देश में चुनावी माहौल है और राजनीतिक बहस बाजियां शुरू हो चुकी हैं। आज का दिन पूरे देश के लिए बड़ा दिन है। आज यानी 10 मार्च 2022 को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के साथ-साथ गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की कुल 690 सीटों पर मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी। 690 सीटों में से यूपी की 403, पंजाब की 117, उत्तराखंड की 70, मणिपुर की 60 और गोवा की 40 सीटों पर वोट गिने जाएंगे।
यूपी में हो रहा चुनाव सबसे अहम मुद्दा है। उत्तर प्रदेश में सपा और बीजेपी दोनों दावा कर रही हैं कि इस बार उनकी ही सरकार बनेगी। वहीं, इन सब के बीच हर बार की तरह इस बार भी EVM को लेकर विवाद शुरू हो चुका है। हर बार की तरह इस बार भी EVM की चोरी के ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं। आज के दिन सभी पार्टियों के सियासी भविष्य का फैसला होगा। इनमें सबसे बड़ा नाम है, योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, अमरिंदर सिंह, चरणजीत सिंह चन्नी, प्रमोद सावंत, पुष्कर सिंह धामी, हरीश रावत, स्वामी प्रसाद मौर्य। उत्तर प्रदेश का चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, किसान आंदोलन जैसे सारे बड़े मुद्दों को छोड़कर इस बार EVM की सुरक्षा से बड़ा मुद्दा है। अखिलेश यादव को EVM की सुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा चिंता है। अपनी चिंता को दूर करने के लिए उन्होंने अपनी गठबंधन सरकार को ईवीएम की निगरानी के लिए बैठा दिया है। उनके साथीयों का EVM की सुरक्षा करने का अंदाज काफी निराला है। उनकी तरफ से मऊ में सुहेलदेव, भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्बास अंसारी, ढोलक और हारमोनियम की धुन पर थिरकते हुए पूरी रात EVM की सुरक्षा में लगे हुए थे।
कैसे हो रही है EVM की सुरक्षा ?
आपको बता दें कि अब्बास अंसारी ने एक कार्यक्रम रखा था। जिसमें सड़क के किनारे संगीत बजाए जा रहे थे, ताकि किसी को नींद न लगे और रातभर EVM पर नज़र रखी जा सके। वहीं दूसरी तरफ सड़क के दूसरे किनारे भारी पुलिस बल तैनात थी। इस बारे में जब अब्बास अंसारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘गीत के माध्यम से संदेश यही है कि हम सब लोगों की सबसे बड़ी पूंजी इस देश का संविधान है और हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा लोकतांत्रिक देश है। इसी को बचाने के लिए आज हम सब लोग यहां पर मौजूद हैं।’
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क्यों है EVM अहम मुद्दा ?
आपको बता दें कि EVM का मुद्दा इसलिए भी अहम है, क्योंकि हल ही में बनारस में ईवीएम वाले तीन ट्रक मिले थे। जिनमें से एक को सपा कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया था, जिसके बाद अखिलेश यादव ने ईवीएम को देख धांधली का आरोप लगाया था। हालंकि, बाद में चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि वो ईवीएम ट्रेनिंग वाली थीं और उनका नतीजों से कोई लेना देना नहीं है। इसपर अखिलेश यादव का कहना है कि उन्हें ईवीएम पर ज्यादा भरोसा नहीं है।
यूपी चुनाव की बड़ी ख़बरें
बात यूपी चुनाव की हो रही तो आपको बता दें कि यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा 8 जनवरी को हुई थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा सबसे बड़ा चुनाव हैं। यहां सबसे ज्यादा 403 सीटों पर सात चरणों में मतदान हुआ था। यह मतदान10 फरवरी से 7 मार्च तक चला। पहले चरण 10 फरवरी को एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर हुआ। दूसरे चरण 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर हुआ। जबकि तीसरे चरण के लिए 20 फरवरी को 16 जिलों की 59 सीटों पर वोट पड़े। चौथा चरण 23 फरवरी को नौ जिलों की 59 सीटों पर, पांचवां चरण 27 फरवरी को 12 जिलों की 61 विधानसभा सीटों पर, छठा चरण 3 मार्च को 10 जिलों की कुल 57 सीटों पर और सातवें और अंतिम चरण के लिए 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान हुए थे। एग्जिट पोल के अनुसार इस बार भी उत्तर प्रदेश में BJP की जीत दिखाई गई है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि इस बार राज्य में किसकी सरकार अपना झंडा लहराएगी।