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रविवार, नवम्बर 17, 2024
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जानिए स्त्री की कुंडली में मंगल के कौनसे होते है 12 भाव और क्या डालते है ये प्रभाव ?

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव: मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है और मंगल ग्रह का रंग लाल होता है जिससे कि ये रक्त-संबंधो का प्रतिनिधित्व करता है। जब भी विवाह की बात आती है तो सबसे पहले जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति की जानकारी ली जाती है और अगर उस जातक की कुंडली में किसी भाव में मंगल ग्रह मौजूद हो तो उसे मंगली माना जाता है।

लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या मंगल का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है या फिर जिस सवाल का जवाब ढूंढने आप यहां आए हैं कि स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव कैसा होता है। तो इसी का जवाब आज हम ढूंढेंगे। अगर बात करें मंगल ग्रह की स्त्री की कुंडली में प्रभाव की तो स्त्री की कुंडली में मंगल के 12 भाव होते है। अब इन 12 भावों में मंगल का कैसा प्रभाव रहता है आइए आपको इसकी जानकारी देते हैं।

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव

Table of Contents

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव 12 भाव में

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स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रथम भाव

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव प्रथम भाव में: ऐसी स्त्री आत्म निर्भर होती है उनकी रूचि घर से ज्यादा बाहर के कामों में होती है और वह पुरुष से जुड़े कार्यों को करने से भी नहीं घबराती। इसके अलावा स्त्री की कुंडली के प्रथम भाव में मंगल की मौजूदगी मांगलिक स्थिति मानी जाती है और इन स्त्रियों का वैवाहिक जीवन सदैव परेशानियों से भरा हुआ होता है।

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स्त्री की कुंडली में मंगल का द्वितीय भाव

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव द्वितीय भाव में: स्त्रियों का पैसा कमाने में बहुत अधिक ध्यान रहता है और वह बहुत पैसा कमाती भी है लेकिन साथ ही वह स्त्री काफी खर्चीली स्वभाव की होती है। जिससे उनके पास पैसा टिकता नहीं है।

स्त्री की कुंडली में मंगल का तृतीय भाव

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव तृतीय भाव में: वह स्त्री कभी भी किसी से बात करने से नहीं घबराती और काफी बलवान भी होती है। ऐसी स्त्री हर परिस्थिति को हंसते-हंसते झेल लेती है और कभी मेहनत करने से भी अपने पैर पीछे नहीं खिंचती।

स्त्री की कुंडली में मंगल का चौथा भाव

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव चौथे भाव में: ऐसी स्त्री हमेशा सुख और शांति से अपना जीवन व्यतीत करती है। मंगल की ये स्थिति स्त्री के जीवन में आराम, समृद्धि और विलासिता प्रदान करती है। परंतु ऐसी स्त्री का वैवाहिक जीवन सदैव नकारात्मक रहता है।

स्त्री की कुंडली में मंगल का पांचवा भाव

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव पांचवे भाव में: मंगल की स्थिति वाली स्त्री को राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करना काफी अच्छा लगता है लेकिन ऐसी स्त्री की पहली संतान हमेशा बाधा से घिरी रहती है और गर्भपात कराने तक की नौबत आ सकती है।

स्त्री की कुंडली में मंगल का छठा भाव

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव छठे भाव में: मंगल का होना उस स्त्री के लिए बुखार की समस्या उतपन्न करता है। मंगल का ये छठा भाव काफी नकारात्मक होता है लेकिन मंगल का ये ही छठा भाव उस स्त्री के जीवन में शुभ परिणाम लाता है। ऐसी स्त्री अपने हर एक शत्रु पर विजय प्राप्त कर लेती है।

स्त्री की कुंडली में मंगल का सातवां भाव

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव सातवां भाव में: उस स्त्री को यौन का आदि बना देता है। जब इन स्त्रियों की कुंडली में मंगल पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि नहीं होती तो वो अपने पति को धोखा देने से भी पीछे नहीं हटती। इसके अलावा ये भाव भी स्त्री को मांगलिक बना देता है जिससे उस स्त्री का वैवाहिक जीवन सदैव परेशानियों से घिरा रहता है।

स्त्री की कुंडली में मंगल का आठवां भाव

आठवें भाव में मंगल स्त्री को दीर्घायु बना देता है। ऐसी स्त्रियों की रूचि खोज में होती है। लेकिन इन स्त्रियों को हमेशा धोखा होने का डर लगा रहता है और इन्हें जल्दी से किसी पर विश्वास भी नहीं होता।

स्त्री की कुंडली में मंगल का नवम भाव

जब स्त्री की कुंडली के नवम भाग में मंगल विराजमान होता है तो ऐसी स्त्री का प्रेम धर्म के प्रति काफी अधिक हो जाता है। ऐसी स्त्री धर्म के नाम पर कुछ भी करने को तैयार हो जाती है। साथ ही इन स्त्रियों का स्वभाव खर्चीला होता है।

स्त्री की कुंडली में मंगल का दशम भाव

मंगल का दशम भाव धनवान बनाने वाला होता है ऐसी स्त्री के पास कभी भी पैसों की कमी नहीं होती लेकिन इनके जीवन में संतान का सुख नहीं लिखा होता। ऐसी स्त्रियों को हमेशा ये चिंता लगी रहती है कि उनकी संतान का क्या होगा।

स्त्री की कुंडली में मंगल का ग्यारहवां भाव

मंगल का ग्यारहवां भाव होने से स्त्री को काफी लाभ मिलते है। ऐसी स्त्री कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करती और इनका पारिवारिक जीवन सुख-समृद्धि से भरा रहता है। ऐसी स्त्री कभी असफल नहीं होती और सफलता इनके कदम चुमती है और ये काफी प्रभावशाली भी होती है।

स्त्री की कुंडली में मंगल का बारहवां भाव

जिस स्त्री की कुंडली में मंगल बारहवें भाव में होता है ऐसी स्त्री मांगलिक होती है इनका वैवाहिक जीवन दुखों से भरा हुआ रहता है। साथ ही ऐसी स्त्रियों के साथ कभी भी धोखाधडी और नुकसान हो सकता है।

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शुभम सिंह
शुभम सिंह
शुभम सिंह शेखावत हिंदी कंटेंट राइटर है। वह कई टॉपिक्स पर आर्टिकल लिखना पसंद करते है जैसे कि हेल्थ, एंटरटेनमेंट, वास्तु, एस्ट्रोलॉजी एवं राजनीति। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। वह कई समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम कर चुके है।

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