बाढ़ का नाम सुनते ही हम सभी के दिल में एक भय का माहौल बन जाता है, लेकिन इस देश में एक राज्य ऐसा भी है जो हर साल इस परिस्थिति को झेलने के लिए मजबूर है और वह राज्य है बिहार। भारी बारिश के चलते गंगा, सोन, गंडक समेत उत्तर बिहार की तमाम छोटी-बड़ी नदियां ऊफान पर आ गई हैं और राज्य में बाढ़ से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि राज्य के 15 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की चपेट में है। जबकि कई लोग अभी तक बाढ़ के चलते अपनी जान गवा चुके है।
इस पर आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाढ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जानकारी दी गई है कि राज्य के 15 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित है और वहां की लगभग 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कहा जा रहा कि बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया गया है। साथ ही सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी जारी है।
विभाग के एक अधिकारी का इसपर यह कहना है कि पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुज्जफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले भी बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों में एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों के द्वारा बचाव कार्य चलाया जा रहा है। विभाग के अधिकारी के अनुसार इसके अलावा चार एनडीआरएफ और पांच एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात की गई है और प्रभावित इलाकों में 1948 नावों का परिचालन किया जा रहा है।
अधिकारी की माने तो अगर भविष्य में परिस्थिति खराब होती है, तो जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि अभी तक एक लाख 39 हजार से ज्यादा पॉलीथिन शीट और 27 हजार 387 सूखा राशन पैकेट बांटे जा चुके हैं।
इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों में 31 राहत शिविर और 254 सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है। अधिकारी का कहना है कि बाढ़ के पानी से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है।
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