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रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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जानिए ऐसे 10 प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल, सब्जी और प्लेटलेट्स कम होने पर क्या नहीं खाना चाहिए

बरसात आते ही खतरा बढ़ने लगता है डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारिया का इन बीमारियों में देखा जाता है कि मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती है और कई बार इन प्लेटलेट्स की कमी की वजह से लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ती है।

लेकिन अगर आप अपनी सेहत का ख्याल रखे और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें तो आप प्लेटलेट्स से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से खुद को बचा कर रख सकते है। इसके लिए आप प्राकृतिक फल और सब्जियों को अपने आहार में ले सकते है।

क्योंकि इनके सेवन से हमारे शरीर को काफी फायदे मिलते है लेकिन लोग इसकी बजाए ऐसी गोलियों और दवाईयों का सेवन कर लेते है जो कि उनकी सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित होती है।

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इसीलिए आज हम आपके लिए ऐसी जानकारी लेकर आए है जो कि आपकी इन समस्याओं से लड़ने में काफी मदद कर सकती है। आज हम आपको ऐसे 10 प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल और सब्जी (Fruits and vegetables for Platelets in Hindi) की जानकारी देंगे जो कि आपकी प्लेटलेट्स को बढ़ाने में काफी मदद कर सकती है।

तो कौनसे है वो फल और सब्जियां और आपको कैसे उनका सेवन करना चाहिए आइए उन्हें जान लेते है।

प्लेटलेट्स क्या है?

यह एक प्रकार की कोशिका होती है जो रक्त में मौजूद होती है। यह रक्त को जमने से रोकती है और इस प्रक्रिया को होमियोस्टेसिस (Hemostasis) कहा जाता है 1. प्लेटलेट्स की संख्या नियमित बनी रहना हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी होती है। किसी कारणवश इनके कम या ज्यादा होने पर आपको कई तरह के रोग होना शुरू हो जाते हैं 1. प्लेटलेट्स की सामान्य संख्या 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर (μL). जब हमें कहीं चोट लगती है, तो प्लेटलेट्स चोट की जगह पर तुरंत पहुंचते हैं और वहां जमकर एक प्लग या डैम बना देते हैं, जिससे रक्तस्राव रोका जाता है। प्लेटलेट्स एक फाइब्रिन प्रोटीन के साथ मिलकर रक्त को जमाने में मदद करते हैं, जिससे रक्त का थक्का (clot) बनता है।

प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाने पर व्यक्ति को असमान्य रक्तस्राव की समस्या हो सकती है, जबकि उनकी अधिकता होने पर अनवांछित रक्त के थक्के बन सकते हैं, जो जोखिमपूर्ण हो सकते हैं। इसलिए प्लेटलेट्स की सही संख्या रक्त में बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

मुझे होमियोस्टेसिस (Hemostasis) के बारे में और बताएं.

होमियोस्टेसिस (Hemostasis) एक प्रक्रिया है जो शरीर के अंदरी और बाहरी वातावरण के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है1. इसका मतलब है “समान होना” और “ठहरना”। हमारे शरीर में हमेशा परिवर्तनशीलता होती है, लेकिन होमियोस्टेसिस के कारण हमारे शरीर का आंतरिक माहौल स्थिर रहता है।

एक उदाहरण के लिए, पहाड़ों पर प्रवास करने वाले पर्वतारोही ऑक्सीजन की कमी का सामना करते हैं। इससे उनके शरीर में प्रतिक्रियात्मक परिवर्तन होता है, और इस परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए उनमें लाल रक्त कोशिकाएं (प्लेटलेट्स) अधिक बन जाती हैं2.

होमियोस्टेसिस संतुलन सुनिश्चित करता है कि:
प्रति माइक्रोलीटर (μL) में 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स3 होती हैं.
प्लेटलेट्स प्रमुख प्रक्रिया में सहायता करती हैं, क्षति-ग्रस्त कोशिकाओं को सुधार करती हैं, प्रमुख प्रक्रिया में सहायता करती हैं, प्रमुख प्रक्रिया में सहायता करती हैं2.

