नई दिल्ली: चाईनिज कम्पनी के फ़ोन्स फिर एक बार चर्चाओं में बने हुए है। लिथुआनिया की सरकार ने अपने नागरिकों से कहा है कि चीनी स्मार्टफोन को फेंक दें। इतना ही नहीं सरकार की ओर से ये भी कहा गया है कि भविष्य में चीनी फोन को ना खरीदें।
खबरों के मुताबिक, लिथुआनिया के रक्षा मंत्रालय नें अपने नागरिकों को चिनी फोन और डिवाइस के जरिए सेंसरशिप के खतरें का हवाला देतें हुए कहा हैं कि ग्राहक चीनी मोबाइल फोन को खरीदने से बचें और अगर उनके पास चीनी फोन हैं, तो वो उसे फेंक दें। आपको बता दें कि चीन पर पहले भी सेंसरशिप के आरोप लग चुके हैं।
देश की साइबर सुरक्षा संस्था ने कहा कि चीन की स्मार्टफोन दिग्गज कंपनी शाओमी कॉर्प ने यूरोप में बेचे जाने वाले फ्लैगशिप फोन में ‘फ्री तिब्बत’, ‘लॉन्ग लिव ताइवान इंडिपेंडेंस’ और ‘डेमोक्रेसी मूवमेंट’ जैसे शब्दों का पता लगाने और सेंसर करने वाले चिप लगाए हैं। रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने रिपोर्ट में कहा कि शाओमी के Mi 10T 5G फोन सॉफ्टवेयर की क्षमता यूरोपियन यूनियन क्षेत्र के लिए बंद कर दी गई थी, लेकिन इसे किसी भी समय फिर से चालू किया जा सकता है। रक्षा उप मंत्री मार्गिरिस अबुकेविसियस ने कहा, हमारी सिफारिश है कि नए चीनी फोन लोग नहीं खरीदें और पहले से खरीदे गए फोन से जल्द से जल्द छुटकारा पाएं।