नई दिल्ली: बचपन से ही हमें सिखाया जाता हैं कि खाना समय पर, बैठकर आराम से खाना चाहिए और खाना खाने से पहले अपने हाथ जरूर धोने चाहिए। लेकिन अक्सर हम में से बहुत से लोग इन बातों का अनदेखा कर देते हैं और इन्हें आम समझकर भूल जाते है। तेजी से बदलती और इस भागदौड़ भरी लाइफ में कुछ लोग खाना तेजी में खाते है, जो ठीक नहीं है। वास्तु शास्त्र में भोजन करने से जुड़े कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं जिनको आप सभी को जानना बेहद आवश्यक है। आज हम आपको इस आर्टिकल में शास्त्रों के अनुसार खाने के नियमों को अनदेखा करने से उत्पन्न होने वाले दोष की जानकारी देंगे।
रखें इन बातों का ध्यान
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वास्तु शास्त्र के अनुसार के हमें खाना खाते वक्त सही समय और दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। मान्यताओं के अनुसार कभी भी खाना वक्त आपका मुंह दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। आपको बता दें दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है इसलिए ऐसे में इस दिशा की ओर मुंह करके खाना खाने से हिंसा के भाव पैदा होते है और आपके घर में और आपके मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होने लगते है।
वास्तु के मुताबिक, जब भी आप खाना खाएं उससे पहले खाने का एक छोटा सा हिस्सा अलग करके रखें। खाना पुरा हो जाने के बाद इस अलग किए गए हिस्सें को चींटियों व पशु-पक्षियों को खिलाएं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा आपसे प्रसन्न होती हैं और इससे आपके घर में हमेशा अन्न का भंडार भरा रहता है। वहीं इसके अलावा यदि आप रोजाना चीटियों व पशु-पक्षियों को भोजन करवाते हैं तो इससे आप अपने जीवन में तरक्की करते है साथ ही आपके घर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
यदि आप भी अक्सर खाना खाते वक्त पानी का गिलास का ध्यान नहीं रखते है तो ये आपके लिए बेहद अशुभ हो सकता है। वास्तु शास्त्र की मानें तो भोजन करते वक्त आपको पानी का गिलास हमेशा अपने दाएं हाथ की तरफ रखना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से सौभाग्य प्राप्त होता है और जीवन में तरक्की भी मिलने लगती है।
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