शिशु के जन्म के 6 महीने तक पोषण का एक मात्र साधन ब्रेस्ट मिल्क है। इससे मां और शिशु दोनों हेल्दी रहते हैं। बेस्टफीडिंग से न केवल शिशु का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है बल्कि प्रेंग्नेसी के बाद मां के बढ़े हुए वजन को कम करने में भी हेल्प मिलती है। लेकिन कई महिलाओं में डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट से मिल्क कम या बिल्कुल नहीं निकलता है। यहां जानें इसे बढ़ाने के लिए कौन सा योग मददगार साबित हो सकता है।
सेतुबंध आसन
- सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाए।
- अब अपने घुटनों को मोड़े ताकि यह रीढ़ की हड्डी के 90 डिग्री पर हो।
- सांस लेते हुए अपने कमर को सहूलियत के हिसाब से उठाए।
- इस अवस्था को 20-30 सेकंड तक बनाये रखें।
- जब आप आसन धारण करते है तो धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े।
- फिर सांस छोड़ते हुए ज़मीन पर आये।
- इस क्रिया को तीन बार दोहराएं।
मार्जरी आसन
- दोनों हाथों को जमीन पर सीधा रखकर घुटनों पर खड़े हो जाएं।
- इसके बाद रीढ़ को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करते हुए सांस अंदर की तरफ खींचें।
- इस दौरान सिर को ऊपर उठाए रखें और सांस को तीन सेकेंड तक भीतर रोक कर रखें।
- इसके बाद पीठ को बीच से ऊपर उठाकर सिर नीचे झुकाएं और सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़ें
- सांस को फिर तीन सेकेंड तक रोकें और नॉर्मल पोजीशन में वापस आ जाएं। भुजंगासन
-इसके लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। - अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं।
- ध्यान रहे हथेली खुली और जमीन पर फैली हो।
- अब शरीर के बाकी हिस्सों को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर कीजिए, कुछ समय के लिए इस स्थिति में रहें।
पर्वतासन
- सबसे पहले दंडासन में बैठ जाएं।
- पैरों को सामने फैलाकर हाथों को शरीर के बगल में रखें।
- अब दाहिना पैर बाईं जांघ पर और बायां पैर दाईं जांघ पर रखें।
- लगभग 3 सेकेंड धीमी और गहरी सांस लें और नमस्कार मुद्रा में हथेलियों को मिलाएं।
- कूल्हों को जमीन पर रखें और हाथों को ऊपर की ओर खींचें।
- 30-40 सेकंड के लिए अंतिम मुद्रा बनाए रखें।
- सामान्य रूप से सांस बाहर निकालते हुए मुद्रा को छोड़ दें।