उत्तर प्रदेश की अयोध्या ब्रांच के पंजाब नेशनल बैंक में काम करने वाली एक महिला अधिकारी श्रद्धा गुप्ता ने बीते शनिवार को अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद जब घटना की जानकारी पुलिस को मिली तो पुलिस मामले की जांच में जुट गई इस दौरान पुलिस को श्रद्धा गुप्ता के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें श्रद्धा गुप्ता ने आइपीएस अधिकारी आशीष तिवारी समेत तीन लोगों पर हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए अपनी मौत का जिम्मेदार बताया।
बता दें कि, मृतका श्रद्धा गुप्ता लखनऊ के गोमतीनगर की रहवासी थी और फिलहाल अयोध्या में तैनात थी। श्रद्धा गुप्ता अयोध्या ब्रांच में करीब पांच साल से कार्यरत थीं। जिसके बाद अचानक श्रद्धा गुप्ता ने बीते शनिवार को अपने किराये के घर में दुपट्टे से लटक कर आत्महत्या कर ली। इस दौरान श्रद्धा गुप्ता के घर में मिले सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि, उनकी खुदकुशी के लिए आईपीएस अफसर आशीष तिवारी, हेड कांस्टेबल अनिल रावत और विवेक गुप्ता जिम्मेदार हैं।
श्रद्धा गुप्ता के भाई रीतेश गुप्ता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उनके घर वालों ने श्रद्धा को जब कल रात फोन किया तो श्रद्धा ने फोन नहीं उठाया। इस पर घर वालों लगा कि शायद हो सकता है कि वह सो गई होगी। लेकिन जब सुबह 10-12 बार फोन करने पर भी जब श्रद्धा ने फोन नहीं उठाया तो उन लोगों को घबराहट हुई और उन्होंने श्रद्धा के मकान मालिक को फोन कर श्रद्धा के बारे में पूछा इसके बाद जब मकान मालिक श्रद्धा के घर पहुंचा तो उन्होंने श्रद्धा को फांसी पर लटका पाया, जिसके बाद उन्हें श्रद्धा के फांसी लगाने की खबर मिली।
दरअसल, श्रद्धा गुप्ता ने अपने सुसाइड नोट में जिन तीन लोगों का जिक्र किया है, उनमें आईपीएस आशीष तिवारी कुछ साल पहले अयोध्या में एसएसपी रह चुके हैं, और विवेक गुप्ता वो शख्स है जिससे श्रद्धा गुप्ता की शादी तय की गई थी। लेकिन विवेक का चाल-चलन अच्छा न होने के चलते श्रद्धा गुप्ता ने विवेक से शादी करने से इंकार कर दिया था।
इसपर श्रद्धा गुप्ता के परिवार वालों का कहना है कि श्रद्धा के शादी के लिए मना करने के बाद से ही विवेक नाराज हो गया था और श्रद्धा को बहुत ज्यादा परेशान करने लगा था। इतना ही नहीं विवेक श्रद्धा को डराने के लिए बड़े-बड़े पुलिस अफसरों से भी उसे फोन करवा कर परेशान करता था।
इस घटना को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में कहा कि, “अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक की महिला कर्मचारी की आत्महत्या मामले में मिले सुसाइड नोट में जिस प्रकार पुलिस के लोगों पर सीधा आरोप है वो उप्र में बदहाल क़ानून-व्यवस्था का कड़वा सच है। इसमें सीधे एक आईपीएस अफ़सर तक का नाम आना बेहद गंभीर मुद्दा है। इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच हो।”
बताते चलें कि, इस घटना में मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आईपीएस अधिकारी आशीष तिवारी समेत तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस घटना पर पत्रकारों से चर्चा में अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे ने कहा कि पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने के बाद जब कमरे का दरवाजा तोड़ कर खोला तो लेडी ऑफिसर की डेड बॉडी दुपट्टे से लटकी मिली। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई के बारे में कुछ बता पाएंगे। शैलेश पांडे ने कहा कि, पुलिस को जो सुइसाइड नोट मिला है, उसकी जांच कराई जाएगी। उसमें कुछ नाम हैं वह नाम कैसे आए हैं। उसकी जांच की जा रही है जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।