बर्मिंघम में खेले जा रहे Commonwealth Games अब खत्म हो चुके हैं। ये खेल सबसे पहले 1930 में हेमिल्टन शहर, ओंटेरियो, कनाडा में आयोजित किए गए थे और इसमें 11 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। तब से हर चार वर्ष में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया जाता है।
इस साल यह बर्मिंघम में खेले जा रहे थे, जिनमें भारत ने 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य सहित कुल 61 पदक अपने नाम किए हैं। इसके साथ ही भारत अंक तालिका में चौथे स्थान पर है। भारत के लिए पदक जीतने की शुरूआत Mirabai Chanu ने की थी। आइए हम आज आपको उन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने गोल्ड मेडल जीता।
मीराबाई चानू (वेटलिफ्टिंग)
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है मीराबाई चानू का। उन्होंने भारत को पहला स्वर्ण दिलाया। मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में 49 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने लगातार तीन राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता है। 2014 ग्लास्गो में मीरा ने रजत पदक और 2018 गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा टोक्यो ओलंपिक में भी उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था।
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जेरेमी लालरिनुंगा (वेटलिफ्टिंग)
बर्मिंघम में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक वेटलिफ्टिंग में ही जेरेमी लालरिनुंगा के नाम का मिला। उन्होंने 300 किग्रा भार उठाकर देश गोल्ड हासिल किया। वह बर्मिंघम में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट हैं।
अंचिता शेउली (वेटलिफ्टिंग)
वेटलिफ्टिंग में भारत ने कमाल कर दिया। भारत को तीसरा स्वर्ण पदक 20 साल के अचिंता शेउली ने दिलाया। उन्होंने 73 किलोग्राम भारवर्ग में स्नैच राउंड में 143 किलो और क्लीन एंड जर्क राउंड में 170 किलो समेत कुल 313 किलो वजन उठाया।
महिला लॉन बॉल टीम
लॉन बॉल में भी भारतीय महिला टीम ने स्वर्ण जीता। उन्होंने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया। भारत का लॉन बॉल में यह पहला पदक है।
पुरुष टेबल टेनिस
बर्मिंघम में टेबल टेनिस में पहला स्वर्ण पदक पुरुष टीम ने जीता। भारत ने फाइनल में सिंगापुर को 3-1 से हराकर यह पदक अपने नाम किया।
सुधीर (पैरा-पावरलिफ्टिंग)
भारत के पैरा-पावरलिफ्टर सुधीर ने स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया। वह राष्ट्रमंडल खेलों में पैरा-पावरलिफ्टिंग (दिव्यांग एथलीट्स की वेटलिफ्टिंग) में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए।
बजरंग पूनिया (कुश्ती)
स्टार पहलवान बजरंग पूनिया कुश्ती के 65 किलोग्राम भारवर्ग में फाइनल में कनाडा के पहलवान लचलान को 9-2 से हराकर गोल्ड अपने नाम किया। बजरंग का यह राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीसरा पदक और लगातार दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत, 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण अपने नाम किया था।
साक्षी मलिक (कुश्ती)
2016 मे ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहलवान साक्षी मलिक ने महिलाओं की 62 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में कनाडा की एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को पिनफॉल से हराकर स्वर्ण अपने नाम किया। राष्ट्रमंडल खेलों में यह साक्षी का पहला स्वर्ण और कुल तीसरा पदक है।
दीपक पूनिया (कुश्ती)
दीपक पूनिया ने भारत को कुश्ती में स्वर्ण दिलाया। उन्होंने 86 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को 3-0 से हरा दिया। यह राष्ट्रमंडल खेलों में दीपक का पहला पदक है।
रवि दहिया (कुश्ती)
ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम करने वाले रवि दहिया ने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण जीता। यह उनका पहला राष्ट्रमंडल खेल था। फाइनल में रवि ने नाइजीरियन पहलवान एबीकेवेनिमो वेल्स को 10-0 से हरा दिया।
विनेश फोगाट (कुश्ती)
स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती के 53 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिया। विनेश का यह राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीसरा स्वर्ण है। इससे पहले उन्होंने 2014 में कुश्ती के 48 किलोग्राम भारवर्ग और 2018 में 50 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
नवीन (कुश्ती)
नवीन मलिक ने पहलवानी में अपने फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाड़ी को हराकर शानदार जीत हासिल की। उन्होंने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीता।
भाविना पटेल (पैरा टेबल टेनिस)
पैरा टेबल टेनिस में भाविना हसमुखभाई पटेल ने स्वर्ण जीत लिया। उन्होंने फाइनल में नाइजीरिया की इफेचुकवुदे क्रिस्टियाना को लगातार तीन गेमों में 12-10, 11-2, 11-9 से हरा दिया।
