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शनिवार, दिसम्बर 21, 2024
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जानें, क्या है टॉन्सिल, इसके बार – बार होने का कारण, उपाय और कब किया जाता है इसमें ऑपरेशन !

अक्सर हम में से कई लोगों के साथ गले में खराश, बोलने में समस्या, खाना निगलने में कठिनाई और गर्दन के दोनों तरफ किनारों पर कोमल लिम्फ नोड्स हो जाने को आम समझ बैठते है। लेकिन ये कोई आम बात नहीं है जिस व्यक्ति के ये सभी परेशानी होती है उसे टॉन्सिल्स की समस्या हो सकती है। आपको बता दें टॉन्सिल्स में आने वाली सूजन को ही टॉन्सिलिटिस कहा जाता है। इसके अधिकांश मामले में एक वायरस का संक्रमण भी होता है, परंतु  बैक्टीरिया के संक्रमण से भी टॉन्सिलिटिस की समस्या हो सकती है। वैसे तो अधिकतर ये टॉन्सिलाइटिस स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया  से ही फैलता है, इससे ही स्ट्रेप थ्रोट की परेशानी बनती है। यदि वक्त रहते इसे ठीक नहीं किया जाता तो ये आगे चलकर एक बड़ी परेशानी बन जाती है। वैसे तो टॉन्सिल को हटाने के लिए सर्जरी का भी सहारा लिया जाता है। चलिए जानें, बार-बार टॉन्सिल होने का कारण, टॉन्सिल कितने दिन में ठीक होता है, टॉन्सिल को जड़ से खत्म करने का उपाय और टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है।

टॉन्सिल्स के कितने प्रकार के होते है

टॉन्सिल्स के छः प्रकार होते हैं, जिनमें एक्यूट टॉन्सिलाइटिस Acute Tonsillitis, क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस Chronic tonsillitis, पेरिटॉन्सिलर एब्सेस Peritonsillar abscess, एक्यूट मोनोन्यूक्लियोसिस Acute mononucleosis, स्ट्रेप थ्रोट Strep throat और टॉन्सिलोइथ्स या टॉन्सिल स्टोन्स Tonsilloliths or Tonsil Stones।

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टॉन्सिल्स के लक्षण क्या है

Gale me tonsil ka ilaj

टॉन्सिल्स की समस्या उन परेशानियों में से एक है जो कभी भी हो सकती है। इसके अधिकतर मामले किशोरावस्था और मध्य-किशोर के बीच में देखने को मिलते है। जब किसी व्यक्ति को टॉन्सिल्स की समस्या होती है तो ये लक्षण दिखते है- सूजे हुए टॉन्सिल, टॉन्सिल का लाल होना, टॉन्सिल पर पीले या सफेद रंग के धब्बे, गले में खरास, निगलने में कठिनाई, बोलने में कठिनाई होना, बुखार होना, गर्दन में बढ़े हुए, कोमल ग्रंथियां, एक कर्कश, दबी हुई आवाज, बदबूदार सांसे, पेटदर्द, गर्दन दर्द, गर्दन में अकड़ और सिरदर्द।

बार-बार टॉन्सिल होने का कारण

अधिकतर टॉन्सिल के मामलो में गले में सूजन, दर्द या फिर खराश होने लगती है। इसकी वजह से खाना पीना भी बिलकुल दूभर हो जाता है। सर्दियों में टॉन्सिल होनें के कई कारणों हो सकते है, कफ-कोल्ड़ होने पर, जैसे ठंडी चीजें खाने से, खट्टी चीजें खाने से, आचार खाने से, फ्लू की वजह से,  इम्यूनिटी कमजोर, ज्यादा ठंडा खाने-पीने से और ठंड लग जाने से।

टॉन्सिल कितने दिन में ठीक होता है | टॉन्सिल कितने दिन तक रहता है

टॉन्सिल के इंफेक्शन में यदि सुनेंरोकेंवायरल इंफेक्शन होता है तो इसके लिए इलाज की जरूरत नहीं होती है, लेकिन अगर इसके होने का कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो इसे दवाईयो से ठीक किया जा सकता है, अधिकतर मामलों में इसे ठीक होने के लिए एक हफ्ते का समय लग जाता है।

गले में टॉन्सिल को खत्म करने का उपाय Gale me tonsil ka ilaj

यदि आपके साथ भी टॉन्सिल की समस्या बनी हुई है तो आप इसे इन घरेलू उपायों की मदद से जड़ से खत्म तक सकते है।

