आज इस लेख में हम गिलोय घनवटी के फायदे ( Giloy Ghanvati Ke Fayde ) और नुकसान के बारे में जानेंंगे।
आज हम एक ऐसी औषधीय के बारे में जानेंगे, जिस औषधीय के बहुत ही ज्यादा फायदे है।इस औषधीय को आम बोलचाल में गिलोय कहते है। गिलोय एक प्रकार की बेल होती है। यह पहले जंगलो में पायी जाती थी, लेकिन अब लोग इसे सजावट के तौर पर अपनी घेर लगाने लगे है। प्राचीनकल में गिलोय को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता था। पहले लोग इसके उपयोग के बारे में नहीं जानते थे। लेकिन अब लोग इसके फायदों के बारे में जानने लगे है,देखते ही देखते कुछ सालों से अब लोग इसके प्रति जागरुक हुए है। अभी भी अधिकांश लोग गिलोय की पहचान ठीक से नहीं कर पाते। बल्कि गिलोय की पहचान करना बहुत आसान है। गिलोय की पत्तियों का आकार पान के पत्तों के जैसा होता है और इनका रंग गाढ़ा हरा होता है। इसके इलावा आप गिलोय को सजावटी पौधे के रुप में भी अपने घरों में लगा सकते हैं।
गिलोय को बहुत सारे नामो से भी जाना जाता है जैसे – गुडूची, अमृता आदि। कहा जाता है की आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ जाती है उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है, उद्धरण के लिए जैसे – नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के अनुसार सर्वोत्तम माना जाता है।इसलिए इसे नीम गिलोय भी कहा जाता है।
गिलोय घनवटी के फायेद कौन कौनसे होते हैं :(Benefits of Giloy Ghanvati ):
गिलोय के बहुत सारे फायदे है,गिलोय को अगर बुखार में लिया जाता हैं तो यह रामबाण का काम करता है , माना जाता है की यह इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में भी काम करता है,इस आयुर्वेदिक गुण के कारण इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है, आयुर्वेद में गिलोय का इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए किया जाता है, जैसे – बरसात में होने वाली बीमारियों मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में गिलोय का सेवन किया जाता है, कोरोना की बीमारी में भी ये बहुत कारगर हैं. मच्छर से होने वाली बीमारियों में भी यह काफी फायदेमंद है।
गिलोय घनवटी के गुण कौनसे होते है (Giloy ghanvati ke gun)
गिलोय का इस्तेमाल अक्सर बुखार में किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग कई ओर बीमारियों में भी औषधीय गुण के लिए भी किया जाता हैं,जैसे- डेंगू में अगर गिलोय का सेवन करे तो यह प्लेटलेट्स बढ़ाने में काम आता है और कोरोना में ये बहुत कारगर साबित होता हैं । इसके अलावा गठिया रोग,डायबिटीज,ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त अपचत ,खासी ,पीलिया ,एमिनिया,अस्थमा लिवर के लिए फायदेमंद,व् त्वचा के लिए काफी गुणकारी होता है।
गिलोय का सेवन कैसे करना चाहिए (How to take Giloy) :
गिलोय का सेवन कई तरह किया जाता है जैसे – बुखार में गिलोय का सेवन पाउडर के रूप में किया जाता है या फिर काढ़ा या रस के रूप में किया जाता है. गिलोय के पत्ते और तने को सुखाकर पाउडर बनाया जाता है,इसके अलावा बाजार में गिलोय की गोली भी मिलती हैं। गिलोय का इस्तेमाल एक दिन में केवल 1 ग्राम से ज्यादा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पतंजलि गिलोय घनवटी (Patanjali Giloy Ghanvati ) के नाम सी भी गिलोय उपलब्ध है।
गिलोय घनवटी की तासीर कैसी होती हैं (Giloy ghanvati ki taseer)
किसी भी चीज का सेवन करने से पहले उसके होने वाले असर और तासीर के बारे में जानना जरूरी होता है। माना जाता है की गिलोय का इस्तेमाल हर मौसम में नहीं किया जा सकता ,आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की तासीर काफी गर्म होता है, इसीलिए सर्दी-जुकाम और बुखार में गिलोय काफी लाभकारी होता है।
गिलोय घनवटी के नुकसान : (Giloy ghanvati side effects in hindi):
किसी भी औषधीय के फायदे के साथ-साथ उस औषधीय के नुकसान भी होते है, इसी ही गिलोय के फायदे के साथ -साथ उसके नुकसान भी है, अगर आप ज़रुरत से ज्यादा गिलोय का सेवन करते हैं तो आपको गिलोय के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। अब हम गिलोय के नुकसान के बारे में जानते हैं और किन परिस्थितयों में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए यह भी जानते है :
1- ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा :
गिलोय के सेवन से शरीर की इम्युनिटी पॉवर मजबूत होती है लेकिन कई बार इम्युनिटी के अधिक होने की वजह से ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए ऑटो इम्यून बीमारियों से पीड़ित मरीजों को गिलोय के सेवन नहीं करना चाहिए।
2- निम्न रक्तचाप (Low Blood pressure) :
जो लोग पहले से ही निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के मरीज हैं उन्हें गिलोय के सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि गिलोय के सेवन से भी ब्लड प्रेशर कम होता है।
इस प्रकार अब हमे जरूरत के हिसाब सै गिलोय के सेवन करना चाहिए।