नार्मल प्लेटलेट्स कितनी होनी चाहिए?

नार्मल रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या प्रति मिक्रोलीटर रक्त में 150,000 से 450,000 के बीच होती है।

अगर प्लेटलेट्स की संख्या 150,000 प्रति मिक्रोलीटर से कम होती है, तो इसे थ्रोम्बोसिटोपेनिया कहते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति में आसानी से चोट लगने या अनवांछित रक्तस्राव की समस्या हो सकती है।

वहीं, अगर प्लेटलेट्स की संख्या 450,000 प्रति मिक्रोलीटर से ज्यादा हो जाए, तो इसे थ्रोम्बोसितोसिस कहते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति में अनवांछित रक्त के थक्कों का निर्माण होने का जोखिम बढ़ जाता है, जो खतरनाक हो सकता है।

यदि आपको लगता है कि आपके प्लेटलेट्स की संख्या असमान्य है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण क्या है?

प्लेटलेट्स की कमी, जिसे थ्रोम्बोसिटोपेनिया कहा जाता है, के कई लक्षण हो सकते हैं. यहाँ कुछ प्रमुख लक्षण दिए जा रहे हैं:

  • आसानी से चोट लगना और अनवांछित रक्तस्राव: थ्रोम्बोसिटोपेनिया में छोटी-छोटी चोटों पर भी अधिक रक्तस्राव हो सकता है।
  • पेटेचिए: ये त्वचा पर छोटे-छोटे लाल या पारदर्शी रंग के धब्बे होते हैं, जो छोटी रक्तवाहिकाओं के फट जाने के कारण होते हैं।
    लाल, बैंगनी या भूरे रंग की चोट, जिन्हें purpura कहा जाता है.
    नीली पड़ी चोटें (हेमतोमा): त्वचा के नीचे अच्छी तरह से दिखाई देने वाले रक्त के जमे हुए धब्बे।
  • नाक या मुंह से बिना किसी कारण के रक्तस्राव: अचानक नाक या मुंह से खून बहने लगता है।
  • धातु या मासिक धर्म के समय अधिक रक्तस्राव: महिलाओं में मासिक धर्म के समय असामान्य रूप से अधिक रक्तस्राव हो सकता है।
  • गंध मुद्रा या स्टूल में रक्त: मल में खून हो सकता है या पेशाब में खून दिख सकता है।
  • अच्छी तरह से न ठीक होने वाली चोटें: छोटी-छोटी कटौतीयाँ या चोटें अच्छी तरह से और समय पर नहीं भरती हैं।
  • पेटेचिया (petechiae) – नामक छोटे लाल या बैंगनी बिंदुओं के साथ धब्बे (स्पॉट्स) उत्पन्न होना.
  • पीलिया
  • थकान

अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे रहा है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। प्लेटलेट्स की कमी के कई कारण हो सकते हैं, और इसका उपचार आवश्यक होता है

प्लेटलेट्स कम होने का मुख्य कारण क्या है

प्लेटलेट्स की संख्या कम होने (थ्रोम्बोसिटोपेनिया) के कई कारण हो सकते हैं. ये कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

बोन मैरो की समस्याएं: बोन मैरो प्लेटलेट्स का उत्पादन करता है। अगर मैरो में कोई समस्या होती है, तो प्लेटलेट्स की संख्या प्रभावित हो सकती है। जैसे:

