वास्तु शास्त्र हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है। यदि घर में सभी चीजें वास्तु के बताएं नियमों के अनुसार होती है, तो घर में सुख शांति और समृद्धि सदा ही बनी रहती है। वहीं इसके परे यदि घर में कोई वस्तु या फिर घर का निर्माण ही वास्तु के अनुसार नहीं होता है तो उस घर में नकारात्मकता आने लगती है और परिवार के सदस्यों स्वास्थ्य खराब, क्लेश और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
अक्सर आपने बहुत से घरों के मुख्य द्वार या मुख्य द्वार के सामने भगवान गणेश जी की प्रतिमा लगे हुए देखा होगा। वैसे तो हम यह सभी जानते हैं कि गणेश जी शुभ कार्यों के देवता है, परंतु वास्तु शास्त्र की माने तो गणपति की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर लगाने से हमें कई प्रकार के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अक्सर इस प्रकार की जाने वाली गलती के बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि आपको वास्तु के मुताबिक किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्य द्वार पर ना लगाएं भगवान गणेश की प्रतिमा
गणपति जी भगवान है और भगवान को हमेशा ही घर के मंदिर के अंदर रखा जाता है। भगवान गणेश मांगलिक कार्य को पूर्ण करने वाले और शुभ कार्यों को फलित करने वाले देवता है। इन्हें मुख्य दरवाजे पर रखना या इनकी कोई प्रतिमा लगाना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए कभी भी भूले से भी मुख्य द्वार पर गणपति जी की प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए।
आजकल आपने बहुत से लोगों के घर में लोहे के मुख्य द्वार में भगवान गणेश की प्रतिमा को लगे हुए देखा होगा।आपको बता दें ऐसा करना उचित नहीं है क्योंकि ऐसा करने से बाप-बेटे के बीच हमेशा ही क्लेश बना रहता है और परिवार पर सरिता भी हावी होने लगती है। इसके अलावा घर में कभी बरकत नहीं होती और परिवार के सदस्यों में रोग बने रहते हैं।
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