आजकल ऐप्स दैनिक जीवन का हिस्सा बन रहे हैं। आप भी रोजाना अपने मोबाइल या कम्पयूटर पर ऐप्स का इस्तेमाल करते ही होंगे। अधिकांश लोकप्रिय ब्रांडों के पास ग्राहकों के साथ इंटरेंकट करने के लिए अपनी ऐप उपलब्ध है।
जैसे- जैसे टेक्नोलॉजी बढ रही है, वैसे-2 ऐप का इस्तेमाल भी बढ रहा है। इसके साथ- साथ स्मार्टफोन के लगातार बढ़ते उपयोग के कारण भी ऐप्स का इस्तेमाल तेजी के साथ बढ रहा है। छोटे व्यवसाय से लेकर ईकॉमर्स, फ़िटनेस, धार्मिक, एंटरटेनमेंट सभी के लिए आज हमारे पास ढेरो ऐप मौजूद है।
ऐसे में आप भी सोच रहे होंगे की एक ऐप कैसे बनती है। अगर आपको प्रोग्रामिंग नहीं आती तो घबराए नहीं. इसमें परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आजकल बिना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और बिना टेक्निकल स्किल्स के भी ऐप बनाया जा सकता है। अगर आपको नहीं पता है कि बिना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और बिना टेक्निकल स्किल्स के एक ऐप कैसे बनायी जाती है तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे की ऐप कैसे बनायी जाती है। हमारे द्वारा बताए गए इन साधारण स्टेप्स की मदद से आप भी आसानी से एक ऐप बना सकेंगे।
- ऐप के लिए आइडिया सोचें
- मार्केट रिसर्च करें
- ऐप के लिए फिचर्स चुनें
- ऐप के लिए डिजाइन बनाएं
- ऐप के लिए राइट टेस्ट डिवाइस चुने
- ऐप को अपनी डिवाइस में इंस्टॉल करें
- अगर किसी और फिचर की आवश्यकता है तो एड करें
- फिर ऐप को डिवाइस पर टेस्ट करें
- ऐप को पब्लिश करें
ऐप बनानें के लिए आप ऐपी पाई, अल्फा जैसी साइटो की मदद ले सकते है। जो दोनों मोबाइल प्लेटफॉर्म के लिए ऐप बनाने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म हैं। जब आप एक नया एंड्रॉइड ऐप बनाते हैं, तो आप सिंगल कोड बेस का उपयोग करके एक शानदार आईफोन ऐप भी बना रहे होते हैं।
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ऐप के लिए आइडिया सोचें
सबसे पहले आपको अपनी ऐप के लिए आइडिया होना जरुरी है कि आपकी ऐप का क्या नाम होगा, उसका इंटरफ़ेस कैसा होगा। उसका ओवरऑल डिजाइन किस तरह का होगा। स्टेटिस्टा के अनुसार 2020 में, 218 बिलियन मोबाइल ऐप डाउनलोड किए गए है, और यह संख्या 2022 तक 258 बिलियन तक पहुंच जाएहगी। मोबाइल ऐप की स्पष्ट रूप से उच्च मांग है, जो इस बाजार को बहुत प्रतिस्पर्धी बनाती है। इसलिए, जब आप अपने व्यवसाय के लिए एक ऐप बनाने का निर्णय लेते हैं, तो ऐप आइडिया, आपके ऐप के लिए बहुत जरुरी हो जाता है। आपकी ऐप का नाम यूनिक होना चाहिए।
मार्केट रिसर्च करें
यदि आप ऐसी ऐप बनाना चाहते है जो लोगो की सम्स्या को दुर कर सके, और यदि आप ऐप स्टोर में अन्य ऐसी ही ऐप देखते हैं जो पहले से ही उसी समस्या का हल हैं जो आपका ऐप करता है तो निराश न हों। आप इसमें सुधार कर सकते है।
- सबसे पहले उस तरहा की सभी ऐप्स के बारें में पढे
- जैसे ऐप का नाम, फिचर सेट, मूल्य, ऐप पब्लिशर, लास्ट अपडेटिड, रेटिंग और रिव्यू व डाउनलोड आदि।
- अब अपने आइडिये पर इन सभी चिजों को ध्यान में रखकर काम करें।
ऐप के लिए फिचर्स चुनें
अब जब आपने अपनी ऐप का नाम सोच लिया है, मार्केट रिसर्च कर लिया है। अपनी ऐप के लिए कैटगरी भी सोच ली है। जिस कैटगरी के लिए आफ ऐप बनानें वाले है। अब समय है अपनी ऐप के लिए फिचर्स के बारें में सोचने का
