‘अनेकता में एकता’ सिर्फ कुछ शब्द नहीं हैं, बल्कि यह एक ऐसी चीज़ है जो भारत जैसे सांस्कृतिक और विरासत में समृद्ध देश पर पूरी तरह लागू होती है। कुछ आदर्श वाक्य या बयान, भारत के उस दर्जे को बयां नहीं कर सकते जो उसने विश्व के नक्शे पर अपनी रंगारंग और अनूठी संस्कृति से पाया है। भारत अपनी संस्क्रिती, सभ्यता और पौराणिक कथाओं के लिए जाना जाता है। भारत में यूं तो कई खूबसूरत जगह हैं, लेकिन भारत की असली खूबसूरती यहां की पवित्र नदियों और पहांडों से आती है। भारत में पवित्र नदियों और पवित्र झीलों का एक नहीं बल्कि कई संगम स्थल मौजूद है और इस पवित्र नदियों और झीलों में डुबकी लगाने के लिए हर महीने लाखों भक्त पहुंचते हैं। यहां कई ऐसे कई सरोवर हैं, जिनका जिक्र पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। इन पवित्र सरोवरों में भारत के अलावा दूर-दूर से लोग स्नान करने आते हैं। यहां जानें भारत में मौजूद पवित्र सरोवरों के बारे में।
बिन्दु सरोवर
गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर रुद्र महल मंदिर और अरवदेश्वर शिव मंदिर के पास मौजूद बिन्दु सरोवर भारत के पवित्र सरोवरों में से एक माना जाता है। बिन्दु सरोवर के बारे में कहा जाता है कि इसका उल्लेख रामायण और महाभारत में भी मिलता है। लोगों का मनना है कि भगवान विष्णु के आंसू गिरने से बिन्दु सरोवर की उत्पत्ति हुई थी। यह सरोवर भारत के पांच पवित्र सरोवरों में से एक है।
मानसरोवर झील
मानसरोवर झील का नाम तो आपने कई बार सुना होगा। कैलाश पर्वत से लगभग बीस हज़ार से भी अधिक फीट की ऊंचाई पर मौजूद यह झील हिन्दू भक्तों के लिए पवित्रता का प्रतीक है। माना जाता है कि इस झील में स्नान करने से जिंदगी के सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। जिस तरह से कैलाश पर्वत पवित्रता का प्रतीक है ठीक उसी तरह यह सरोवर भी। इस झील को भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा से जोड़कर देखा जाता है।
पम्पा सरोवर
कर्नाटक के हम्पी में मौजूद पम्पा सरोवर पांच पवित्र सरोवरों में से एक है। यह कर्नाटक मौजूद है। पम्पा सरोवर में कई कमल के फूल देखने को मिल जाते हैं। लोगों का कहना है कि इस झील के पास माता पार्वती ने पंपला के रूप में भगवान शिव तपस्या की थी। इस सरोवर में स्नान करने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। इसे भगवान राम और लक्षण से भी जोड़कर देखा जाता है।
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नारायण सरोवर
गुजरात के कच्छ में मौजूद नारायण सरोवर एक पवित्र सरोवर होने के साथ-साथ हिन्दुओं के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल भी है। कहा जाता है कि यहा भगवान विष्णु नारायण के अवतार में प्रकट हुए थे। यही वजहहै की इसे नारायण सरोवर के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि इसके आसपास के मंदिरों को भी नारायण सरोवर मंदिर कहा जाता है। यहां पर नवंबर और दिसंबर में मेले का आयोजन भी किया जाता है।