राजस्थान के भरतपुर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। दरअसल, यहां पुलिस ने एक नाबालिग लड़के के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में एक विशेष न्यायाधीश और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ POCSO अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। न्यायाधीश की पहचान जितेंद्र सिंह गोलिया के रूप में हुई है, जबकि अन्य दो उनके स्टेनो अंशुल सोनी और स्टाफ सदस्य राहुल कटारा हैं। इसके अलावा विशेष न्यायाधीश और शिकायत करने पर बालक को धमकाने वाले पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि, इसकी शिकायत पीडित नाबालिग युवक की मां ने की जिसमें उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश और उसके दो अन्य साथी बच्चे को नशीले पदार्थों के साथ शराब पिलाकर पिछले एक महीने से उसके साथ दुराचार कर रहे थे। दर्ज शिकायत में पीड़ित की मां ने यह भी आरोप लगाया कि न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह गोलिया और राहुल कटारा व अंशुल सोनी बालक को घटना के बारे में किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी देते थे।
इस घटना पर खुलासा करते हुए भरतपुर के मथुरागेट थानाधिकारी रामनाथ ने बीते रविवार को बताया कि दर्ज की गई शिकायत के आधार पर न्यायाधीश जितेंद्र गोलिया और राहुल कटारा व अशुंल सोनी के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत सामूहिक दुराचार का मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंप दी गई है।
थानाधिकारी रामनाथ ने बताया कि पीडित परिवार के सदस्यों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव, न्यायाधीश के स्टेनो अंशुल सोनी और राहुल कटारा पर उसके नाबालिग बच्चे को जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है। थानाधिकारी रामनाथ ने आगे बताया कि पहले तो न्यायिक अधिकारी ने कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक क्लब में 14 वर्षीय बालक के साथ दोस्ती की। बालक वहां टेनिस खेलने जाता था।
थानाधिकारी रामनाथ का कहना है कि, मामले पर एक्शन लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव को बालक को धमकाने के लिये तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं जोधपुर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी आदेशानुसार पर विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह को भी तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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