लखीमपुर खीरी में भाजपा नेता के काफिले की गाड़ियों ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर गाड़ियां चढ़ा दी थी जिसमें 3 किसानों और एक टीवी पत्रकार की मौत हो गई थी। जिसके बाद से सभी के बीच रोष का माहौल है।
इसके बाद से लगातार देखा जा रहा है कि भाजपा नेता वरुण गांधी इस घटना के खिलाफ आवाज उठाने का काम रहे है। इसी को लेकर बीते गुरुवार को कांग्रेस नेता अलका लांबा ने वरुण गांधी को सुझाव देते हुए कहा कि, अगर वरुण गांधी सही मायने में किसानों की लड़ाई लड़ना चाहते है, तो उन्हें भाजपा का साथ छोड़कर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरना चाहिए।
दरअसल, कांग्रेस नेता अलका लांबा ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए यह सब कहा, उन्होंने कहा कि, ”मैं वरुण गांधी को सुझाव दूंगी कि अगर उनमें थोड़ा भी स्वाभिमान बचा है और अगर वह लखीमपुर खीरी में कुचले गए किसानों के लिए अपनी लड़ाई को लेकर ईमानदार हैं, तो उन्हें ट्विटर पर लड़ाई लड़ने के बजाय भाजपा छोड़कर सड़कों पर उतरना चाहिए और अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।”
अलका लांबा ने कहा कि, ”अगर वरुण गांधी को लगता है कि अगले कैबिनेट विस्तार में उन्हें जगह मिल सकती है, तो मुझे लगता है कि वह गलत सोच रहे हैं।” वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के सवाल पर अलका लांबा ने कहा कि, ”मैं उन्हें कोई निमंत्रण देने वाली नहीं हूं, यह वरुण गांधी का फैसला होगा।”
बता दें कि, वरुण गांधी ने बीते गुरुवार को लखीमपुर खीरी की घटना का एक वीडियो अपने ट्विटर के माध्यम से साझा किया था, जिसमें एक भाजपा नेता के काफिले की एक एसयूवी प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलते हुए नजर आ रही है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा था कि, ”वीडियो बिलकुल स्पष्ट है। प्रदर्शनकारियों को हत्या के माध्यम से चुप नहीं कराया जा सकता है। निर्दोष किसानों की हत्या के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए और अहंकार तथा क्रूरता का संदेश हर किसान के जेहन में आने से पहले न्याय दिया जाना चाहिए।”
इससे पहले 5 अक्टूबर को भी वरुण गांधी ने ऐसा ही एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झखझोर देगा। पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे।’