भारत में होली का त्योहार बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है और हर किसी को होली का पूरे साल इंतजार रहता है। रंगों और खुशियों से भरे इस त्योहार को फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
इस साल होली 18 मार्च के दिन मनाई जाएगी और होलिका दहन 17 मार्च तक रहेगा। अगर ज्योतिष शास्त्र की माने तो होलिका दहन के दिन अगर कुछ खास उपाय किए जाए तो इससे व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक पीड़ा तीनों से छुटकारा मिल सकता है।
तो आइए जानते है कि अपनी सेहत और किस्मत के तालों को खोलने के लिए आप किन उपायों को कर सकते है।
होलिका दहन के नियम ?
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उपायों को जानने से पहले आइए इस पर नजर डाल लेते है कि आपको होलिका दहन के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए। तो उपायों को करते वक्त आपको शुद्धता और पवित्रता का खास ख्याल रखना चाहिए और आपको गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। तभी यह उपाय कारगर साबित हो सकते है।
होलिका दहन के उपाय ?
होलिका दहन से पहले करें स्नान
आप जब होलिका दहन के लिए जाए तो पहले स्नान करें और फिर साफ वस्त्र पहनकर होलिका दहन के लिए जाए।
नारियल का उपाय
अपने आपको शुद्ध करने के उपरांत आप एक नारियल ले और फिर उस नारियल को अपने पूरे परिवार के ऊपर से सात बार घड़ी की सुई की दिशा में वार लें। अगर घर में किसी व्यक्ति को अधिक समस्या हो तो आप अलग से एक नारियल लेकर उस व्यक्ति के सिर से वार लें।
अभिष्ट देवता से करें प्रार्थना
इसके बाद वारे गए नारियल को हाथ में लें और आपकी जो भी कामना हो वह बोलते हुए अपने अभिष्ट देवता से प्रार्थना करें। इसके बाद उस नारियल को होलिका दहन की अग्नि में डाल दें। इसके उपरांत होलिका की सात परिक्रमा लगाए और भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
आर्थिक संकट को दूर करने के लिए उपाय ?
अगर घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना हो तो आप होलिका दहन के वक्त अग्नि में अलसी, गेहूं, मटर और चना अर्पित करें। ऐसा करने से आपके पैसों की तंगी दूर हो सकती है।
मोती शंख को कराए स्नान
इसके अलावा आप मोती शंख को भी स्नान करा सकते है, ऐसा करने से भी आर्थिक समस्या दूर हो जाती है।
होलिका दहन की सावधानियां ?
होली की कथा की माने तो भाद्र काल के समय कभी भी होलिका दहन नहीं करना चाहिए यह मुहूर्त अशुभ माना जाता है, आपको फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन ही होलिका दहन करना चाहिए।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त ?
इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 3 मिनट से रात के 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगा और पूर्णिमा तिथि 17 मार्च की सुबह 1 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च की दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगी।