महिलाओं का शरीर पुरुषों के मुकाबले काफी कमजोर होता है। घर के काम, ऑफिस के काम और अन्य कई कामों को करने में महिलाएं सबसे आगे रहती हैं। हर क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों की बराबरी करने में कभी पीछे नहीं हटती। लेकिन जहां सेत की बात आती है वहां महिलाएं कमज़ोर पड़ जाती हैं। इस क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी करना महिलाओं के लिए काफी मुश्किल भरा काम होता है। महिलाओं की समस्याओं को लेकर हमेशा उनके पीरियड्स को दोष दे दिया जाता है। एक हद तक यह मानना भी सही है कि पीरियड्स के दिनों महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन बीतते वक्त के साथ महिलाएं उससे लड़ना सीख लेती हैं। इसके अलावा भी कई ऐसी समस्याएं हैं जिनसे लड़ना काफी मुश्किल हो जाता है। शरीर की बनावट और हार्मोन के उतार-चढ़ाव के अलावा भी कई समस्याएं ऐसी होती हैं जो अधिकतर परेशान कर सकती हैं। ब्रेस्ट से जुड़ी कई ऐसी कॉमन प्रॉब्लम्स होती हैं जो काफी डराने वाली हैती हैं। ब्रेस्ट कैंसर के अलावा भी कई ऐसी चीजें होती हैं जिनके बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। कई बार महिलाएं अपनी इन समस्याओं को नजरअंदाजकरदेती हैं, जबकि कई बार डॉक्टर को बताने में हिचकती हैं। यहां जानें ऐसी ही कुछ कॉमन समस्याओं के बारे में जिनका समाधान जरूरी होता है।
ब्रेस्ट का दर्द
चेस्ट पेन और ब्रेस्ट पेन के बीच में काफी अंतर होता है। ब्रेस्ट पेन कई कारणों से हो सकता है। इसका पहला कारण हो सकता है बहुत ज्यादा काम करना। बहुत ज्यादा काम करने पर ब्रेस्ट में खिंचाव और दर्द महसूस होता है। इसके अलावा एक्सरसाइज के दौरान ब्रेस्ट में दर्द, पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट में दर्द, बर्थ कंट्रोल गोलियों या किसी अन्य हार्मोनल दवा के कारण ब्रेस्ट में दर्द, गलत तरह की ब्रा पहनने के कारण की वजह से भी हो सता है। यह दर्द इतना खतरनाक हो सकता है कि यह कई बार कंधे, गर्दन और अंडरआर्म्स तक खिंच जाता है। रात में सोते समय यह दर्द और भी ज्यादा परेशान करता है। यह एक गंभीर समस्या को जगह दे सकता है। ऐसे में डॉक्टर से चेक करवाना बहुत जरूरी होता है।
इसके अलावा हार्मोनल परिवर्तन के कारण महिलाओं को अपने शरीर में अलग-अलग तरह की समस्याएं दिखती होंगी। हार्मोनल बदलाव के कारण ब्रेस्ट में कई समस्याएं पैदा कर सकता है। जैसे की ब्रेस्ट में दर्द, ब्रेस्ट में गांठ, ब्रेस्ट में टेंडरनेस, ब्रेस्ट की स्किन में सख्ती, ब्रेस्ट में लैक्टेशन की समस्या, निप्पल में खुजली इसके अलावा ब्रेस्ट इन्फेक्शन।
ब्रेस्ट इन्फेक्शन से ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है, लेकिन इसका इलाज करवाना बेहद जरूरी होता है। अगर आपको निप्पल्स में सूजन या संक्रमण जैसा कुछ दिखता है तो डॉक्टर से सलाह लें। ये एक्जिमा या डक्ट एक्टेसिया का संकेत हो सकता है।
जब ब्रेस्ट की नसों में ब्लॉकेज हो जाता है तो इसे डक्ट एक्टेसिया कहते हैं। ऐसे समय में ब्रेस्ट से किसी तरह का डिस्चार्ज भी हो सकता है। पीले, हरे या भूरे रंग का लिक्विड निप्पल से गिरने लगता है। ऐसे समय में अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताना जरूरी होता है।
निप्पल्स में खुजली
निप्पल्स के आस-पास की त्वचा बहुत सेंसिटिव होती है। जिसकी वजह से बदलते मौसम के साथ ड्राई स्किन के कारण निप्पल्स फटने लगते हैं और खुजली होने लगती है। इसके अलावा कुछ दवाओं का रिएक्शन ऐसा होता है जिसके कारण निप्पल्स के पास ये समस्या दिखने लगेगी। ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान भी ये समस्या आमतौर पर देखने को मिलती है।
निप्पल से लीकेज
लीकेज किसी भी तरह का हो सकता है। ब्रेस्ट से लीकेज होने का कारण केवल कैंसर नहीं होता। ये इन्फेक्शन, हार्मोन में बदलाव, स्किन इन्फेक्शन, ब्रेस्ट में किसी तरह की चोट, लैक्टेशन आदि के कारण हो सकता है। अगर इसमें खून आ रहा है तो ये समस्या काफी बड़ी हो सकती है। यह समस्या अक्सर चिंता का विषय बन सकती है। निप्पल्स को लेकर और भी समस्याएं हो सकती हैं जैसे इनका उल्टा हो जाना या गड्ढा ज्यादा बड़ा हो जाना। ऐसा प्रेग्नेंसी के समय या फिर ब्रेस्ट फीडिंग बंद करवाने के समय भी हो सकता है। इसलिए ब्रेस्ट से जुड़ी कोई भी समस्या होने के बाद डॉक्टर से दिखाना जरूरी होता है।
ऐसे में इस तरह की कोई भी समस्या भारी परेशानी का कारण बन सकती है, जिसे जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाकर सलाह लेनी जरूरी होती है।