नई दिल्ली: पिछले लम्बे समय से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को चाचा पारस और भतीजा चिराग दो भागों में बाटने के लिए कवायद में लगे हुए थे। मंगलवार यानी 5 अक्टूबर को चुनाव आयोग लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को अलग-अलग पार्टी के तौर पर मंजूरी दे दी है।
पार्टी का पुराना नाम और चुनाव चिह्न भी खत्म कर दिया है। चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) होगा। पार्टी काे हेलिकॉप्टर चुनाव चिन्ह दिया गया है।
वहीं, उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) होगा। RLJP का चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन होगा।
बताया जा रहा है, चुनाव आयोग ने इस संबंध में लेटर जारी कर दिया है। इसके साथ ही दोनों गुटों के बीच पार्टी को लेकर दावे की लड़ाई अब खत्म होती दिख रही है। हालांकि, चिराग पासवान की पार्टी के नाम से रामविलास जुड़ गया है, जिससे उन्हें चुनावी समर में पिता की विरासत के आधार पर वोट मांगने में मदद मिल सकती है।
आपको बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही उनके बेटे चिराग और उनके भाई पशुपति पारस के बीच विवाद उभर आए थे। लोजपा ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA से अलग होकर चुनाव लड़ा था और एक ही सीट मिल पाई थी।
इसके बाद पार्टी में मतभेद गहरे होते चले गए। पारस गुट ने चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया था। तब से ही दोनों गुट पार्टी पर अपना-अपना दावा कर रहे थे। यह लड़ाई चुनाव आयोग तक भी पहुंची थी, जिसने अब यह फैसला दिया है।
खबरों के मुताबिक, ‘तारापुर और कुशेश्वरस्थान से उम्मीदवार उतारने के लिए चिराग पासवान की तरफ से चुनाव आयोग से नए चुनाव चिन्ह की मांग की गई थी। इन्होंने अपनी तरफ से गैस सिलेंडर, हेलिकॉप्टर और एक साथ खड़े तीन आदमी के प्रतीक चिन्ह को बतौर सिंबल देने की मांग की थी।
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