  • ल्यूकीमिया अन्य कैंसर प्रकार बोन मैरो की विरल इन्फेक्शन
  • दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि क्विनिन (एक प्रकार का मलेरिया इलाज), कैन्सर की चिकित्सा के लिए इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी, और अंतिबायोटिक्स जैसी कुछ अन्य दवाएं, प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकती हैं।
  • अधिक शराब का सेवन: अधिक मात्रा में शराब पीने से प्लेटलेट्स की संख्या में घातक हो सकता है।
  • इन्फेक्शन: धातु, जैसे डेंगू बुखार, से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
  • इम्यून थ्रोम्बोसिटोपेनिक पुर्पुरा (ITP): इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही प्लेटलेट्स को हमला करती है।
  • स्प्लीन की समस्याएं: स्प्लीन प्लेटलेट्स को जमा करता है और उन्हें नष्ट भी करता है। अगर स्प्लीन बड़ा हो जाए, तो यह अधिक प्लेटलेट्स को जमा कर सकता है, जिससे उनकी संख्या खून में कम हो जाती है।
  • हेपरिन इंड्यूस्ड थ्रोम्बोसिटोपेनिया (HIT): हेपरिन एक अंतिकोएगुलेंट दवा है। कुछ लोगों में, इस दवा का सेवन प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकता है।
  • अन्य रोग स्थितियाँ: जैसे कि विटामिन बी12 की कमी, फोलेट की कमी, और अधिक।

यदि आपको लगता है कि आपके प्लेटलेट्स की संख्या कम है या आपको उपर्युक्त लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय बताइए

प्लेटलेट्स की संख्या नियमित बनी रहना हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी होती है। किसी कारणवश इनके कम या ज्यादा होने पर आपको कई तरह के रोग होना शुरू हो जाते हैं 1. प्लेटलेट्स की सामान्य संख्या 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर (μL) 2.

प्लेटलेट्स की संख्या में सुधार के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय हैं, जैसे:

  • पपीता: पपीता में प्रोटीन, विटामिन C, E, K, फोलेट, जिंक, सेलेनियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम, मैंगनीज़, और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं 1.
  • अनार: अनार में प्रोटीन, विटामिन C, K, E, B6, मैंगनीशियम, पोटैशियम, पोलिफेनोल्स, और कैल्शियम होते हैं
  • मछली का तेल: मछली का तेल में omega-3 fatty acids होते हैं 1.
  • कद्दू: कद्दू में vitamin A, C, E, B6, folate, magnesium, potassium, and zinc होते हैं 1.
  • Wheatgrass: Wheatgrass is a rich source of chlorophyll and a variety of vitamins and minerals 1.
  • Vitamin-C से प्राप्त हरी पत्तेदार सब्जियाँ
  • कृपया ध्यान दें कि मैं केवल सामान्य सुझाव प्रदान कर सकता हूं. कुछ महत्वपूर्ण सलाह के लिए मेडिकल प्रोफेशनल से परामर्श प्राप्त करना सुनिश्चित करें

कम प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय

प्लेटलेट्स की कमी के समय, डॉक्टर की सलाह ही सबसे महत्वपूर्ण होती है, लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी होते हैं जो सहायक हो सकते हैं. निम्नलिखित हैं कुछ घरेलू टिप्स:

  • पपीते के पत्ते: पपीते के पत्तों में प्लेटलेट्स बढ़ाने के गुण होते हैं। आप पपीते के पत्तों का रस निकालकर उसे दो-तीन बार दिन में पी सकते हैं
  • चुकंदर: चुकंदर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मात्रा में आयरन होता है। आप चुकंदर को सलाद, सूप, या सब्जी के रूप में सेवन कर सकते हैं
  • कद्दू: कद्दू में प्रोटीन होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है
  • किशमिश: किशमिश में आयरन होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है 2
  • सुनहरी मिश्री: सुनहरी मिश्री में प्रोटीन, मिनरल, और विटामिन C होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है
  • सुंदरी: सुंदरी में प्रोस्टागलंडिन होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है
  • साबुन: साबुन से हाथों को 20-30 सेकंड धोने से पहले 20-30 सेकंड रगड़ने से प्लेटलेट्स की संख्या में 50% – 60% की वृद्धि होती है .
  • अनार: अनार विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • लहसुन: लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो प्लेटलेट्स के निर्माण में सहायक हो सकते हैं।
  • तुलसी: तुलसी के पत्तों का सेवन भी प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि कर सकता है।
  • घी और तिल: घी और तिल का सेवन करना भी प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि कर सकता है।
  • अच्छा पोषण: शारीरिक रूप से सेहतमंद रहने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए। जिसमें विटामिन B12, फोलिक एसिड और आयरन शामिल हैं। ये प्लेटलेट्स की संख्या के निर्माण में मदद कर सकते हैं।
  • हल्दी: हल्दी में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।
  • हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है, क्योंकि यह शरीर के सेल्स और रक्त प्लेटलेट्स को सहायक होता है।

