भारत में अक्सर धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों लगाया होता है। जिसके इस्तेमाल से कई लोगों को समस्या होकी है। कई बार लोगों ने इसके लिए शिकायत भी की है। इस बात को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। इस बार इस विवाद को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने हवा दी है। राज ठाकरे की चेतावनी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए पुलिस की अनुमति अनिवार्य कर दी है।
आपको बता दें कि, राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी कि तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाने चाहिए नहीं तो उनके कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे। इस चेतावनी पर महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के नेताओं ने राज ठाकरे की खिंचाई की थी, लेकिन लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए पुलिस की अनुमति अनिवार्य कर दी।
वहीं, इससे ध्वनि प्रदूषण भी होता है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, “लाउडस्पीकर को रात 10 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और सभी लाउडस्पीकरों में ‘साउंड लिमिटर’ लगे होने चाहिए।”
हालांकि, भारत के अलावा और भी कई देश हैं। जहां, धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है। नीदरलैंड, जर्मनी, स्विटजरलैंड, फ्रांस, यूके, ऑस्ट्रिया, नॉर्वे और बेल्जियम सहित कई देशों में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग की सीमाएं तय हैं, कुछ शहरों ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। यहां जानें ऐसे ही कुछ उदहारण।
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मुस्लिम में सबसे अधिक आबादी वाला देश इंडोनेशिया है। वहां सी सरकार का कहना है कि, धार्मिक स्थलों पर द्वारा ध्वनि प्रदूशण होता है। इसके लिए इंडोनेशिया ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा सऊदी अरब ने पिछले साल जून में, आदेश दिया था कि सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों को कम आवाज़ करके सुनाया जाना होगा। इसके अलावा अमेरिका, 2004 में अमेरिका के मिशिगन के हैमट्रैक में अल-इस्लाह मस्जिद ने अजान को प्रसारित करने के लिए लाउडस्पीकर की अनुमति का अनुरोध किया था। साल 2016 में नाइजीरिया के लागोस के अधिकारियों ने उच्च-शोर के स्तरों को कम करने के प्रयास में 70 चर्चों और 20 मस्जिदों को बंद कर दिया था।