नई दिल्ली: गर्मी के मौसम में राजधानी में पानी की किल्लत से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने ‘समर एक्शन प्लान 2022’ तैयार किया है। गुरुवार यानी 8 अप्रैल को जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने इसकी जानकारी दी है।
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बैठक दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों से पेयजल आपूर्ति से संबंधित कार्य, पानी की लाइनें बिछाने, ट्रीटमेंट प्लांट को दुरुस्त करने आदि कार्यों को लेकर प्रगति रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, दिल्ली के विभिन्न इलाकों में टैंकरों से पानी पहुंचाने के कार्य में सुधार लाने और शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया है। इन सभी कामों की प्रगति पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी भी रखी जाएगी, ताकि सभी कामों को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके।
जल मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने जल उपचार संयंत्रों को नए और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अपग्रेड किया है। सिस्टम को कुशल और मजबूत बनाया गया है, ताकि गर्मी में लोगों को पानी की कमी के चलते परेशानी न झेलनी पड़े। दिल्लीवासियों के घरों तक साफ पानी पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है और कम से कम समय में शिकायतों को हल करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दिल्लीवालों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले पानी आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने पर्याप्त व्यवस्था की है।
पानी के उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाकर 1000 एमजीडी
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पिछले साल की गर्मियों में दिल्ली में 935 एमजीडी पानी सप्लाई की जाती थी। वहीं, इस साल बढ़ती गर्मी के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने पानी का उत्पादन बढ़ाकर 1000 एमजीडी तक करने का लक्ष्य रखा है। यानि की इस बार गर्मी में राजधानी में 65 एमजीडी अधिक पानी की आपूर्ति होगी। इसके साथ ही, पानी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी अपग्रेड किया है।
जेजे कॉलोनियों में पाइपलाइन से होगी जलापूर्ति
दिल्ली की जेजे कॉलोनियों में पाइपलाइन के जरिए वाटर सप्लाई की जाएगी। दिसंबर 2021 तक 1642 कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। 65 कॉलोनियों में पाइपलाइन के जरिए जल्द ही पानी की आपूर्ति चालू कर ली जाएगी। वहीं, 38 कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाने का कार्य जारी है। बता दें सभी जेजे क्लस्टरों में पब्लिक वॉटर हाइड्रेंट व टैंकरों के माध्यम से पानी की सुविधा है।
हरियाणा से आ रहे पानी की निगरानी
हरियाणा से आने वाले पानी में कई बार अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है। इससे दिल्ली के प्लांट की क्षमता कम हो जाती है और कई इलाकों में पानी का संकट गहरा जाता है। ऐसे में केजरीवाल सरकार इस समस्या से निपटने के लिए एडवांस में तैयार है। इसके लिए नई निगरानी प्रक्रिया तैयार की है, ताकि लोगों को भविष्य में पानी की किल्लत से न जूझना पड़े। पानी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद होने से रोकने के लिए जल मंत्री सत्येंद्र जैन व्यक्तिगत रूप से हरियाणा सरकार के साथ कोआर्डिनेट कर स्थिति की निगरानी करेंगे।
जीपीएस के जरिए रखी जा रही है टैंकरों पर निगरानी
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से राजधानी में जीपीएस आधारित टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे टैंकरों की पर्याप्त निगरानी हो रही है। टैंकर किस रूट पर चल रहा है। इसका रियल टाइम पर पता चल जाता है। वह अपने निर्धारित गंतव्य तक पहुंचा या नहीं, कब पहुंचा, इसका भी रिकॉर्ड रखा जा रहा है। ज्यादा पारदर्शिता लाने और सेवा की गुणवत्ता सुधारने के मकसद से केजरीवाल सरकार ने सभी टैंकरों में जीपीएस लगवाए है।
वेबसाइट पर उपलब्ध होगी पानी की आपूर्ति के समय की जानकारी
पीने योग्य पानी के वितरण के लिए भूमिगत जलाशयों और विभिन्न उपकरणों का मेंटेनेंस जल्द ही पूरा किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बूस्टर पंपिंग स्टेशनों के सभी पंप काम करने की स्थिति में हैं। पुरानी पानी की पाइप लाइनों को बदल दिया गया है।
ऑनलाइन कर सकते हैं पानी के बिल की जांच
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) पोर्टल पर ऑनलाइन पानी के बिल की जांच कर सकते हैं और डीजेबी वेबसाइट पर भुगतान गेट-वे के माध्यम से तुरंत भुगतान कर सकते हैं। मीटर रीडर्स द्वारा ऑनलाइन स्पॉट-रीडिंग, वॉटर मीटर की इमेज कैप्चरिंग और बिल जनरेशन के लिए एंड्रॉइड आधारित मोबाइल टैबलेट भी लॉन्च किया गया है। ऑनलाइन राजस्व प्रबंधन प्रणाली के अलावा, डीजेबी ने एक मोबाइल एप (एम-सेवा) लॉन्च किया था। इस एप के माध्यम से उपभोक्ता अपना पानी का बिल खुद तैयार कर सकेंगे। इसके अलावा बिल तैयार करने के बाद मोबाइल एप के जरिए उसे जमा भी करा सकेंगे।
लोगों की समस्याओं के लिए स्थापित किया जाएगा वाटर इमरजेंसी सेंटर
दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर वाटर इमरजेंसी कंट्रोल रूम रोजाना शिकायतों के निवारण के लिए काम कर रहे हैं। इन इमरजेंसी कंट्रोल रूम में शिकायतों के समाधान और निगरानी के लिए पर्याप्त स्टॉफ, संचार सुविधाओं और बेहतर उपकरणों से लगातार मजबूत किया गया है। वरिष्ठ अधिकारी जल आपात स्थितियों का समय-समय पर औचक निरीक्षण भी करेंगे।