकोटिन की लत लग सकती है। यह लत इतनी बुरी होती है कि यह फेफड़े समेत शरीर के कई हिस्सों पर बुरा असर डालती है। बहुत से लोग यह जानते हुए भी इसकी आदत नहीं छोड़ पाते कि सिगरेट पीने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं और कई बार तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में सिगरेट पीने वालों की संख्या 10 करोड़ से ज़्यादा है। वहीं, भारत में हर साल 10 लाख लोग सिगरेट पीने से मरते हैं। लोग हमेशा सोचते हैं कि आज से सिगरेट छोड़ देंगे। लेकिन फिर कुछ वक्त बात उनको उसकी तलब होने लगती है और वह सिगरेट की तरफ खिचते चले जाते हैं। ऐसे में हम आपको यहां बताएंगे कि सेगरेट से क्या परेशानी होती है और इसको छोड़ने के बाद शरीर में क्या फायदे होते हैं।
सिगरेट पीने के नुकसान
सिगरेट पीने से केवल कैंसर ही नहीं होता, इससे और भी कई सारी दिकक्तें होती हैं। सिगरेट पीने से हमारी उम्र रोज़ कम होती है।
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ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक
सिगरेट का सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। स्मोकिंग करने से ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना 2 से 4 गुना तक बढ़ जाती है। साथ ही स्मोकिंग करने से हृदय की धमनियां पतली होने लगती हैं, जिसके कारण खून का बहाव कम होने लगता है। ऐसे में व्यक्ति को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
बल्ड प्रेशर में बदलाव
सिगरेट में निकोटिन होता है। इसे पीने के 20 मिनट के अंदर व्यक्ति के रक्तचाप में बदलाव होने लगता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण दिल संबंधित बीमारियां होने लगती हैं। जो व्यक्ती ज्यादा सिगरेट पीता है उसका बीपी हमेशा फ्लक्चुएट होता रहता है।
एसिडिटी
सिगरेट के धुएं से फूड पाइप की मसल्स डैमेज हो सकती है। जिसके कारण पेट में मौजूद एसिड गले तक पहुंचता है और जलन होने लगती है।
आवाज पर असर और गला खराब
सिगरेट के धुएं से गले को काफी नुकसान होता है। स्मोकिंग से आवाज पर भारी असर पड़ता है। धुएं के कारण वोकल कोर्ड को नुकसान पहुंचता है, जिससे आवास खराब हो सकती है।
स्किन डैमेज
सिगरेट से निकलने वाला धुआं हमारे चेहरे और नाक को डेमेज करता है। इससे हमारे होंठों का रंग काला होने लगता है और उम्र से पहले झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
सांस फूलना
हम फेफड़ों से सांस लेते हैं। स्मोकिंग करने से धुएं में मौजूद टार हमारे फेफड़ों में जमा हो जाता है, जिससे हमारी नलियां ब्लॉके हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को थकान, सांस फूलने जैसी परेशानी होती है। सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड हमारे ब्लड में ऑक्सीजन लेवल को कम कर देता है और शरीर के सभी अंगों को भारी नुकसान हो सकता है। इससे अस्थमा की बीमारी भी होती है।
इसके अलावा और भी कई अन्य नुकसान सिगरेट पीने से ही होते ह। जैसे-
भूख ना लगना, निसंतान रहना, दांत काले पड़ जाना, मसूडों में सूजन और दर्द, दिल की धड़कने बढ़ जाना, आंखों की रौशनी कम हो जाना आदी।
सिगरेट छोड़ने के फायदे
सिगरेट पीने का तो कोई फायदा नहीं होता। लेकिन सिगरेट छोड़ने से शरीर में कई फायदे होते हैं। आप एक सिगरेट पिएं या दस सिगरेट, उसका हरेक कश खतरनाक है। एक सिगरेट आपकी जिंदगी के 90 सेकेंड कम कर देती है। इसे छोड़ने से हमें हमारी जिंदगी के वो 90 सेकेंड वापस मिल जाते हैं। इसे छोड़ने से दिल का दौर, सांस की बीमारी जैसे हर बीमारी से निजात मिलता है।
सिगरेट छोड़ने के उपाय
- इसके लिए एक डेट तय करें और उस दिन से छोड़ दें
- सिगरेट की जगह कोई और चीज़ खाएं
- अपने आप को बिजी रखें
- तनाव न लें
- शरीर में पानी की कमी न होने दें, खूब पानी पिएं.