आंवला, हरड़ और बहेड़ा को बराबर मात्रा में पीसले और इसमें त्रिफला चूर्ण को मिला लें। अब रात को सोने से पहले इसे एक चम्मच गर्म पानी में रखें और इसका सेवन करे। ऐसा करने से आप बहुत जल्द इससे छुटकारा पा सकते है।

काली मिर्च, सौंठ और पिपली को एक मात्रा में पीसकर इसे त्रिकुटा चूर्ण बना लें, और रोजाना लगभग 1-1 ग्राम इसका शहद के साथ सेवन करें।

शीतोपलादि का शहद के साथ सेवन करें, इससे भी आप टॉन्सिल की समस्या को जड़ से खत्म कर सकते है।

तुलसी के 4 से 5 पत्तियों को पीसकर इसमें अदरक का रस और शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

जितना हो सकें आंवला से संबंधित चीजों का सेवन करे, जैसे आवंला का मुरब्बा और आंवला का जूस आदि।

20 ग्राम त्रिकुटा और 20 ग्राम बबुल की छाल का पाउडर लेकर इसमें थोड़ा सा शहद मिला कर इसे चाट लें।

अजवाइन,  पिपरपिंट और  कपूर को एक मात्रा में लेकर इसमें यूके लिपस्टिक को मिला ले, अब इसमें लौंग का तेल मिलाएं। अब इसमें कुछ बूंदे गर्म पानी की मिला दें। अब इसके बाद इसकी भाप लेना शुरू करें।

रसोई घर में जाकर थोड़ा सा गर्म पानी करें और अब इसमें हल्दी के साथ सेंधा नमक डालकर मिला लें। अब इस मिश्रण से गरारे करना शुरू करें। इस उपाय से भी आपको बहुत जल्द टॉन्सिल की समस्या से लाभ मिलेगा। अगर बात करे हम टॉन्सिल्स की दवा की तो इसे ठीक करने के लिए हम मेडिसिन का उपयोग भी कर सकते है टॉन्सिल्स के लिए टेबलेट नाम

टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है

टॉन्सिल सांस लेते टाइम या कुछ भी खाते पिते समय किटाणुओं से होने वाले इंफेक्शन से हमें बचाएं रखता है। लेकिन टॉन्सिल की समस्या एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हमारे टॉन्सिल सूजने लगते हैं या फिर खुद संक्रमित हो जाते हैं। इससे खाने पीने तक में कठिनाईयां होती है। टॉन्सिल में संक्रमण फैसने की वजह से यदि होने वाला दर्द दवाईयों से भी ठीक नहीं होता है और लगातार खांसी या गले में खराश बनी रहती है और बार-बार टॉन्सिलाइटिस होने लगता है तो इसका एक मात्र इलाज सर्जरी होता है। टॉन्सिल को सर्जरी की मदद से हटाना इसे हो रही सभी परेशानियों से छुटकारा पाने का सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। जब टॉन्सिल संक्रमित हो जाता है या इससे सूजन होने लगती है तो टॉन्सिल्लेक्टोमी एक मात्र उपचार माना जाता है। टॉन्सिल्लेक्टोमी को खासतौर से स्लीप एपनिया के लिए किया जाता है, आपको बता दें टॉन्सिल्लेक्टोमी एक डॉक्टरी इलाज है जिसमें टॉन्सिल को हटा दिया जाता है।

Disclaimer

हमारा प्रयास रहता है कि हम आपके लिए एक दम सटीक जानकारी लेकर आए और इसलिए हम तथ्यों और विशेषज्ञों के द्वारा बताई गई ही जानकारी आपके लिए लेकर आते है। हम सभी का शरीर अलग-अलग तरीके का है। इसलिए इसे भी नकारा नहीं जा सकता कि हर टिप्स आपके शरीर पर एक ही तरह से काम करेगी। इसलिए किसी भी टिप को अपनाने से पहले आप अपने डॉक्टर या फिर किसी विशेषज्ञ की राय जरूर लें। हमारा काम आपके लिए होम रेमेडी और फिटनेस टिप लेकर आना है लेकिन उन्हें ट्राई करने से पहले आपको भी उसकी पूरी पड़ताल करनी चाहिए और तभी इन टिप्स को इस्तेमाल में लाना चाहिए।

मोहित नागर
मोहित नागर
मोहित नागर एक कंटेंट राइटर है जो देश- विदेश, पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और वास्तु से जुड़ी खबरों पर लिखना पसंद करते हैं। उन्होंने डॉ० भीमराव अम्बेडकर कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। मोहित को लगभग 3 वर्ष का समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम करने का अनुभव है।

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