नई दिल्ली: आजकल के बदलते लाइफस्टाइल में बच्चे पौष्टिक आहार से दूर हो रहे हैं और उन्हें जंक फूड ज्यादा पंसद आता है। वैसे तो सभी डॉक्टर बच्चों के शारीरिक विकास और स्वस्थ रखने के लिए फल-सब्जियां से भरपूर हेल्दी डाइट देने पर जोर देते हैं, लेकिन अब एक रिसर्च से पता लगा है कि फल और सब्जियां खाने से बच्चों की मानसिक सेहत भी दुरुस्त रहती है। यूएस न्यूज़ डॉटकॉम की खबर के अनुसार, जो बच्चे ब्रेकफास्ट और लंच में पोषण युक्त फल-सब्जियां लेते हैं, उनकी मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है।
इस रिपोर्ट में यूनाइटेड किंगडम के कैंब्रिज में NNEdpro ग्लोबल सेंटर फॉर न्यूट्रिशन एंड हेल्थ (NNEdPro Global Centre for Nutrition and Health) के कार्यकारी निदेशक सुमंत्र रे (Sumantra Ray) ने बताया है, “इस स्टडी की पहली ही परख में ये पता चलता है कि फल और सब्जी का सेवन बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को किस तरह से प्रभावित करता है। इसके साथ ही इससे ये ‘भोजन और मनोदशा’ यानी फूड और मूड के आसपास उभरते साक्ष्यों में भी योगदान देती है।
रिसर्च के मुताबिक, खराब मेंटल हेल्थ सभी युवाओं के लिए एक बढ़ती हुई चिंता है, क्योंकि ये प्रॉब्लम उनके बड़े होने तक बनी रहती हैं, जिससे उन्हें जीवन में वो मुकाम हासिल नहीं हो पाता जिसके लिए वो प्रयासरत रहते हैं, इसका असर उनके जीवन की गुणवत्ता पर भी पड़ता है।
बीएमजे न्यूट्रिशन प्रिवेंशन एंड हेल्थ (BMJ Journals) में 27 सितंबर को प्रकाशित स्टडी के लिए, रिसर्च ने 10,800 से अधिक यूके के छात्रों पर डेटा इकट्ठा किया, जिन्होंने 2017 में हुए तंदुरुस्ती पर आधारित सर्वे हिस्सा लिया था।
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सर्वे के मुताबिक
– सेकेंडरी स्कूल (secondary school) के लगभग 25% और प्राइमरी स्कूल के 29% छात्रों ने एक दिन में बताए गए पांच भागों में फल और सब्जियां खाईं, जबकि क्रमशः 10% और 9% ने कोई फल-सब्जी नहीं खाई।
– लगभग 21% पुराने छात्रों और 12% छोटे बच्चों के पास नॉन एनर्जी ड्रिंक या नाश्ते के लिए कुछ भी नहीं था, और सेकेंडरी स्कूल के लगभग 12% बच्चों के पास दोपहर का खाना नहीं था।
जितने फल सब्जी, उतना अच्छा परिणाम
रिसर्च में देखने को मिला कि फलों और सब्जियों की अधिक मात्रा बेहतर मानसिक स्वास्थ्य स्कोर के साथ महत्वपूर्ण रूप से जुड़ी हुई थी। मतलब जितने बच्चों ने जितने अधिक फल-सब्जियां खाईं उनका मेंटल हेल्थ स्कोर उतना ज्यादा आया।
फुल ब्रेकफास्ट
सर्वे में फुल ब्रेकफास्ट करना ही बेहतर मेंटल हेल्थ से जुड़ा था। केवल ब्रेकफास्ट बार (न्यूट्रिशंस से भरपूर चॉकलेट) या एनर्जी ड्रिंक या स्नैक्स लेने से मानसिक स्वास्थ्य का स्तर कम होता है। वहीं अगर बच्चों ने पैक्ड लंच की तुलना में लंच नहीं किया तो ये भी कम मेंटल हेल्थ स्कोर से जुड़ा था।
सिर्फ एनर्जी ड्रिंक काफी नहीं
छोटे बच्चे जिन्होंने दिन की शुरुआत करने के लिए स्नैक या नॉन-एनर्जी ड्रिंक लिया था, उनका मानसिक स्वास्थ्य स्कोर भी कम था, ये बिलकुल वैसा ही था जैसा कि नाश्ता नहीं करने वालों का था।
आपको बता दें, यूनाइटेड किंगडम में ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय में न्यूट्रीशन संबंधी महामारी विज्ञान की प्रोफेसर आइल्सा वेल्च ने इस स्टडी को लीड किया। स्टडी में उनकी टीम ने ये पाया कि बच्चों की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए अच्छे पोषण का महत्व पूरी तरह से स्थापित है। रिसर्च के लेखकों ने ये निष्कर्ष निकाला कि पोषण बच्चों के मानसिक कल्याण के लिए भी अत्यधिक प्रासंगिक है।