- रोज एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर पिएं।
- घिसी हुई मूली खाएं
- ओट्स खाने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर स्मोकिंग की चाहत को कम करने में मदद मिलती है।
- जब भी स्मोकिंग की इच्छा हो 1 गिलास पानी में चुटकी भर लाल मिर्च पाउडर डालकर पी जाएं।
धूम्रपान छोड़ने के बाद के फायदे
धूम्रपान छोड़ने के बाद आपका ब्लड प्रेशर और पल्स पहले जैसी नॉर्मल होने लगेगी। यह फेफड़ों के लिए फायदेमंद है। ब्रोन्कियल ट्यूबों में मौजूद फाइबर फेफड़ों से जलन और बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करेंगे, जिससे संक्रमण का जोखिम बहुत कम हो जाएगा।
जब सिगरेट छोड़े हो जाए 8 घंटे…
जब आखिर सिगरेट पिए 8 घंटे हो जाते हैं तो खून में निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है, लेकिन आधी तो रहती है।
जब 12 घंटे हो जाए…
जब 12 घंटे हो जाते हैं तो शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड स्तर वापस सामान्य होने लग जाता है। इससे सबसे ज्यादा आराम आपके हार्ट को मिलता है, क्योंकि फिर हार्ट को ऑक्सीजन के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती।
जब चौबीस घंटे हो जाए
अगर आप एक दिन में एक पैकेट धूम्रपान करते हैं, तो आपको धूम्रपान न करने वाले के रूप में दिल का दौरा पड़ने की संभावना दोगुनी है. लेकिन, बिना सिगरेट के पूरा एक दिन निकल जाए तो आप भी धीरे- धीरे सामान्य लोगों की कैटेगरी में आने लग जाते हैं.
जब 48 घंटे हो जाए
2 दिन के बाद आपके स्मैल लेने के सेंस अच्छे होने लग जाएंगे। शुरूआत में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लग जाती है।
जब 2 सप्ताह से 3 महीने हो जाए…
अब तक आपके फेफड़े और मजूबत हो जाएंगे और साफ हो जाएंगे. आपका रक्त प्रवाह में सुधार होने लगता है. आप आसानी से एक्सरसाइज कर पाएंगे।
जब 3-9 महीने हो जाए…
इस वक्त आप आसानी से सांस लेने लग जाते हैं. इससे आपको सर्दी और अन्य बीमारियां कम होने में मदद मिलती है. आपकी एनर्जी में बढ़ोतरी होने लग जाती है.
जब 1 साल हो जाए…
इस वक्त समझ लीजिए कि आपके हार्ट संबंधी रोग होने का खतरा आधे से ज्यादा कम हो गया है.
Disclaimer
हमारा प्रयास रहता है कि हम आपके लिए एक दम सटीक जानकारी लेकर आए और इसलिए हम तथ्यों और विशेषज्ञों के द्वारा बताई गई ही जानकारी आपके लिए लेकर आते है। हम सभी का शरीर अलग-अलग तरीके का है। इसलिए इसे भी नकारा नहीं जा सकता कि हर टिप्स आपके शरीर पर एक ही तरह से काम करेगी। इसलिए किसी भी टिप को अपनाने से पहले आप अपने डॉक्टर या फिर किसी विशेषज्ञ की राय जरूर लें। हमारा काम आपके लिए होम रेमेडी और फिटनेस टिप लेकर आना है लेकिन उन्हें ट्राई करने से पहले आपको भी उसकी पूरी पड़ताल करनी चाहिए और तभी इन टिप्स को इस्तेमाल में लाना चाहिए।