आज से कई सालों पहले जब डबल रोल तो दूर, फिल्मों में डायलॉग का चलन भी नहीं शुरू हुआ था, उस समय भी एक फिल्म आई थी, जिसमें डबल रोल दिखाया गया था।
इस फिल्म का नाम था ‘लंका दहन’ और इसके निर्देशक थे भारतीय फिल्मों के पिता दादा साहेब फाल्के। 1917 में आई ‘लंका दहन’ एक साइलेंट फिल्म थी और वाल्मीकि जी की ‘रामायण’ पर आधारित थी।
जब मुंबई में फिल्म प्रदर्शित हुई, तो भगवान राम के दिखते ही दर्शक अपने जूते उतार देते थे। इस फिल्म ने बहुत कमाई की थी। फ़िल्म का कलेक्शन सिनेमा हॉल से बैलगाड़ी में भरकर भेजे जाते थे। करीब दस दिन में ही फ़िल्म ने 35 हज़ार रुपये कमाए थे जो उस ज़माने में बड़ी रकम थी।
इस फिल्म में अन्ना सालुंके ने राम और सीता दोनों का किरदार निभाया था। उस दौर में औरतों का फिल्मी दुनिया में काम करना आम बात नहीं थी। इसलिए अक्सर एक्टर्स ही महिला का किरदार निभाते थे। किसी भारतीय फिल्म में डबल रोल की शुरुआत करने वाले सालुंके पहले भारतीय कलाकार थे।
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सालुंके ने दादा साहेब फाल्के की पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ में भी एāक औरत का किरदार निभाया था। लेकिन ‘लंका दहन’ वो पहली फिल्म थी जिसमें उन्होंने हीरो और हीरोइन दोनों का ही किरदार निभाया।
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