शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने पुणे में बेबी पाउडर के उत्पादन के लिए जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पाद निर्माण लाइसेंस को रद्द कर दिया है। दरअसल राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने रूटीन क्वालिटी इंस्पेक्शन के बेबी पाउडर के नमूने दौरान इंस्पेक्शन के नमूना घटिया क्वालिटी का पाया है। जिसके बाद महाराष्ट्र एफडीए ने एक प्रेस में राज्य में बेबी पाउडर बनाने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन का लाइसेंस तत्काल प्रभाव के साथ रद्द कर दिया।
इसके साथ-साथ एफडीए ने कंपनी को हिदायत दी है कि उसे उन पाउडर के स्टॉक को भी वापस लेना है जो मानक गुणवत्ता के नहीं पाए गए थे। एफडीए ने अपने बयान में कहा है कि बेबी पाउडर का इस्तेमाल नवजात शिशुओं की त्वचा को स्वास्थ्य रखने के लिए किया जाता है। घटिया क्वालिटी का पाउडर उन्हें प्रभावित कर सकता है।
FDA विश्लेषक ने नासिक और पुणे में नमूनों की गुणवत्ता की जांच की है। जिसमें विफल रहने के बाद, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियमों के तहत एक नोटिस जारी किया है। जिसमें FDA ने इसके पिछे क्या कारण रहा है, उसे बताने को कहा है।
इस नोटिस में अमेरिकी FMCG दिग्गज से पूछा गया है कि उत्पाद निर्माण लाइसेंस रद्द करने के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए। आपको बता दें कि Johnson & Johnson ने एफडीए की परीक्षण रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है। बल्कि उनकी इस परीक्षण रिपोर्ट को कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें याचिका दायर की गई थी।
Johnson & Johnson ने अपनी रिपोर्ट में नमूने रेफरल प्रयोगशाला यानी सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, कोलकाता को भेजने को कहा है। वहीं निदेशक सीडीएल, कोलकाता ने भी महाराष्ट्र एफडीए की रिपोर्ट की पुष्टि कर दी है।
निदेशक सीडीएल, कोलकाता ने अंतिम निर्णायक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि pH के परीक्षण के संबंध में नमूना आईएस 5339: 2004 के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। आपको बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर की गुणवत्ता पर इससे पहले भी सवाल उठे हैं।
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