फिर भी, यदि आपको लगता है कि आपके प्लेटलेट्स की संख्या कम है या आपको उपर्युक्त लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। घरेलू उपाय आपकी स्थिति में सहायक हो सकते हैं, लेकिन यह डॉक्टर की सलाह का स्थान नहीं ले सकते।

तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल और सब्जी ?

पपीते का सेवन

अगर Platelets को बढ़ाने वाले फलों की बात करें तो पपीते का नाम कैसे पीछे रह सकता है क्योंकि डेंगू के वक्त पपीते के पत्तों का रस पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि पपीता फल और उसके पत्तो में एसिटोजिनिन नाम का फाइटोकैमिकल पाया जाता है जो कि प्लेटलेट्स काउंट को बूस्ट करने का काम करता है।

इसके अलावा पपीते के पत्तो में पपेन और काइमोपपैन जैसे एंजाइम पाए जाते है जो कि हमारे शरीर में प्लेटलेट्स की कमी को पूरा करते है और इससे प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ने लगती है।

संतरे का सेवन

केवल इम्यून सिस्टम ही नहीं बल्कि शरीर में प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में भी विटामिन सी काफी कारगर होता है और संतरा विटामिन सी का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसीलिए अगर किसी मरीज के प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हो तो उसे संतरा और उसके जूस का सेवन कराना काफी लाभकारी माना जाता है।

इतना ही नहीं अगर रोज सुबह खाली पेट संतरे का जूस पीया जाए तो इससे भी बड़ी तेजी से प्लेटलेट्स की संख्या में बढ़ोतरी होती है क्योंकि संतरे में फोलेट नाम का पोषक तत्व पाया जाता है जो कि खून से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने में काफी सहायक होता है और यह फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसानों से भी हमारे शरीर को बचाता है।

कीवी का सेवन

कीवी को एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर फल माना जाता है और अगर किसी मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम हो रही हो। तो ऐसे मरीज के लिए कीवी किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है। कीवी के लिए ऐसा कहा जाता है कि अगर एक दिन में केवल 2 कीवी फल खाए तो इससे कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।

इसके अलावा कीवी के और भी कई फायदे होते है जैसे कि यह प्लेटलेट्स बढ़ाता है, एनिमिआ की समस्या को दूर करता है, विटामिन बी 12 की कमी को दूर करता है और हमारे शरीर को कई संक्रमण के खतरों से भी बचाता है।

अंगूर का सेवन

अंगूर में कई मिनरल्स, विटामिन और फाइबर पाए जाते है जो कि हमारे शरीर के लिए काफी अच्छे माने जाते है। यह पोषक तत्व प्लेटलेट्स को बढ़ाने में भी बहुत कारगर साबित होते है और अगर नाश्ते के वक्त अंगूर का सेवन किया जाए तो इससे पूरे दिनभर शरीर में ऊर्जा और ताजगी भरी रहती है।

जैसा कि हम जानते है कि अंगूर खट्टे फलों में आते है और हर खट्टे फल की तरह ही अंगूर में भी फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोलिक यौगिक पाया जाता है जो कि हमारे शरीर को हृदय रोग, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और रक्त के विकारो से सुरक्षित करता है।

