बीते शनिवार 15 अप्रैल को अतीक अहमद की मौत से चारों तरफ खौफ फेला हुआ है क्योंकि ऐसी हत्या की घटना कभी पहले नहीं देखी गई। जिस वक्त अतीक और उसके भाई की हत्या की गई तब कई मीडिया चैनल उसका इंटरव्यू ले रहे थे। तभी अचानक से तीन बदमाश आए और उन्होंने अतीक के सिर में गोली मार दी।
इसके बाद कई गोलियां लगातार मारी गई। जिसमें अतीक और उसके भाई अशरफ दोनों की मौके पर मौत हो गई। इस घटना के बाद हर कोई अगले फैसले पर नजरे टिकाए हुआ था। जिसके बाद अब इस मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने यूपी पुलिस के महानिदेशक और प्रयागराज के पुलिस आयुक्त को नोटिस भेज दिया है और अगले 4 हफ्तों में इस मामले पर रिपोर्ट की मांग की है।
इस नोटिस में कहा गया है कि हत्याकांड का संपूर्ण विवरण दिया जाना चाहिए। साथ ही एनएचआरसी ने नोटिस में समय, जगह और गिरफ्तार करने के कारण को भी मांगा है। साथ ही आरोपियों पर क्या केस लगाया गया है। इसकी भी मांग नोटिस में की गई है। इसके अलावा क्या आरोपियों के परिवार को इसकी जानकारी दी गई है। इसकी मांग भी एनएचआरसी ने की है।
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की क्या है मांग ?
एनएचआरसी ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि यूपी पुलिस को इस पूरी घटना का ब्यौरा देना है। कोई भी बात हमसे छुपानी नहीं है। इसके अलावा एनएचआरसी ने कहा है कि इस घटना के बाद जो पोस्टमॉर्टम हुआ है। उसकी वीडियोग्राफी की वीडियो कैसेट या सीडी भी मांगी गई है।
इसके साथ ही एनएचआरसी ने कहा है कि पुलिस एक रिपोर्ट तैयार करते हुए ये भी बताए कि कितनी गोलियां उन्हें लगी है। साथ ही घटना स्थल और घटना की पूरी जानकारी भी पुलिस से मांगी गई है।
आखिर क्या है पूरा मामला ?
बताते चलें कि माफिया और पूर्व सांसद रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की बीते 15 अप्रैल की रात में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हैरानी की बात तो ये है कि जब इस घटना को अंजाम दिया गया तब कैमरे और पुलिस दोनों मौजूद थे।
इससे 2 दिन पहले ही अतीक के बेटे की भी हत्या कर दी गई थी। जिसे पुलिस एनकाउंटर में एसटीएफ ने अंजाम दिया था। लेकिन अब अतीक की मौत के बाद से यूपी का सियासी माहौल गर्माया हुआ है और विपक्षी नेता बीजेपी सरकार पर हमला बोल रहे हैं।