भगवान शिव का रूप अनूठा है. पूरे शरीर पर भस्म लपेटने वाले, वस्त्र की जगह छाल पहनने वाले, अपनी जटाओं में गंगा को समाहित करने वाले और गले में जहरीले नाग को धारण करने वाले शिव से जुड़ा हर प्रतीक अलग और खास है. उनके एक हाथ में डमरू और त्रिशूल है, जो बुरी ताकतों के संहार के लिए है. उनके सिर पर चंद्रमा सुशोभित है. भोलेनाथ द्वारा धारण की गई हर चीज किसी न किसी बात का प्रतीक है. आज नाग पंचमी के मौके पर जानते हैं कि गले में सांप धारण करने के पीछे क्या वजह है.
शिव के गले में लिपटे हैं वासुकी नाग
धर्म पुराणों में 12 देव नागों का उल्लेख है और हर महीने में एक-एक नाग की प्रार्थना-पूजा करने के लिए कहा गया गया है. इन नाग देवों में से ही एक वासुकी नाग भगवान शिव के गले में लिपटे हुए हैं. वासुकी नाग शिव जी के परम भक्तों में से हैं. शिव का नागों से अटूट संबंध है, इसीलिए शिव भक्ती के पवित्र महीने सावन का एक दिन नागों की पूजा के लिए समर्पित है. नाग पंचमी के दिन नाग पूजा करने से शिव जी बहुत प्रसन्न होते हैं. इस दिन शिव जी की भी पूजा करनी चाहिए. इससे नाग पंचमी की पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है.
क्यों शिव के गले में लिपटे हैं नाग?
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धर्म-पुराणों के मुताबिक जब समुद्र मंथन हुआ तो भगवान विष्णु समुद्र के बीचोंबीच क्च्छप बनकर स्थिर खड़े हुए और फिर उनके ऊपर मदरांचल पर्वत को रखा गया. वहीं वासुकी नाग को रस्सी के रूप में मंथन में उपयोग किया गया. वासुकी नाग को एक ओर से देवताओं ने थामा और दूसरी ओर से असुरों ने. समुद्र मंथन में कई चीजें निकलीं और इसे देवताओं और असुरों के बीच बांटा गया.
इसी दौरान इसमें से जो भयंकर विष निकला, उससे धरती को बचाने के लिए शिव ने ग्रहण किया. मंथन की इस प्रक्रिया में वासुकी नाग लहु-लुहान हो गए थे. वे शिव जी के परम भक्त थे, शिव ने उनकी भक्ति देखकर अपने गणों में शामिल किया और उन्हें अपने गले में स्थान दिया. इसके अलावा यह इस बात का प्रतीक भी है भगवान ने संसार की भलाई के लिए खुद जहर को ग्रहण कर लिया. यह इस बात का भी संकेत है कि यदि बुरे लोग भी अच्छे काम करें तो भगवान उन्हें कभी न कभी स्वीकार कर लेते हैं.
आज नाग पंचमी पर गलती से भी जीवित सांप के साथ न करें यह काम, वरना पुण्य की जगह मिलेगा पाप
हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. यह तिथि आज शुक्रवार, 13 अगस्त है. आज नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कई लाभ होते हैं. नाग को भगवान शंकर ने अपने गले में धारण किया है, लिहाजा नाग पंचमी पर नाग देवता के साथ-साथ शिव जी की पूजा करें. इसके लिए मंदिर जाकर या घर पर भी पूजन की जा सकती है. हालांकि इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है वरना जातक को पुण्य मिलने की बजाय पाप लग सकता है और जिंदगी में कई संकट आ सकते हैं.
नाग पंचमी पर कभी भी न करें यह काम
नाग पंचमी के दिन नाग देवता के लिए व्रत रखा जाता है, उनकी पूजा की जाती है. आज के दिन काल सर्प दोष और राहु-केतु संबंधी दोषों का निवारण करना भी बहुत शुभ होता है. हालांकि इन चीजों को लेकर लोगों में कुछ भ्रम हैं, जिसके कारण पूजा में गलती करने से या इस दिन जीवित नाग की पूजा करने से, उसे कष्ट देने से बहुत पाप लगता है. ऐसा करना जिंदगी में संकटों को बुलावा देना है.
