पीपल के पेड़ में कई देवताओं का वास माना जाता है और इसीलिए हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को सबसे पूजनीय माना जाता है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा जी, तने में विष्णु जी और ऊपरी भाग में भगवान शिव जी का वास होता है।
इतना ही नहीं पीपल के पेड़ को लेकर ऐसी भी मान्यताएं है कि पीपल की पूजा करने से पितृ और शनि दोष से मुक्ति मिलती है और कई ज्योतिषाचार्यों के द्वारा इसके लिए कई उपाय भी बताए गए है, जिन्हें आज हम आपसे साझा करेंगे।
पीपल के पेड़ के उपाय
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष हो तो उस व्यक्ति को हर शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ पर जाकर उसके नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जलाना चाहिए और फिर शनिदेव का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ की नौ परिक्रमा करनी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है।
अगर किसी व्यक्ति पर पितृ दोष हो तो उसे रोजाना पीपल के पेड़ में एक लौटा जल डालना चाहिए और फिर काले रंग के कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से तो मुक्ति मिलती ही है साथ ही शनि दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।
इसके अलावा शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार के दिन का भी उपाय किया जा सकता है। व्यक्ति को मंगलवार के दिन पीपल के पेड़ के ग्यारह पत्तों को गंगाजल से शुद्ध करने के बाद उन पत्तों पर केसर से ‘श्रीराम’ लिखकर उन पत्तों की एक माला बनानी चाहिए और फिर इस माला को ले जाकर अपने पास वाले हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी को अर्पित करनी चाहिए। इससे भी शनि दोष में लाभ मिलता है।
हर महीने के पहले शनिवार को पीपल के एक पत्ते को गंगाजल से साफ कर उस पर केसर से मां लक्ष्मी के बीज मंत्र “श्रीं” लिखकर अपने पर्स में रखने से भी पितृ और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
हर शनिवार को दूध में गुड़ मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में डालने और ‘शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 27 बार जाप करने से भी पितृ और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।