चुकंदर का सेवन

फलों के अलावा सब्जियां भी प्लेटलेट्स को बढ़ाने में बहुत मददगार होती है उन्हीं में से एक सब्जी है चकुंदर, चकुंदर को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है जो कि हमें खून से जुड़ी कई समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।

चकुंदर का सेवन ना सिर्फ आप सलाद के रूप में बल्कि सब्जी या फिर सूप के रूप में भी कर सकते है। चकुंदर आयरन का अच्छा स्त्रोत भी माना जाता है जिससे हमारे ब्लड सेल्स को वृद्धि में काफी मदद मिलती है।

इसके अलावा अगर रोजाना चकुंदर के रस का सेवन किया जाए तो इससे कई अन्य समस्याओं में भी फायदा मिलता है जैसे कि पाचन विकार की समस्या, ब्लड प्रेशर की समस्या, एनिमिआ की समस्या, रक्त सम्बंधित समस्या और कैल्शियम की कमी की समस्या आदि और चुकंदर तो चकुंदर इसकी जड़ भी हमारे शरीर को प्लेटलेट्स के फ्री रेडिकल्स से होने वाली समस्याओं से बचाती है।

नारियल पानी का सेवन

नारियल के पानी को प्राकृतिक पेय कहा जाता है और इसके सेवन से हमारे शरीर कई ऐसे मिनरल मिल जाते है जिन्हें हम किसी अन्य चीज से नहीं प्राप्त कर सकते। इसके अलावा नारियल पानी कई ऐसे पोषक तत्वों का भी स्त्रोत होता है जो कि हमारे प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए काफी लाभदायक होती है।

इतना ही नहीं अगर नारियल पानी का रोजाना सेवन किया जाए तो इससे खून में आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी को भी दूर किया जा सकता है और इसमें पाए जाने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को पुरे दिन पानी की कमी से होने वाले खतरे से बचाते है।

ब्रोकोली का सेवन

प्लेटलेट्स को बढ़ाने वाली सब्जियों में ब्रोकोली भी काफी लाभदायक होती है। यह दिखने में तो हूबहू फूल गोभी की तरह होती है लेकिन गुणों के मामले में यह फूल गोभी से बिल्कुल अलग होती है। इसमें भी कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है जो कि हमारी प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए जरूरी होते है।

इसके अलावा अगर ब्रोकोली को पानी में उबाल कर खाया जाए तो इससे भी हमारे शरीर को काफी फायदे मिलते है। अगर इसके पोषक तत्वों की बात करें तो ब्रोकोली में रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है।

इतना ही नहीं इसमें विटामिन सी भी काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो कि हमारे प्लेटलेट्स को सही तरह से काम करने में काफी मदद करता है और बाहरी संक्रमण से लड़ने में भी काफी लाभदायक होता है।

पालक का सेवन

प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जिया भी बहुत गुणकारी होती है और इनमें से पालक को प्लेटलेट्स बढ़ाने वाली सबसे श्रेष्ठ सब्जी माना जाता है क्योंकि पालक ऐसी सब्जी होती है जो कि हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थो को दूर करने में काफी लाभकारी होती है।

इसके अलावा अगर रोजाना पालक के रस का सेवन किया जाता है तो इससे खून की शुद्धि होती है और हमारे शरीर की रोग प्रतिकार प्रणाली में भी सुधार आता है।

मेथी का सेवन

मेथी को भी काफी अच्छी सब्जी माना जाता है और मेथी के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि यह सभी स्वास्थ्यकिय समस्याओं का हल होती है और अगर बात करें मेथी के पत्तो के रस की तो यह हमारे शरीर में प्लेटलेट्स की कमी को दूर कर देती है।

इतना ही नहीं अगर डेंगू बुखार में उबाली हुई मेथी की सब्जी का सेवन किया जाए तो इससे काफी राहत भी मिलती है। साथ ही यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कंट्रोल करने का काम करती है एवं आरामदायक नींद के लिए भी मेथी को अच्छा माना जाता है।