नीतू (बॉक्सिंग)
महिलाओं के 45-48 किग्रा भारवर्ग के फाइनल मैच में नीतू घणघस ने इंग्लैंड की डेमी जाडे को 5-0 से हराया। उन्होंने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में कोई पदक अपने नाम किया है।
अमित पंघाल (बॉक्सिंग)
पुरुषों के 48-51 किग्रा भारवर्ग में अमित पंघाल ने किआरन मैकडोनाल्ड को 5-0 हराया। अमित ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण अपने नाम किया।
एल्डोस पॉल (ट्रिपल जंप)
पुरुषों के ट्रिपल जंप में एल्डोस पॉल ने राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रिपल जंप में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाले पहले का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में 17.03 मीटर की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय की।
निकहत जरीन (बॉक्सिंग)
48-50 किग्रा (लाइट फ्लाई) वर्ग के फाइनल में विश्व चैंपियन निकहत जरीन ने उत्तरी आयरलैंड की कार्ली नॉल को 5-0 से हराया।
शरत-श्रीजा (टेबल टेनिस)
टेबल टेनिस में अचंता शरत कमल और श्रीजा अकुल की जोड़ी ने मिक्स्ड डबल्स में स्वर्ण पदक जीता। दोनों ने मलेशिया के जावेन चुंग और कारेन लाइने को 11-4, 9-11, 11-5, 11-6 से हराकर गोल्ड अपने नाम किया।
पीवी सिंधु (बैडमिंटन)
बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने सिंगल्स फाइनल मुकाबले में जीतकर गोल्ड अपने नाम किया है। फाइनल में उनका मुकाबला कनाडा की खिलाड़ी मिशेल ली के साथ हुआ। दुनिया की नंबर-7 शटलर पीवी सिंधु ने पहला गेम 21-15 से जीता था। वहीं, उन्होंने दूसरा गेम 21-13 से जीत लिया है। इसके साथ ही सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल्स में अपना यह पहला गोल्ड जीता है। कॉमनवेल्थ में विमंस सिंगल्स मुकाबलों में सिंधु का यह पहला गोल्ड है। आपको बता दें कि, इससे पहले 2018 में सायना नेहवाल ने कॉमनवेल्थ में विमेंस सिंगल्स का गोल्ड जीता था।
कॉमनवेल्थ गेम्स के पिछले दो सीजन में पीवी सिंधु ने 2014 में ब्रॉन्ज और 2018 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। सिंधु ने इसी सीजन में मिक्स्ड टीम इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। जबकि 2018 कॉमनवेल्थ में उन्होंने मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड जीता था। सिंधु की इस जीत के साथ ही भारत पदक तालिका में 4 नंबर पर पहुंच गया है।
लक्ष्य सेन (बैडमिंटन)
भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने राष्ट्रमंडल खेलों में कमाल कर दिया है। लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन के पुरुष एकल में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। फाइनल में उन्होंने मलेशिया के एंग जे योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से हरा दिया। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य की बात करें, तो उनके खून में ही बैडमिंटन है। उनके दादा का अल्मोड़ा के बैडमिंटन खिलाड़ियों में काफ़ी नाम था। वहीं, लक्ष्य सेन के पिता डी के सेन पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे और अब कोच हैं। लक्ष्य के बड़े भाई चिराग सिर्फ़ 13 साल की उम्र में नेशनल रैंकर बन गए थे। लक्ष्य ने सिर्फ़ तीन साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलने की शुरूआत की थी। उसी वक्त उनके पिता ने उन्हें खेल की बारीकियों के बारे में बताना शुरू किया था। इस स्वर्ण पदक के साथ ही लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों के पुरुष एकल में पदक जीतने वाले भारत के 10वें खिलाड़ी और स्वर्ण पदक जीतने वाले चौथे एथलीट बन गए। उनका राष्ट्रमंडल खेलों में यह पहला पदक है।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी (बैडमिंटन)
पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। देश को पहली बार पुरुष युगल में स्वर्ण मिला है। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने इंग्लैंड के बेन लेन और सीन वेंडी की जोड़ी को हराया।
अचंत शरत कमल (टेबल टेनिस)
40-वर्षीय टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना 7वां स्वर्ण पदक जीता। CWG के इतिहास में वो 7 स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं। शरत, 2 पुरुष सिंगल्स गोल्ड, 3 पुरुष टीम गोल्ड, 1 पुरुष डबल्स गोल्ड और 1 मिक्स्ड डबल्स गोल्ड जीत चुके हैं।
अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंत शरत ने पुरुषों की एकल स्पर्धा के फाइनल में इंग्लैंड के 29 वर्षीय लियाम पिचफोर्ड को 4-1 से हराया। पहला गेम हारने के बाद शरत कमल ने पिचफोर्ड को 11-13, 11-7, 11-2, 11-6, 11-8 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उनका कॉमनवेल्थ गेम्स में यह 13वां पदक है।
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