देश एक तरफ भारत में चीतों के आने की खुशी मना रहा था कि अचानक से एक और चीते की मौत की खबर ने सभी को चिंता में डाल दिया है। बता दें कि कुछ महिनों पहले 20 चीतों को भारत लाया गया था और इनकी देखभाल की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) को दी गई थी।
लेकिन बीते रविवार 23 अप्रैल को एक उदय नाम के चीते की मौत के बाद से कूनो शक के घेरे में है क्योंकि यहां पर चीतों को लाए जाने के बाद दूसरे चीते की मौत हुई है। अगर बात करें उदय की तो उसकी मौत का कारण हृदय एवं फेफड़ों का रूकना बताया जा रहा है।
उदय की मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है लेकिन अभी इस बात की पुष्टी नहीं की गई है कि उसकी मौत का कारण यही था। अभी जांच चल रही है और आने वाले दिनों में ही इसपर कुछ कहा जा सकता है।
बता दें कि काफी सालों पहले भारत से चीते समाप्त हो गए थे लेकिन अब चीतों के फिर से भारत लौटने के बाद ये खबर चिंता में डालने के समान है। अगर मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) जेएस चौहान की माने तो अभी नर चीता ‘उदय’ के पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण हृदय और फेफड़ों का काम बंद करना बताया गया है लेकिन अभी विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है और उसके बाद ही आगे कुछ कहा जाएगा।
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आपको बता दें कि जो भी चीते भारत लाए गए है वो दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले हैं। वहीं से उन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था। उदय के अलावा 12 और चीते अफ्रीका से लाए गए थे ताकि पुनः चीतों का संसार भारत में बसाया जा सके। इसके बाद सभी चीतों का नाम भी रखा गया।
हैरान करने वाली बात तो ये है कि पिछले एक महीने में ये दूसरी घटना सामने आई है। इससे पहले नामीबिया से भी जो 8 चीते लाए गए थे उनमें से ‘साशा’ नाम के चीते की 27 मार्च को मौत हो गई थी।
पहले भारत में कुल 20 चीते लाए गए थे लेकिन साशा और उदय की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 18 ही रह गई है। हालांकि जांच की जा रही है और चीतो की मौत के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है लेकिन अभी हर कोई बचे हुए 18 चीतों की सलामती की दुआ कर रहा है।