मित्रो आज से ठीक दो दिन बाद जन्माष्ठमी का त्यौहार है।
आइये जानते हम सब के प्रिय भगवान कृष्णा को क्या ज्यादा पसंद है। वैसे तो नंद के लाल को हर चीज़ पसंद है आप जो भी उनको प्रेम से खिलाये गे वो उसको स्वीकार कर लेंगे लेकिन उनका सबसे प्रिय आहार माखन है।
भगवान क़ष्ण का माखन से प्रेम किसी से छुपा नहीं है, उनके इसी प्रेम ने उन्हें माखन चोर का नाम भी दिलाया था. हिंदू पंचाग के अनुसार भगवान श्री क़ष्ण का जन्म भाद्रपद के क़ष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस बार क़ष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनाई जाएगी. जन्माष्टमी में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, यही वजह है कि लड्डूगोपाल का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने के लिए घरों में तैयारी शुरू हो गई है. मुरलीधर का सबसे पसंदीदा भोग माखन-मिश्री का माना जाता है. आजकल बाजार में कई कंपनियां पैक्ड मक्खन बेचती हैं लेकिन आप चाहें तो घर में ही इस भोग को बेहद आसानी से तैयार कर सकते हैं.
ऐसे बनाए माखन-मिश्री का भोग
सफेद मक्खन को घर में ही बनाने के लिए सबसे पहले दूध की मलाई को कटोरी में निकाल लें. इसके बाद एक गहरे बाउल में उसे डालकर मथनी या करछुल की सहायता से कुछ वक्त तक घूमाएं. कुछ देर में मलाई गाढ़ी होती नजर आएगी. मलाई को मथने का काम जारी रखें. कुछ वक्त बाद मक्खन और दूध का पानी अलग होता दिखाई देगा. इसके बाद सफेद मक्खन को अलग कटोरी में निकाल लें. इसमें आप मिश्री के दानों को मिला दें. इस तरह आसानी से घर में ही माखन चोर के लिए माखन-मिश्री का भोग तैयार हो जाएगा.
सफेद मक्खन के हैं कई फायदे
बाजार में मिलने वाला बटर पीले रंग का होता है. इसमें नमक भी मिला होता हैं जिसे ब्लड प्रेशर के मरीज खाना पसंद नहीं करते हैं, ऐसे में पीले के बजाय सफेद मक्खन उनके लिए फायदेमंद है. व्हाइट बटर के सेवन से गले में आई सूजन में राहत मिलती है.
भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाने के बाद उसे प्रसाद के तौर पर रोजाना ग्रहण करने से अनजाने ही कई फायदे मिल जाते हैं. यह दिल की बीमारी का खतरा भी कम करता है. बच्चों को सफेद मक्खन खिलाने से उनका दिमान तेज होता है और आंखों की रोशनी भी तेज होती है. यह हड़्डियों को भी मजबूत रखता है और जोड़ों के दर्द में भी फायदेमंद है. पीले मक्खन की तुलना में सफेद मक्खन ट्रांस फैट फ्री होता है. इससे वजन बढ़ने का खतरा भी बहुत कम होता है.