इस तस्वीर में जो आप बावली देख रहे हैं, यह कोई और नहीं हजरत निजामुद्दीन बावली है। हजरत निजामुद्दीन बावली के सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन है। यह बावली दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र के पश्चिम में है, जो प्रगति मैदान से आसानी से पहुचा जा सकता है। यह लगभग 700 साल पुरानी है।
आज से लगभग 700 साल पहले बनी इस बावली को 14वीं सदी के एक संत हजरत निजामुद्दीन औलिया ने खोदना शुरु किया था। इसको बनवाने के पीछे एक कहानी भी है। जिस समय यह बवली बन रही थी, उसी समय दिल्ली के शासक गयासुद्दीन तुगलक भी तुगलकाबाद में अपना एक भव्य शहर बसा रहा था। दोनों के बीच विवाद हो गया।
जिसके बाद वह मजदूरों से पूरे दिन काम करवाता था ताकि वो कहीं और काम ना कर सके और उन्हें कहीं और काम करने से मना कर दिया। लेकिन मजदूर तेल के लैंप की रौशनी की मदद से रात को उनके यहां काम करने जाते थे। उसके बाद सुल्तान ने गुस्से में सबको आदेश दिया कि निजामुद्दीन औलिया को तेल ना बेचा जाए। फिर सूफी को जब यह पता चला तो उन्होंने अपने आशीर्वाद से बावली के पानी को तेल में बदल दिया जिसे लैंप में भरकर रौशनी हुई और काम आसानी से हो गया।
बावली का काम सफलतापूर्वक करवाने के लिए उन्हें चिराग-ए-दिल्ली की उपाधी दी गई थी।
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