सालभर में कई त्योहार आते हैं। हर जगह त्योहारों को मनाने के तरीके अलग-अलग होते है। भारत में कुछ त्योहार भारतीय संस्कृति के हैं, तो कुछ बाहर से लिए गए हैं। हर त्योहार की अपनी अलग परंपरा होती है, जो अलग-अलग देशों में सदियों से चलती आ रही है। साल के सबसे अंत में आने वाला त्योहार क्रिसमस भी भारत में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। क्रिसमस से पहले थैंक्सगिविंग आता है और उसी समय से अमेरिका में विंटर हॉलिडे शुरू हो जाती हैं।
क्रिसमस आते-आते तमाम इवेंट्स शुरू हो जाते हैं। कहीं क्रिसमस बॉल का आयोजन होता है, तो कई हॉलिडे कुकीज बनाई जाती हैं। सिर्फ अमेरिका ही नहीं ऐसे कितने देश हैं, जहां क्रिसमस को लेकर थोड़े अजीब, थोड़े गजब और काफी सारे ट्रेडिशन फॉलो किए जाते हैं। भारत में भी इस दिन छुट्टी होती है। हर जगह पार्टी हो खेलों का आयोजन किया जाता है। लोग एक दूसरे को गिफ्टस देते हैं। कुछ जगहों पर लैन्टर्न फेस्टिवल का आयोजन होता है, तो कहीं केएफसी जाकर ही खाया जाता है। कुछ जगहों के लोग अपनी फैमिली के साथ रिश्तेदारों के घर जाकर पिकनिक मनाते हैं। क्रिसमस कैरोल गाते हैं और खूब मौज-मस्ती करते हैं। यहां जानें देश-विदेश में मनाए जाने वाले कुछ ट्रेडिशन के बारे में।
फिलीपींस
हर साल, सैन फर्नांडो शहर में लिगलिगन पारुल (Ligligan Parul) आयोजित किया जाता है, जिसमें चमकदार लालटेन होते हैं जो बेथलहम के सितारे का प्रतीक हैं। इसी त्योहार ने सैन फर्नांडो को ‘फिलीपींस की क्रिसमस राजधानी’ बना दिया है।
आइसलैंड
यहां पर क्रिसमस से पहले प्रत्येक रात, बच्चे अपने जूतों को सजाकर अपनी खिड़की के पास लटका देते हैं और सो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो बच्चे साल भर अच्छा करते हैं, उन्हें कैंडी दी जाती है और जो बच्चे साल भर शैतानी करते हैं, उनके जूतों में सड़े हुए आलू भर दिए जाते हैं। इससे बच्चों को पूरे साल भर कुछ अच्छा और नया करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
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नॉर्वे
नॉर्वे के लोग थोड़े अंधविश्वासी होते हैं और वे लोग उस दिन अपने घर के झाड़ू और पोछे को छुपा देते हैं। ऐसा इसलिए नहीं, ताकि उन्हें साफ-सफाई न करनी पड़े, बल्कि इसलिए कि कोई बुरी आत्मा झाड़ू के द्वारा पृथ्वी पर न आ सके। उनका मानना होता है कि क्रिसमस वाले दिन बुरी आत्माएं धरती पर लौट आती हैं और अगर झाड़ू को छुपा दिया जाए तो वह नहीं आती और ऐसे ही आसमान में भटकती रहती हैं।
यूक्रेन
यूक्रेन में, क्रिसमस ट्री को मकड़ी के जाले से सजाया जाता है। वो ऐसे आभूषण होते हैं जो मकड़ी के जाल की तरह दिखते हैं। वहां माना जाता है कि ये आभूषण सौभाग्य लाते हैं। दरअसल इसके पीछे एक कहानी है कि एक गरीब बुढ़िया थी जिसके पास अपने क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए कुछ नहीं था। जब वह सुब उठी तो उसने देखा कि उसका ट्री मकड़ी के जाले से ढका हुआ है और उसके पेड़ पर सूरज की किरणे पड़ने से सुंदर लग रहा है। आपको बता दें कि पोलैंड या जर्मनी में, क्रिसमस ट्री में मकड़ी या मकड़ी का जाला मिलने पर इसे सौभाग्य मानते हैं।
यूक्रेन और पोलैंड
यूक्रेन और पोलैंड जैसे देशों में घर का सबसे छोटा बच्चा आसमान में पहला तारा देखने तक इंतजार करता है। जब पहला तारा आसमान में दिखता है, तो उसे गाइडिंग स्टार कहते हैं, जिसका अर्थ होता है कि अब सभी तोहफे खोले जा सकते हैं।
फिनलैंड में खाते हैं पुडिंग
क्रिसमस की सुबह, फिनलैंड के कुछ परिवारों में ऐसा माना जाता है कि लोग सुबह होते ही चावल और दूध से बने दलिया को दालचीनी, दूध या मक्खन के साथ खाते हैं। इसमें अंदर बादाम छुपाया जाता है और जो पहले बादाम को ढूंढ लेता है वो जीतता है।