दिल्ली ने साल 2020 के फरवरी महीने में ऐसी काली शाम देखी थी, जिसे आज भी याद कर दिल कांप जाता है, इसी महीने में देश की राजधानी कही जाने वाली दिल्ली दंगों की आग में झुलस गई थी। इन दंगों में कई जान गई थी और कई लोगों के काम बंद हो गए थे।
सभी को इंसाफ का इंतजार था और आज तीन साल बाद इसपर आखिरकार कोर्ट ने अपना फैसला सुना ही दिया। बता दें कि कोर्ट ने अपने फैसले में 9 लोगों को दोषी करार किया है। कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि जो भी दोषी पाए गए हैं वह अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे और इनकी प्लानिंग थी कि एक समुदाय विशेष की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाए।
बता दें कि ये मामला गोकुलपुरी इलाके में हुए दंगों पर आधारित है जिसमें भारी मात्रा में आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी और कोर्ट ने इसी मामले पर सुनवाई करते हुए मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज और मोहम्मद फैसल को दोषी बताया है।
शिकायतकर्ता का क्या कहना ?
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शिकायतकर्ता का आरोप था कि दोषी पाए गए राशिद उर्फ मोनू के दंगा, चोरी, आगजनी, उपद्रव, संपत्तियों को आग लगाना और अवैध जमावड़ा किया है। शिकायतकर्ता का कहना था कि 24 फरवरी, 2020 की दोपहर करीब 1 से 2 बजे जब वह शिव विहार तिराहा रोड के चमन पार्क स्थित अपने घर में थी तो उसकी गली में पथराव शुरू हो गया।
जब उन्होंने बाहर आकर देखा तो सामने काफी भीड़ थी जो उनके घर का दरवाजा तोड़कर घर में घुसना चाहती थी। इसके बाद उन्होंने अपने पति को फोन लगाया, उनके पति काम पर गए हुए थे, यह जानकारी मिलने पर वो घर आए और उन्हें एक सुरक्षित जगह पर ले गए और गेट में ताला लगा दिया।
पूरा मामला क्या है?
शिकायतकर्ता ने कहा कि मामला यही नहीं रूका इसके बाद भीड़ फिर से आई और 24-25 फरवरी को उनके घर में तोड़फोड़ करने लगी। इसके बाद भीड़ ने पीछे का दरवाजा तोड़ा और सामान चोरी करने लगे। दंगाई यही नहीं रूके उन्होंने इसके बाद उनके ऊपर वाले कमरे में आग भी लगा दी।
यह पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई जिसके बाद सीसीटीवी को देखकर आरोपियों की पुष्टी की गई और आज इन आरोपियों को कोर्ट ने सजा भी सुना दी।
जांच अधिकारी (IO) बताते हैं कि आरोपी व्यक्ति 2020 मामले में शामिल थे, इसी के चलते उन्होंने मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज और मोहम्मद. फैसल और राशिद को गिरफ्तार कर लिया।