उत्तर प्रदेश में जैसे – जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है, यहां सियासी गर्मी जरा बढ़ सी गई है, हर पार्टी अपने पैर जमाने के हर संभव प्रयास में लगी हुई है। पार्टियों के गठबंधन भी जोर मारने लगे है और चर्चाएं हैं कि इस बार चुनाव में कई बदलाव देखे जाएंगे।
यूपी की सियासत में शुरुआत से ही बाहुबलियों का अपना रुतबा रहा है और इनमें कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी नाम है जिन पर इस वक्त सभी की नजरें जमी हुई हैं। हालांकि उनका किसी भी दल से वास्ता नहीं रहा है लेकिन वह यूपी की सत्ताधारी पार्टी भाजपा और सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक नाम से उनकी खुद की अपनी पार्टी है जिसका समर्थन सपा के साथ था लेकिन अब ऐसा कहा जा रहा है कि वह इन चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन करते नजर आ सकते है।
बता दें कि राजा भैया अयोध्या में ‘संकल्प यात्रा’ पर निकले थे इस दौरान उन्होंने कहा कि वह अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के उपरांत अपने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी साझा करेंगे। इस बीच उन्होंने एक टीवी चैनल से चर्चा करते हुए भाजपा और अपने रिश्तों को लेकर कुछ संकेत दिए।
आइए जानते है उन्होंने क्या कुछ कहा –
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टीवी चैनल से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाली पार्टियों के लिए उनके विकल्प खुले हैं। उन्होंने योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि योगी सरकार में कामकाज अच्छा हुआ है, कुछ कमियों के बावजूद ठीक काम किया गया है। बता दें कि उनके इस बयान के बाद से यह कयास लगाए जा रहे है कि राजा भैया इस बार भाजपा के साथ नजर आ सकते हैं। इसी बीच एक दूसरे इंटरव्यू में जब उनसे गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तो वह कहते नजर आए कि, पूरे उत्तर प्रदेश में हमारा जनसंपर्क शुरू होगा। गठबंधन के बारे में भी पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने इस दौरान आगे कहा कि, जब पार्टी का गठन किया गया था तब जनता ने बड़ा समर्थन दिया था लेकिन अभी तक जनसंपर्क रुका रहा इसलिए अब यह काम किया जा रहा है।
इस दौरान एक पत्रकार द्वारा समीकरण को लेकर जब सवाल किया कि आपकी यात्रा से किसका समीकरण बिगड़ने वाला है? तो जवाब में राजा भैया कहते नजर आए कि, ‘हम किसी को बनाने बिगाड़ने के लिए नहीं निकले हैं। हम तो रामलला सरकार का आशीर्वाद लेने निकले हैं।’
बता दें कि, राजा भैया इससे पहले सपा के साथ थे लेकिन पिछले चुनाव में सपा ने बसपा से गठबंधन कर लिया था, इसके बाद से इस बात को लेकर राजा भैया नाराज नजर आए थे। इसीलिए अब यह कयास लगाए जा रहे है कि आगामी चुनावों में वह सपा के साथ न जाकर भाजपा के साथ नजर आ सकते है।
बताते चलें कि, अपने इंटरव्यू में राजा भैया यह भी कहते नजर आए कि आगामी चुनावों में उनकी पार्टी केवल लड़ने के लिए चुनाव मैदान में नहीं उतर रही बल्कि जीतने के लिए उतरेगी। अब देखना यह होगा कि आगे क्या फैसले लिए जाते है लेकिन यह बात पक्की है कि इस बार चुनावों में कई बदलाव देखे जाएंगे, जिनका असर आगामी चुनावों में देखने को मिल सकता है।