भारत में आज भी कई ऐसे स्थान है जहां पर बरसों से चली आ रही जनजातियां निवास करती है। इनका इतिहास काफी पुराना है। आज हम आपको बताएंगे माडिया जनजाति के बारे में। माड़िया एक जनजाति है जो महाराष्ट्र के चन्द्रपुर और गढ़चिरौली जिलों में, तथा छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगलों में पाई जाती है। ये लोग माड़िया भाषा बोलते है।
ये अबुझ माड़िया और दण्डामी माड़िया दो तरह के होते हैं- अबुझ माड़िया और बाईसन होर्न माड़िया। इन दोनों जनजातियों की संस्कृति आपस में मिलती जुलती है। अबुझ माड़िया अबुझमाड़ के पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करते है और बाईसन होर्न माड़िया इन्द्रावती नदी से लगे हुये मैदानी जंगलो में। जंगलों में निवास करने वाली इस जनजाति निवास ने आजतक अपनी मूल परंपरा और संस्कृति को सहेज कर रखा हुआ है।
बाईसन होर्न माड़िया का नाम बाईसन इसलिए हैं, क्योंकि वे घोटूल में और खास अवसरों में नाचने के दौरान बाईसन यानी की गौर के सींगो का मुकुट पहनते है। इनके स्थानांतरित कृषि को झूम कहते हैं। दोनो उपजातियो की संस्कृति काफ़ी हद तक मिलती जुलती है।
ये दोनो ही बाहरी लोगों से मिलना जुलना पसन्द नहीं करते लेकिन दोनो में अबुझ माड़िया ज्यादा आक्रमक हैं। जब भी कोई व्यक्ति इनके इलाके में प्रवेश करता है तो यह असहज महसूस करते हैं और उनपर हमला कर देते हैं। ये नटखट स्वभाव के होते हैं। जबकी बाईसन होर्न माड़िया बाहरी लोगों के आने पर ज्यादातर जंगलो में भाग जाना पसन्द करते है।
हमारे देश में आपको और भी कई अलग-अलग अनोखी चीजें देखने के लिए मिलती हैं। जनजाति की बात करें तो यह भी अलग-अलग प्रकार की होती हैं। सबका रहने का तरीका, खान-पान,संस्क्रिती सब अलग होती है।
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