क्लाथिंग, होम डेकोर और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कंपनी फैब इंडिया के द्वारा फेस्टिव सीजन कैंपेन चलाया गया था और फैब इंडिया द्वारा इस कैंपेन का नाम ‘जश्न-ए-रिवाज’ रखा गया था, लेकिन देखते ही देखते यह कैंपेन विवादों के घेरे में आ गया जिसके बाद फैब इंडिया ने आलोचना और विवादों को देखते हुए अपना प्रमोशनल वाला ट्वीट डिलीट कर दिया, जिसमें उन्होंने ‘जश्न-ए-रिवाज’ का ज्रिक किया था।
बता दें कि, इस पर फैब इंडिया का कहना है कि जश्न-ए-रिवाज को दिवाली से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन उन्होंने यह कैंपेन दिवाली को देखते हुए तैयार नहीं किया बल्कि वह जल्द ही दिवाली कलेक्शन को लेकर ‘झिलमिल सी दिवाली’ प्रोमो लांच करेंगे।दरअसल, फैब इंडिया ने हाल ही में एक प्रमोशनल ट्वीट किया था जिसमें मॉडल्स को दिवाली कलेक्शन से जुड़े कपड़ें पहने हुए थे और फैब इंडिया ने अपने इस ट्वीट में लिखा था कि, ‘जैसा कि हम प्यार और प्रकाश के त्योहार का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा जश्न-ए-रियाज़ एक ऐसा संग्रह है जो खूबसूरती से भारतीय संस्कृति को नमन करता है।’
इसके बाद क्या था, इस ट्वीट के सामने आने के बाद हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं ने फैब इंडिया के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि दिवाली को उर्दू का नाम देकर फैब इंडिया ने हिंदू त्योहार का अपमान किया है। हालांकि, फैब इंडिया की तरफ से साफ किया गया है कि ये उनका दीवाली कलेक्शन नहीं है।
इसके बाद भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्य समेत कई लोगों ने फैब इंडिया बायकॉट की मुहिम छेड़ दी। जिसके बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए फैब इंडिया ने उस जश्न-ए-रिवाज वाले ट्वीट को डिलीट कर दिया और अपनी सफाई में कहा कि जश्न-ए-रिवाज को दीपावली से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन यह दिवाली से संबंधित नहीं है।
फैब इंडिया ने अपने कैंपेन की जानकारी देते हुए बताया कि, “जश्न-ए-रिवाज” कलेक्शन हमारा सभी त्योहारों के सेलिब्रेशन के लिए है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है। ये कलेक्शन दिवाली के प्रोडक्ट्स के लिए नहीं था। हमारा दिवाली कलेक्शन अभी लॉन्च होना बाकी है, जिसका नाम- “झिलमिल सी दिवाली” है।