आज भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण रहा क्योंकि 95वीं ऑस्कर सेरेमनी में पहली बार ऐसा हुआ है जब भारत को एक साथ 2 अवॉर्ड मिले हैं। बता दें कि एक अवार्ड फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू ने अपने नाम किया है तो वहीं दूसरा अवार्ड द एलिफेंट व्हिस्परर्स को मिला है।
इसके अलावा इस रेस में डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म ऑल दैट ब्रीथ्स भी शामिल थी लेकिन वह रेस से बाहर हो गई, अगर ये अवार्ड भी भारत के नाम आता तो आज भारत के सिर पर एक साथ 3 ऑस्कर के ताज सज जाते।
इससे पहले भी नाटू-नाटू गाने को गोल्डन ग्लोब्स अवॉर्ड में बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का खिताब मिल चुका है। बता दें कि ऑस्कर सेरेमनी में ये अवार्ड RRR के नाटू-नाटू गाना लिखने वाले चंद्रबोस और कंपोजर एमएम कीरवानी ने लिया। इस दौरान फिल्म के डायरेक्टर राजामौली भी इस सेरेमनी में मौजूद रहे।
इसी कड़ी में बेस्ट शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री चुनी गई द एलिफेंट व्हिस्परर्स, जिसका अवार्ड डायरेक्टर कार्तिकी गोंजाल्विस और प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने लिया। इस अवार्ड कार्यक्रम में दीपिका पादुकोण सेरेमनी प्रेजेंटर के तौर पर शामिल हुई थी और भारत के नाम ये 2 अवार्ड देखकर वो भी भावुक हो गई।
पीएम मोदी ने दी बधाई ?
ये भी पढ़े बेस्ट 50 फिल्मों की लिस्ट में RRR रही टॉप 10 में,…
भारत के इस ऐतिहासिक पल के लिए पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया, अपने ट्वीट में पीएम ने लिखा कि मैं RRR और द एलिफेंट व्हिस्परर्स के मेकर्स को बधाई देता हूँ। ‘नाटु नाटु’ गाना सालों तक याद किया जाएगा, ये गाना इतना शानदार है कि इसकी लोकप्रियता वैश्विक है। भारत को ये सम्मान दिलाने के लिए एमएम कीरवानी और चंद्रबोस समेत पूरी टीम को मेरी तरफ से बधाई। आज भारत इस उपलब्धि के लिए प्रफुल्लित और गौरवान्वित है।
भारत के लिए 2 महिलाओं ने कर दिखायाः गुनीत मोंगा ?
इस दौरान द एलिफेंट व्हिस्परर्स को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का अवॉर्ड मिलने के बाद डॉक्यूमेंट्री की प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने अपने सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर की, उन्होंने कहा कि मैं अभी तक कांप रही हूँ, ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी इंडियन प्रोडक्शन ने ऑस्कर जीता है। केवल दो महिलाओं ने ये कर दिखाया। इनके अलावा डायरेक्टर कार्तिकी गोंजाल्वेस ने कहा कि- यह अवॉर्ड हमारा नहीं है बल्कि हमारी मातृभूमि भारत का है।
द एलिफेंट व्हिस्परर्स की कहानी क्या है ?
बता दें कि अगर इस फिल्म की कहानी की बात की जाए तो फिल्म की कहानी दक्षिण भारत के एक कपल बोमन और बेली पर आधारित है। इस फिल्म में दोनों एक रघु नाम के अनाथ छोटे हाथी की देखभाल करते हुए नजर आते हैं।
इस फिल्म को खास बनाता है फिल्म में इंसान और जानवरों के बीच दिखाई गई बॉन्डिंग। ऑस्कर जीतने वाली द एलिफेंट व्हिस्परर्स गुनीत की दूसरी फिल्म है, इससे पहले उनकी फिल्म पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस को साल 2019 में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शार्ट फिल्म की कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है।
62 साल में पहली बार बदला ऑस्कर के कार्पेट का कलर ?
इस साल केवल भारत ने ही 2 ऑस्कर अवार्ड अपने नाम नहीं किए बल्कि इस बार 62 साल में ऐसा हुआ है जब ऑस्कर के कार्पेट का कलर रेड से बदल कर शैम्पेन कलर का कर दिया गया और इसी कार्पेट पर सभी ने एंट्री ली। हैरानी की बात तो ये है कि ऑस्कर को उसके रेड कार्पेट के लिए जाना जाता था लेकिन फिर भी इस कार्पेट का रंग बदल दिया गया।
अब तक भारत के नाम कितने ऑस्कर ?
बताते चलें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब भारत ने ऑस्कर अपने नाम किया है, इससे पहले साल 1992 में फिल्ममेकर सत्यजीत रे को ‘ऑनरेरी लाइफटाइम अचीवमेंट’ का ऑस्कर अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा एआर रहमान ने साल 2008 में रिलीज हुई ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के म्यूजिक और सॉन्ग के लिए बेस्ट म्यूजिक कैटेगरी में ऑस्कर जीता था।
इसके अलावा गीतकार गुलजार को भी ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के ‘जय हो’ गाने के लिए ऑस्कर अवार्ड का सम्मान मिला था। इसके साथ ही ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के लिए रेसुल पोक्कुट्टी को ‘बेस्ट साउंड मिक्सिंग’ कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला था।