गाजर का सेवन

अगर आप अपने शरीर को तंदुरूस्त रखना चाहते है या फिर प्लेटलेट्स की कमी को दूर करना चाहते है तो आपके लिए गाजर का सेवन करना भी काफी अच्छा हो सकता है क्योंकि गाजर में भी कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है जो कि प्लेटलेट्स को बूस्ट करते है और तेजी से बढ़ाते है।

इसके अलावा अगर आप चुकंदर के रस में गाजर का रस मिला कर पीते है तो इससे डेंगू, टाइफोइड और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इतना ही नहीं अगर एक हफ्ते में केवल 2 बार गाजर और चुकंदर का रस पिया जाता है तो इससे ब्लड प्लेटलेट्स की मात्रा में काफी बढ़ोतरी होती है।

हमने प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल और सब्जी की जानकारी दी है लेकिन फिर भी एक बार अपने फॅमिली चिकित्सक से कंसल्ट जरूर कर ले । हमें आशा है आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी होगी। कोई सुझाब हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं ।

प्लेटलेट्स कम होने पर क्या नहीं खाना चाहिए

प्लेटलेट्स, हमारे शरीर के रक्त में एक प्रकार की कोशिका होती है जो रक्त को जमने में सहायक होती है। कई बार कुछ बीमारियों या दवा के प्रभाव से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। ऐसे में यह आवश्यक होता है कि हम ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित रखें जो प्लेटलेट्स को और भी कम कर सकते हैं। निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • अधिक तेल और मसाले वाला भोजन: तले हुए खाद्य पदार्थ और अधिक मसालेदार भोजन से प्लेटलेट्स की संख्या में कमी हो सकती है।
  • अल्कोहल: अल्कोहल का सेवन प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इसे परिमित मात्रा में या बिल्कुल ना लें।
  • कुछ प्रकार की चाय और कॉफी: अधिक मात्रा में कॉफी और कुछ चाय का सेवन प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकता है।
  • अधिक नमकीन खाद्य पदार्थ: सोडियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि चिप्स, पैकेज्ड स्नैक्स आदि का सेवन कम करें।
  • सोया प्रोडक्ट्स: सोया और इससे बने उत्पाद का सेवन भी प्लेटलेट्स की संख्या पर प्रभाव डाल सकता है।
  • अस्थि मज्जा युक्त मांस: जैसे चिकन सूप या अन्य मांस उत्पाद जिसमें अस्थियाँ हो, उनका सेवन भी परिमित रखें।

आखिरकार, यदि आपको लगता है कि आपके प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं या आपको इस संबंध में कोई चिंता है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लें। वे आपको सही मार्गदर्शन देंगे। आपका खान-पान सिर्फ एक हिस्सा है, पूरी जानकारी के लिए चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

Disclaimer

हमारा प्रयास रहता है कि हम आपके लिए एक दम सटीक जानकारी लेकर आए और इसलिए हम तथ्यों और विशेषज्ञों के द्वारा बताई गई ही जानकारी आपके लिए लेकर आते है। हम सभी का शरीर अलग-अलग तरीके का है। इसलिए इसे भी नकारा नहीं जा सकता कि हर टिप्स आपके शरीर पर एक ही तरह से काम करेगी। इसलिए किसी भी टिप को अपनाने से पहले आप अपने डॉक्टर या फिर किसी विशेषज्ञ की राय जरूर लें।

शुभम सिंह
शुभम सिंह
शुभम सिंह शेखावत हिंदी कंटेंट राइटर है। वह कई टॉपिक्स पर आर्टिकल लिखना पसंद करते है जैसे कि हेल्थ, एंटरटेनमेंट, वास्तु, एस्ट्रोलॉजी एवं राजनीति। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। वह कई समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम कर चुके है।

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