हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का एक अलग ही महत्व होता है, हमारे घर में मौजूद हर एक वस्तु का सीधा सीधा कनेक्शन घर के वास्तु से होता है। यदि घर में रखी हर एक वस्तु का स्थान और उसकी दिशा वास्तु के अनुसार होती है तो, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। परंतु वही अगर कोई वस्तु या कोई छोटा सा सामान भी वास्तु के अनुसार नहीं होता तो उस घर में परेशानी आने लगती है और नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है। अक्सर हम लोग हमारे जीवन में आ रही परेशानियों को लेकर उलझन में रहते हैं, परंतु इसके पीछे हमारे घर में मौजूद वास्तु दोष भी हो सकता है।
वास्तु शास्त्र में ऐसी कई वस्तुओं के बारे में बताया गया है जिन्हें किसी विशेष दिन या फिर समय पर खरीदना वर्जित होता है। इसको लेकर अधिकतर घरों में बड़े बुजुर्ग इन चीजों को खरीदने से पहले हमें रोकते हैं परंतु हम उनकी बातों को भूलाकर वहीं काम करते हैं और जिसका परिणाम हमें बाद में भुगतना पड़ता है। वास्तु शास्त्र की माने तो हमारी खरीदारी से भी हमारे जीवन का गुड लक, बैड लक जुड़ा होता है। वस्तुओं में से एक जूते-चप्पल भी है जिन्हें हम खरीदने से पहले अक्सर सोचते नहीं। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से किस दिन जूते-चप्पल खरीदने चाहिए और किस दिन नहीं खरीदने चाहिए इसकी जानकारी दें।
इस दिन ना खरीदें जूते-चप्पल
वास्तु शास्त्र अनुसार, हमें कभी भी जूते-चप्पलों को मंगलवार, शनिवार, अमावस्या या फिर ग्रहण वाले दिन नहीं खरीदना चाहिए। यदि हम इन दिनों में जूते चप्पल खरीद कर अपने घर लाते हैं तो इनके साथ- साथ दुर्भाग्य भी आता है, जिसकी वजह से हमें कई परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक शनिवार के दिन जूते चप्पल इसलिए नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि शनि का संबंध हमारे पैरों से माना जाता है और इसी वजह से जो व्यक्ति इस दिन जूते चप्पल खरीदता है उसके ऊपर शनि दोष चढ़ जाता है।
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इस दिन खरीदें जूते-चप्पल
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, नए जूते चप्पल खरीदना या फिर उन्हें पहनने के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
इस दिन घर से बाहर फकें फटे हुए जूते- चप्पल
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, हमें कभी भी घर के अंदर फटे पुराने जूते-चप्पल नहीं रखनी चाहिए। यदि आपके घर में भी इस प्रकार के जूते- चप्पल मौजूद है तो आप इन्हें शनिवार के दिन घर से बाहर कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप चाहे तो इस दिन फटे जूते-चप्पलों को शनि मंदिर के बाहर भी छोड़ कर आ सकते है, ऐसा करने से आपके जीवन से शनिदेव का कुप्रभाव दूर हो जाता है।
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