अक्सर जब भी हम कोई इमोशनल फिल्म देखते है, तो अपने आंसू को चाह कर भी रोक नहीं पाते और अगर बात प्याज की करें तो प्याज काटते वक्त भी अक्सर हमारे आंसू निकल जाते है। खासकर अगर लड़कों की बात करें।
तो बचपन से लड़कों को सिखाया जाता है कि लड़के थोड़ी रोते है क्योंकि लड़के तो स्ट्रोंग होते है और हमारे घर के बड़े बुजुर्ग भी यही सलाह देते है कि हमेशा खुश रहना चाहिए और हंसते रहना चाहिए, किसी चीज को लेकर रोना अच्छी बात नहीं होती।
लेकिन अगर आज हम आपसे यह कहें कि रोना भी आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, तो इसपर आपका क्या विचार होगा। नहीं हुआ ना विश्वास कोई बात नहीं आज हम रोने से आपकी सेहत पर पड़ने वाले इन्हीं फायदों की जानकारी लेकर आए है, जिन्हें शायद ही आपने सुना होगा।
इस बात की तो पुष्टी वैज्ञानिकों भी कर चुके है कि जितना हंसना हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है उतना ही रोना भी हमारी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है और हाल ही में हुए एक शोध में भी इस बात की पुष्टी की गई कि रोने से हमारा स्ट्रेस तक दूर हो जाता है।
तो आइए अब बिना समय गवाए हम जान लेते है कि कैसे रोना हमारी सेहत को फायदा पहुंचा सकता है।
आंसू के कितने प्रकार होते है ?
रोने की बात करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आंसू कितने प्रकार के होते हैं। तो अगर विशेषज्ञों की माने तो आंसू तीन प्रकार के होते है। जिसमें पहला होता है कंटीनिअस, दूसरा होता है रेफलेक्सिव और तीसरा होता है इमोशनल।
इसके अलावा वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि धरती पर मौजूद सभी प्राणियों में केवल इंसान ही ऐसा है जो इमोशनल होकर भी रो सकता है और इस इमोशनल क्राइंग के कई लाभ भी होते है। यह तो हो गई आंसूओं की बात आइए अब रोने के फायदों को जान लेते है।
क्या होते है रोने के फायदें ?
वैसे तो रोने को दुख के साथ जोड़ा जाता है मतलब कि जो इंसान दुखी होता है वहीं रोता है और कई लोगों का मानना होता है कि रोना हमारी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता लेकिन इस बात को अल्जाइमर रिसर्च सेंटर रीजन्स हॉस्पिटल ने पूरी तरह से नकार दिया है।
शोध किसने की ?
यह शोध अल्जाइमर रिसर्च सेंटर रीजन्स हॉस्पिटल के द्वारा की गई और इसकी अध्यक्षता अल्जाइमर रिसर्च सेंटर रीजन्स हॉस्पिटल फाउंडेशन के डायरेक्टर विलियम एच फ्रे ने की। इस शोध के बाद उनका रोने को लेकर कहना है कि रोने का सबसे बड़ा फायदा होता है कि हमारा मन हल्का हो जाता है और मन हल्का होने से आप अच्छा महसूस करते है।
रोने से कैसे तनाव कम होता है ?
उनका मानना है कि हमारे शरीर में कुछ ऐसे केमिकल्स होते है जो तनाव की स्थिति को पैदा करते है और जब हम रोते है तो वह केमिकल्स हमारे शरीर से निकल जाते है। जिससे हमारा शरीर भी तनाव मुक्त हो जाता है।
तनाव के कैमिकल्स आंसूओं से ही क्यों निकलते है ?
अगर वैज्ञानिकों की माने तो अगर इंसान को तनाव हो और उस दौरान अगर वह रो देता है तो इस वक्त इंसान के आंसुओं में एसीटीएच केमिकल्स की मात्रा अधिक हो जाती है जिसकी वजह से ही हमें तनाव से राहत मिल पाती है और तनाव के दूर होने से हमारा मस्तिष्क और हार्ट दोनों सेहतमंद रहते है।
कैसे और कहा किया गया शोध ?
यह शोध नीदरलैंड्स में किया और इस शोध के लिए कुछ लोगों का चयन कर उन्हें सैड मूवी दिखाई गई। जिसे देखकर कुछ लोग तो रोने लगे लेकिन कुछ लोग नहीं रोए। इसके बाद जब सवालों का सिलसिला शुरू किया गया। तो शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग रोए थे वह उन लोगों से अच्छा महसूस कर रहे थे जिन्हें रोना नहीं आया। इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई।
Disclaimer
हमारा प्रयास रहता है कि हम आपके लिए एक दम सटीक जानकारी लेकर आए और इसलिए हम तथ्यों और विशेषज्ञों के द्वारा बताई गई ही जानकारी आपके लिए लेकर आते है। हम सभी का शरीर अलग-अलग तरीके का है। इसलिए इसे भी नकारा नहीं जा सकता कि हर टिप्स आपके शरीर पर एक ही तरह से काम करेगी। इसलिए किसी भी टिप को अपनाने से पहले आप अपने डॉक्टर या फिर किसी विशेषज्ञ की राय जरूर लें। हमारा काम आपके लिए होम रेमेडी और फिटनेस टिप लेकर आना है लेकिन उन्हें ट्राई करने से पहले आपको भी उसकी पूरी पड़ताल करनी चाहिए और तभी इन टिप्स को इस्तेमाल में लाना चाहिए।