जब नौका मंझधार में फस जाये तभी केवट की कुशलता का पता चलता है! विपरीत परिस्थितियों में सटीक निर्णय लेने की क्षमता ही आपको बड़ा नेता बनाती है! ऐसे ही प्रतिकूल दौर से भारत भी गुजर रहा है! प्रधानमंत्री बनने के बाद से श्री नरेंद्र मोदी ने कई बार जबर्दस्त निर्णय लेकर सबको चौंकाया है! लेकिन 6 वर्ष के कार्यकाल में पहली बार उनके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ एक साथ आ गयी हैं! ज़िनसे पार पाना बेहद मुश्किल है!
आईये डालते है ऐसी चुनौतियों पर एक नजर –
1 – गिरती अर्थव्यवस्था
भारत की अर्थव्यवस्था का हाल पिछले कुछ समय से खस्ता ही चल रहा है! GDP पिछले कई सालों की तुलना में न्यूनतम है! कोरोना की वजह से हाल और खराब हो गया है! देखना ये है कि सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए क्या योजना अपनाती है!
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2 – बॉर्डर पर तीन तरफा दबाब
कल ही लद्धाख में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं जिसकी वजह से चीन के साथ भारत के रिश्ते बेहद तानवपूर्ण हो गये हैं! पाकिस्तान का आये दिन घुसपैठ और सीज फायर उल्लंघन चलता ही रहता है! हाल ही में नेपाल बॉर्डर पे हुई हिंसा अपने आप में चौंकाने वाली थी! वर्तमान हालात में सीमा पर तीन तरफा दबाव से निकलकर सामान्य स्थिती बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण है!
3 – बेरोजगारी
भारत में बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्ष में उच्चतम है! कोरोना वायरस के कारण हालात और बिगड़ गये हैं! रोजगार को लेकर विपक्ष भी हमलावर है लेकिन अर्थव्यवस्था की बिगड़ी हालत अभी सुकून देती नहीं दिख रही!
4 – कोरोना वायरस
कोरोना वायरस ने भारत की तरक्की का पहिया जाम कर दिया है! प्रतिदिन 10000 से अधिक मरीजों का मिलना भारत में फैले संक्रमण की तस्वीर वयान कर रहा है तो 56 दिन के लोकडाऊन ने विकास का रास्ता बंद कर दिया है! अभी तक इसकी वैक्सीन विकसित ना होने की वजह से आने वाले दिनो में हालात और बिगड़ सकते हैं!