हर साल दुनियाभर में 8 मार्च को इंटरनेशनल विमेंस डे मनाया जाता है। इस दिन को महिलाओं के सम्मान और प्रशंसा के रूप में मनाया जाता है। महिलाएं हमारे साज का एक हिस्सा होती है। एक महिला अपने जीवन में कई किरदार निभाती है। कभी मां, बहन, दोस्त आदी कई रिश्ते निभाती है और अपने हर किरदार को बखूबी निभाती है। केवल घर और दोस्तों के बीच ही नहीं, बल्कि अपने बाकी के कामों को भी बड़े अच्छ से करती है।
आज कल महिलाएं हर छेत्र में अपना नाम करती है। हर छेत्र में महिलाएं पुरुषों के मामले काफी आगे रहती हैं। खेल जगत से लेकर मनोरंजन तक, और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय तक, महिलाएं कभी पीछे नहीं रहती। कई बार दूसरों की खुशी के लिए उन्हें अपनी खुशियों को त्यागना पड़ता है। घर-परिवार से सीमित रहने वाली महिलाएं जब चारदीवारी से बाहर निकल अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़ी तो उन्हें अभूतपूर्व सफलता मिलने लगी। नारी हमारे समज का एक ऐसा हिस्सा है, जिसके बिना कोई घर, घर नहीं बनता। नारी हमारे एक समाज का वो हिस्सा है, जो हारना, गिरना, खड़े होकरअपने हक के लिए लड़ना और फिर अंत में शान से जीना सब जानती हैं। ऐसे में एक दिन महिलाओं के लिए रखा गया है। हर साल 8 मार्च को दुनिया के तमाम देशों में महिला दिवस के मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दिन महिलाओं को अहसास दिलाया जाता है, कि वो समाज के लिए कितनी खास हैं। आइए इस खास मौके पर अपने जीवन की सभी खास महिलाओं को ये संदेश भेजकर करें खुश।
1. मां, बहन, पत्नी, प्रेमिका
हर किरदार बखूबी से निभाती हो।
हे नारी, तुम सब कुछ मुमकिन कर जाती हो।
2. घर में रहते हुए ग़ैरों की तरह होती हैं,
लड़कियां धान के पौधों की तरह होती हैं।
Happy Womens Day
3. एक के घर की ख़िदमत की और एक के दिल से मोहब्बत की,
दोनों फ़र्ज़ निभा कर उस ने सारी उम्र इबादत की।
4. क्यों कहती है दुनिया कि नारी कमजोर हैं,
आज भी नारी के हाथों में घर चलाने की डोर हैं।
5. लोग कहते हैं तेरा क्या अस्तित्व नारी,
दुःखों को दूर कर,
खुशियों को बिखेरे नारी।
6. तुम आजाद होती हो,
तो उड़ती हुई पक्षी नजर आती हो।
तुम खुद लिए लड़ती हो और आवाज उठाती हो,
तो लगता है कि क्रांति तुमसे ही जन्मी होगी।
तुम कितनी खास हो तुम्हें यह अहसास नहीं है।
हे नारी , तुमसे ही यह दुनिया है, यह जमीन है।
7.क्यों त्याग करे केवल नारी
क्यों नर झूठा बल दिखलाए
जो जिद पर आ जाए नारी,
तो वह अबला चंडी बन जाए।
पग-पग उसको समाज से ‘स्त्रित्व
का शापित परिणाम मिला
जो जन्मा उसके गर्भ से
उसमे भी पुरुषत्व का अभिमान मिला।