अगर आप अप्पी पाई ऐपमेकर से अपनी ऐप बना रहें है तो इसमें आपको छह आकर्षक डिजाइन मिलते है, कलर स्कीम के लिए, जो आपकी ऐप में चार चाँद लगा देंगे। आप अप्पी पाई में डीप ओशन, गो ग्रीन, चीयरफुल चेरी, डायनेमिक सनबर्स्ट, कार्बन मिस्टिक और टेक्नो ग्रे में से एक कलर स्कीम चुन सकते है।
ऐप के लिए डिजाइन बनाएं
अब बारी है ऐप के डिजाइन की, आपकी ऐप का डिजाइन और लुक बेहद जरुरी है। अपनी ऐप के लिए सही कलर स्कीम चुनें जिसे आप कस्टमाइज भी कर सकते है।
ऐप डिजाइन सेक्शन में आप ऐप लेआउट, ऐप आइकन व बैकग्राउंड, फॉन्ट व कलर को अपनी पसंद के हिसाब से चुन सकते है।
डिज़ाइन- ऐप कलर थीम, हेडर स्टाइल, नेविगेशन मोड, आइकन जो इसे स्टोर में और यूजर की होम स्क्रीन, स्प्लैश स्क्रीन, फीचर आइकन आदि पर प्रदर्शित करेगा। आपका होम पेज सबसे अधिक देखा जाने वाला पेज होगा और आपके यूजर को आपके ऐप का पहला अनुभव देगा। इसे डिजाइन करने में ज्यादा समय बिताएं। इसे आपकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं को प्रदर्शित करना चाहिए।
ऐप के लिए राइट टेस्ट डिवाइस चुनें
आपको यह आश्चर्य होना स्वाभाविक है कि आपकी पसंद की डिवाइस पर आपके ऐप यूजर को ऐप कैसे दिखेगा। यह प्रक्रिया के सबसे रोमांचक हिस्सों में से एक है जहां आपको अपने सभी प्रयासों का परिणाम देखने को मिलेगा। क्यूआर कोड या लिंक की मदद से आप अपनी पसंद के डिवाइस पर ऐप इंस्टॉल कर पाएंगे। एक बार जब आप अपने फोन पर ऐप तैयार कर लेंगे, तो आप देख पाएंगे कि आपका ऐप आपके ऐप यूजर के लिए कैसा दिखेगा।
ऐप को अपनी डिवाइस में इंस्टॉल करें
जब आप अपनी ऐप को बना लेंगे तो जाहिर तौर पर आप ये दखना चाहेंगे की आपकी डिवाइस पर आपका ऐप कैसा दिखता है। डिवाइस पर ऐप इंस्टॉल करने के बाद इसके सभी फिचर्स को टेस्ट कर लें की सभी थीक से काम कर रहें है या नहीं। अगर ऐप में कोई खामी है तो उसे नोट कर लें। लेकिन अपना नया ऐप दुनिया के साथ शेयर करने से पहले, यह जांच ले कि सब कुछ आपकी योजना के अनुसार चल रहा है या नहीं। आपको अलग-अलग ओएस और विभिन्न ब्राउज़रों का उपयोग करके ऐप के उन सभी संस्करणों का परीक्षण करना होगा जिन्हें आप प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं (मूल आईओएस, एंड्रॉइड, पीडब्ल्यूए, आदि)।
अगर किसी और फिचर की आवश्यकता है तो एड करें
अगर आवश्यकता है तो आप अपनी में डायरेक्टरी, ब्लॉग, इवेंट, मेप, एज्युकेशन आदि अन्य फिचर जोड सकते है।
फिर ऐप को डिवाइस पर टेस्ट करें
अन्य फिचर ऐड करने कें बाद आप फिर से अपनी ऐप को डिवाइस पर टेस्ट कर सकते है कि जो फिचर आपने एड किये है वो सही से काम कर रहें है या नहीं।
- कुल मिलाकर ऐप स्पीड
- ऐप खराब कनेक्टिविटी में कैसा प्रदर्शन कर रही है।
- कोई टास्क करते समय कोई क्रैश तो नहीं हो रहा।
- सभी स्क्रीन के लिए डिज़ाइन सही ढंग से अनुकूलित है
- ऐप का कोई पहलू “छिपा हुआ” तो नहीं है
- नेविगेशन सहज और कुशल है या नहीं
- ऐप का नाम/स्टोर विवरण आदि
ऐप को पब्लिश करें
किसी भी ऐप डेवलपर के लिए सबसे प्रतीक्षित समय है जब वह अपनी ऐप को ऐप स्टोर पर लाइव करता है। आपके ऐप को प्रकाशित करने की प्रक्रिया अलग-अलग ऐप स्टोर के लिए अलग-2 है।
एक बार जब आप अपने एंड्रॉइड ऐप को Google Play Store पर और हमारे iOS ऐप को ऐप्पल ऐप स्टोर पर पब्लिश कर देंगे, तो आपके ऐप यूजर आसानी से वहां जाकर वहां से आपकी ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं।
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