- नाग पंचमी पर कभी भी जीवित सांप की पूजा न करें, बल्कि इस दिन नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा करें. मंदिर में जाकर भी पूजन कर सकते हैं.
- जीवित सांप को कभी भी दूध न पिलाएं, उनके लिए दूध जहर के समान हो सकता है. लिहाजा उनकी प्रतिमा का ही दूध से अभिषेक करें.
- ज्योतिष में इस बात का साफ तौर पर उल्लेख है कि नाग पंचमी के दिन काल सर्प दोष और राहु-केतु दोष का निवारण करने के लिए पूजा-पाठ करना, नाग की प्रतिमा का अभिषेक करना अच्छा होता है, लेकिन इसका संबंध जीवित सांप से बिल्कुल भी नहीं है. लिहाजा इन दोषों के निवारण के लिए जीवित सांप की पूजा न करें और ना ही सांप को कोई कष्ट पहुंचाएं, वरना जिंदगी में भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है.
ऐसे करें नाग देवता की पूजा
घर पर चौकी पर नाग देवता की मूर्ति स्थापित करें. दूध से अभिषेक करें, उन्हें हल्दी जरूर लगाएं. कुमकुम-अक्षत लगाएं. धूप-दीप जलाकर पूजा करें. मिठाई का भोग लगाएं. साथ ही उन्हें नारियल अर्पित करें और उनका आशीर्वाद दें.
अगर आपकी कुंडली में है काल सर्प दोष, तो नाग पंचमी के दिन करें ये अचूक उपाय
कई बार कुंडली का एक दोष कई शुभ ग्रहों पर भारी पड़ जाता है. काल सर्प दोष भी ऐसा ही एक दोष है, जिसके चलते व्यक्ति की जिंदगी मुश्किलों से भर जाती है. कड़ी मेहनत करने के बाद भी उसे सफलता नहीं मिलती है इसीलिए जिस भी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उसे जल्द से जल्द इसका निवारण करने की सलाह दी जाती है. कुंडली में यह दोष तब आता है जब सारे ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं.
पूर्व जन्म के कर्म आते हैं आड़े
कहते हैं कि काल सर्प दोष पिछले जन्म में किए किसी अशुभ कर्म के कारण बनता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक काल सर्प दोष के निवारण के लिए नाग पंचमी का दिन बहुत शुभ है. इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. इस साल 13 अगस्त को नाग पंचमी है. इस दिन जातक काल सर्प दोष को दूर करने के लिए इनमें से कोई भी एक उपाय कर सकते हैं.
काल सर्प दोष दूर करने के उपाय
- काल सर्प दोष दूर करने का सबसे अचूक उपाय है कि नाग पंचमी के दिन किसी सपेरे से नाग-नागिन का एक जोड़ा खरीदकर उसे जंगल में जाकर छोड़ दिया जाए.
- कोई ऐसा शिवलिंग जहां पर पहले से नाग नहीं लगा हुआ हो, वहां पंच धातु का बना नाग विधि-विधान से लगवा दें. इसके बाद शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करके भगवान शिव और नाग देवता का आशीर्वाद लें. काल सर्प दोष दूर करने का यह बहुत अच्छा उपाय है.
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन-पूजन करें. दूध से अभिषेक करके अपनी गलतियों की क्षमा मांगे. राहु-केतु की शांति के लिए पूजा करें. इसके बाद गोमेद या चांदी की नाग वाली अंगूठी धारण करें.
- काल सर्प दोष निवारण की पूजा नाग पंचमी के दिन करने से यह दोष दूर होता है और शुभ फल मिलता है.
- नाग पंचमी के दिन नाग पूजन के बाद घर पर या मंदिर में नाग गायत्री मंत्र ‘ओम नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात्’ का कम से कम 108 बार जाप करें. साथ ही उनसे अपनी गलती की क्षमा मांगे, इससे भी काफी लाभ होगा.