भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने से चूक गई हैं. महिला एकल क्लास के फाइनल मे चीनी खिलाड़ी झाउ यिंग के हाथों उन्हें 11-7, 11- 5, 11-6 की हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने देश की झोली में ऐतिहासिक सिल्वर मेडल डाला है. इसी के साथ टोक्यो पैरालंपिक में भी टोक्यो ओलंपिक की ही तरह भारत का खाता सिल्वर मेडल के साथ खुला.टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत का खाता खोला था. दुनिया की नंबर एक चीनी खिलाड़ी पूरे मुकाबले में ही भारतीय खिलाड़ी पर अपने खेल से हावी रही।
सिल्वर जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं
भाविना पटेल पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत के लिए मेडल जीतने वाली दूसरी महिला खिलाड़ी हैं. उनसे पहले दीपा मलिक इन खेलों में मेडल जीत चुकी है. दीपा मलिक ने 2016 में रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में 4.61 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता था. इससे पहले सेमीफाइनल में भाविना पटेल ने दुनिया की तीसरे नंबर की चीनी खिलाड़ी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था. भाविना ने सेमीफाइनल मुकाबला 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से जीता था.
बचपन में ही हो गया था पोलियो
भाविना को 12 महीने की उम्र में पोलियो हो गया था. पैरा टेबल टेनिस में कुल 11 कैटेगरी होती है. कैटेगरी 1 से 5 तक के एथलीट व्हीलचेयर पर खेलते हैं. 6 से 10 तक के एथलीट खड़े होकर खेल सकते हैं. क्लास-11 के एथलीटों में मानसिक समस्या होती है. भारत की भाविना बेन पटेल ने भी व्हीचेयर के सहारे पोडियम तक का सफर तय किया है.