18.1 C
Delhi
गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
Advertisement
Advertisement
Advertisement

भारत के पहले ‘Golden Boy’, अभिनव बिंद्रा का ‘शूटिंग’ का सफर

28 सितंबर 1982 को देहरादून में जन्मे अभिनव बिंद्रा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने खेल के जरिए इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों लिखा है। देश को ओलंपिक खेलों में पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा ने वो सब हासिल कर लिया है, जिसके बारे में कभी किसी ने शायद सोचा भी नहीं होगा। वह बचपन से ही शूटिंग करना पसंद करते थे, इसके प्रति उनका प्यार देखकर उनके माता-पिता ने पटियाला के घर में ही एक शूटिंग रेंज की व्यवस्था कर दी थी, और फिर हुआ उनका शूटिंग का सफर।

आइए जानें कैसा रहा उनका यह सफर !

  • 15 साल की उम्र में अभिनव ने 1998 के कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लिया था और वह इन खेलों में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी बने थे।
  • साल 2001 के म्यूनिख विश्व कप में 597/600 के नए जूनियर विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
  • साल 2001 में ही उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड, 2009 में पद्म भूषण और 2011 में सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक दी गई थी।
  • अभिनव बिंद्रा ने साल 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स, 2006 के मेलबर्न और जागरेब वर्ल्ड चैंपियनशिप, 2010 में दिल्ली और 2014 में ग्लासगो के कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
  • इसके अलावा उन्होंने 2010 में ग्वांग्झू एशियन गेम्स में गोल्ड और 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता।
  • 2008 बीजिंग ओलंपिक में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में देश का पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता।

ये भी पढ़े – जानिए क्यों फ्लाइट में गुलशन ग्रोवर को देख कर डर गई थी एयर होस्टेस, कह दी थी ये बात ?

मोहित नागर
मोहित नागर
मोहित नागर एक कंटेंट राइटर है जो देश- विदेश, पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और वास्तु से जुड़ी खबरों पर लिखना पसंद करते हैं। उन्होंने डॉ० भीमराव अम्बेडकर कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। मोहित को लगभग 3 वर्ष का समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम करने का अनुभव है।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles

BEGLOBAL